Uttar Pradesh
Ghaziabad में मासूम के साथ व्यक्ति ने किया था दुष्कर्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
Ghaziabad के नंदग्राम थाने की पुलिस ने एक ऐसे बदमाश को पकड़ा जिसने एक छोटी बच्ची को चोट पहुंचाई थी। उन्हें उसका पीछा करना पड़ा और इस दौरान उन्होंने उसे थोड़ा चोट पहुंचाई। उन्हें उसके पास से एक बंदूक और कुछ गोलियां मिलीं। 13 अक्टूबर को एसीपी नंदग्राम पूनम मिश्रा नाम के एक व्यक्ति ने एक दुखद कहानी साझा की। एक पिता नंदग्राम थाने में यह बताने आया कि किसी ने उसकी 7 वर्षीय बेटी को बहुत बुरी तरह से चोट पहुंचाई है।
पिता आलू चाट नामक नाश्ता बेचता है और 12 अक्टूबर को रामलीला मैदान नामक मेले में इसे बेच रहा था। उसकी बेटी मेले में उसके साथ थी, लेकिन बाद में वह घूमने चली गई। जब वह इधर-उधर घूम रही थी, तो एक अजनबी ने उसे आइसक्रीम का लालच देकर धोखा दिया और उसे मेले से दूर नदी के पास एक जगह ले गया, जहां कुछ भयानक हुआ। लड़की के संकेतों का पालन करके और सुरक्षा कैमरे की फुटेज देखकर पुलिस उस बदमाश को पकड़ने में सफल रही। नया बस्ती नंदग्राम में रहने वाले 19 वर्षीय सद्दाम को पुलिस ने इसलिए पकड़ा क्योंकि उसने कुछ गलत किया था।
जब पुलिस उसे वापस उस जगह ले गई जहाँ उसने और सुराग खोजने के लिए यह गलत काम किया था, तो सद्दाम ने वहाँ एक बंदूक छिपा रखी थी। फिर उसने पुलिस पर गोली चलाई, और पुलिस ने खुद को बचाने के लिए उसके पैर में गोली मार दी। उसके बाद, उन्होंने उसे घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया और मदद के लिए अस्पताल ले गए।
Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश के राजनीति के नए महाराज: Yogi Adityanath की सफलता की कहानी”
23 नवंबर 2024 का दिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मील का पत्थर साबित हुआ, जब मुख्यमंत्री Yogi Adityanath के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उपचुनाव में 9 में से 7 सीटों पर विजय प्राप्त की। इस सफलता ने योगी को राजनीति का नया महाराज प्रमाणित किया है, जिन्होंने अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक विचारधारा के जरिए राज्य में पार्टी की नींव को और मजबूत किया है।
Yogi Adityanath ने अपनी जनहितैषी नीतियों और योजनाओं के माध्यम से लोगों के दिल में खास स्थान बनाया है। उनकी “डबल इंजन सरकार” ने सुरक्षा, विकास और सुशासन के जो वादे किए थे, वे धरातल पर साकार होते हुए नजर आए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को स्थानीय स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू किया, जिससे जनता का विश्वास और भी मजबूत हुआ।
चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए योगी ने इसे न केवल सरकार की नीतियों की जीत कहा, बल्कि इसे जनता के समर्थन का प्रतीक भी माना। उन्होंने कहा, “यह विजय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और राज्य में पारदर्शी व प्रभावी शासन की सफलता है। उत्तर प्रदेश में विकास और विरासत का अद्वितीय संगम बना है, और जनता ने इसे स्वीकार किया है।”
योगी आदित्यनाथ की यह विजय उनकी संगठनात्मक क्षमता और जमीनी स्तर पर सक्रियता का जीवंत उदाहरण है। उनकी छवि अब केवल एक नेता की नहीं, बल्कि विकास और बदलाव के प्रतीक के रूप में उभरी है। इस नए राजनीतिक महाराज ने यह सिद्ध कर दिया है कि जनता का विश्वास सबसे बड़ी ताकत होती है।
उपचुनाव में भाजपा ने 9 सीटों में से 7 पर जीत हासिल की। कुंदरकी में 31 वर्षों और कटेहरी में 33 वर्षों के बाद पार्टी ने सफलता प्राप्त की। 60% मुस्लिम वोटरों वाली कुंदरकी सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) की जमानत जब्त कर दी गई, जिससे भाजपा की यह सबसे बड़ी जीत बनी। करहल सीट, जजहां सपा का गढ़ माना जाता है, वहां तेज प्रताप यादव ने केवल 14,725 मतों से जीत हासिल की। कानपुर की सीसामऊ सीट पर भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी, फिर भी सपा के उम्मीदवार नसीम सोलंकी को पराजित नहीं कर पाए।
12 वर्ष पूर्व पूर्ण बहुमत से सत्ता में थी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सिर्फ 2 सीटों (कटेहरी, मझवां) पर अपनी जमानत बचा सकी। कुछ सीटों पर बसपा चंद्रशेखर और ओवैसी की पार्टियों से भी पीछे रही। प्रयागराज में एक घटना में भाजपा प्रत्याशी के साथ हाथापाई हुई, जिसमें पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
हालांकि, चुनावी माहौल में भाजपा और योगी पर उठ रहे प्रश्नों के बीच, योगी ने उपचुनाव में स्थिति को बदलने में सफलता पाई। उन्होंने उन सीटों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जहां भाजपा की जीत मुश्किल लग रही थी। उनका सक्रिय अभियान, जिसमें कटेहरी में 6 बार और कुंदरकी में 2 बार जाना शामिल था, ने सकारात्मक परिणाम दिए। योगी की रणनीति की वजह से भाजपा गठबंधन ने 9 में से 7 सीटें जीतीं, जो योगी का 78% स्ट्राइक रेट दर्शाता है।
महाराष्ट्र में भी योगी ने पार्टी के लिए महत्वपूर्ण प्रचार किया, जहां उन्होंने 4 दिन में 11 रैलियों के जरिए 17 प्रत्याशियों का समर्थन किया। नतीजतन, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 15 जीत मिली, जबकि सिर्फ 2 सीटें हार गईं।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि योगी का “बटेंगे तो कटेंगे” नारा संघ के समर्थन से उभरा है। आरएसएस अब पीएम नरेंद्र मोदी के बाद एक सर्वमान्य लीडरशिप तैयार करना चाहता है और योगी के अनुभव और भाजपा के भीतर उनकी छवि उन्हें इस दिशा में सबसे उपयुक्त बनाती है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बटेंगे तो कटेंगे नारे से मोह मोड़ने वाला बयान दिया, लेकिन बाद में आरएसएस और भाजपा के शीर्ष नेताओं के दबाव में उन्हें इसका समर्थन करने की आवश्यकता महसूस हुई।
इस प्रकार, Yogi Adityanath का नेतृत्व उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई दिशा प्रदान कर रहा है, जो विकास और विश्वास का प्रतीक बना हुआ है।
Uttar Pradesh
महाकुंभ 2025: देश-विदेश में भव्य रोड शो आयोजित करेगी Uttar Pradesh सरकार
Uttar Pradesh सरकार ने महाकुंभ-2025 को विश्वस्तरीय आयोजन बनाने के लिए देश-विदेश में भव्य रोड शो आयोजित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस संबंध में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा महाकुंभ
महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में किया जाएगा। यह आयोजन भारतीय सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा उत्सव है, जिसे भव्य और वैश्विक स्वरूप देने के लिए सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। कैबिनेट मंत्री ए. के. शर्मा ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार देश और विदेश में करने का सुझाव दिया था। इसके तहत विभिन्न शहरों और देशों में रोड शो आयोजित किए जाएंगे।
देश-विदेश में आयोजित होंगे रोड शो
भारत में: नई दिल्ली, मुंबई, पुणे, जयपुर, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, गुवाहाटी, देहरादून, भोपाल, चंडीगढ़ और पटना।
विदेश में: नेपाल, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरीशस सहित अन्य देशों में।
रोड शो का खर्च और प्रबंधन
नगर विकास विभाग रोड शो का खर्च वहन करेगा। प्रत्येक शहर में रोड शो पर करीब 20 से 25 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। आयोजन में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) को सहयोगी पार्टनर बनाया जाएगा।
220 नए वाहनों की खरीद को मंजूरी
महाकुंभ के लिए 220 नए वाहनों की खरीद को मंजूरी दी गई है। इसमें 27.48 करोड़ रुपये की लागत से 40 महिंद्रा बोलेरो नियो, 160 बोलेरो बी6 बीएसवीआई और 20 बसें शामिल हैं।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य महाकुंभ के माध्यम से भारतीय सनातन संस्कृति का वैश्विक प्रचार-प्रसार करना है। इस आयोजन के जरिए न केवल भारतीय संस्कृति को बल मिलेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। रोड शो के माध्यम से देश-विदेश में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की भव्यता को प्रदर्शित किया जाएगा।
महाकुंभ-2025 की तैयारी में जुटी उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम देश और विदेश में भारतीय संस्कृति के महत्व को दर्शाने की दिशा में बड़ा प्रयास है।
Uttar Pradesh
Uttar Pradesh में ‘पुलिस झंडा दिवस’ का भव्य आयोजन, सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं
23 नवंबर को Uttar Pradesh पुलिस ने ‘पुलिस झंडा दिवस’ का आयोजन किया। इस अवसर पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर पहुंचकर उन्हें पुलिस ध्वज (फ्लैग) प्रदान कर सम्मानित किया। इसके साथ ही डीजीपी ने सीएम योगी को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया।
गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है पुलिस ध्वज
Uttar Pradesh पुलिस पूरे भारत का पहला राज्य पुलिस बल है, जिसे 23 नवंबर 1952 को तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा पुलिस ध्वज प्रदान किया गया था। यह ध्वज उत्तर प्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास और वीर जवानों की कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “उत्तर प्रदेश पुलिस ध्वज, विभाग के गौरवशाली इतिहास और वीर जवानों की कर्तव्यपरायणता का गौरवपूर्ण प्रतीक है। यह ध्वज हमारी शौर्यगाथाओं का अमिट धरोहर है, जो हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और समर्पित रहने की प्रेरणा देता है।”
सीएम योगी ने की पुलिस बल की सराहना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“भयमुक्त, अपराधमुक्त उत्तर प्रदेश के संकल्प को साकार कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस के सभी कर्तव्यनिष्ठ कार्मिकों और उनके परिजनों को ‘पुलिस झंडा दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं! ‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ भाव को चरितार्थ कर रही यूपी पुलिस पर हमें गर्व है।”
प्रशासनिक फेरबदल भी हुआ
झंडा दिवस के आयोजन के साथ, उत्तर प्रदेश सरकार ने छह पीसीएस अधिकारियों का तबादला भी किया है। इन अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं और जल्द ही वे अपना कार्यभार संभालेंगे।
पुलिस झंडा दिवस का महत्व
झंडा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ एडीजी एलओ अमिताभ यश और जीएसओ टू डीजीपी एन. रविंदर ने भी भाग लिया। पुलिस ध्वज को सौंपते हुए मुख्यमंत्री को विभाग की परंपरा, कर्तव्य और शौर्य के प्रतीक के रूप में इसे पेश किया गया।
यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास और परंपरा को सम्मानित करने का प्रतीक था, बल्कि यह बल के अदम्य साहस और कर्तव्यपरायणता की प्रेरणा को जीवंत करने वाला अवसर भी रहा।
-
Punjab2 days ago
Ghunghrali गांव के बायोगैस संयंत्र मुद्दे पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री मान से की मुलाकात
-
Punjab2 days ago
Punjab के इन जिलों में कोहरे का असर, प्रदूषण के चलते बिगड़ रहा मौसम, जानिए कब बढ़ेगी ठंड?
-
Punjab2 days ago
Doonewala में भारत माला प्रोजेक्ट विवाद, किसानों और प्रशासन के बीच बढ़ा तनाव
-
Punjab2 days ago
Punjab सरकार की “जीवनजोत परियोजना” से बाल भिक्षावृत्ति के उन्मूलन की पहल
-
Haryana2 days ago
गुरुग्राम में Haryana के मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक, सिरसा में किया मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन
-
Uttar Pradesh3 days ago
अब Diljit Dosanjh का लखनऊ में लगेगा तड़का, आयोजन में शामिल होने के लिए टिकटों की मारामारी
-
Uttar Pradesh3 days ago
UP News : Juice में मिलावट का भंडाफोड़, दुकानदार रंगे हाथों पकड़ा गया
-
Uttar Pradesh3 days ago
CM Yogi कैबिनेट की अहम बैठक आज, नजूल संपत्ति और टैक्स फ्री फिल्म पर बड़े फैसले संभव