Uttar Pradesh
BJP Yogesh Verma से मारपीट का मामला नहीं हो रहा शांत, भूपेंद्र चौधरी ने हाईकमान को दी ये जानकारी
BJP Yogesh Verma को लखीमपुर पर मारा गया था, और लोग अभी भी इस बारे में बात कर रहे हैं। यह खबर राजधानी दिल्ली तक पहुँच गई। उनकी पार्टी, भाजपा के नेता इस घटना से चिंतित हैं और इस बारे में और जानना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए। योगेश वर्मा नामक एक राजनेता किसी को थप्पड़ मारने के कारण मुसीबत में पड़ गया। समाजवादी पार्टी नामक एक राजनीतिक समूह कह रहा है कि यह दो समूहों के लोगों के बीच एक बड़ी लड़ाई है, एक के पास आमतौर पर अधिक पैसा और शक्ति होती है और दूसरे के पास कम।
वे इस समस्या के लिए योगी और उनके समूह, भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं। भाजपा के नेता इस स्थिति से नाखुश हैं और कह रहे हैं कि अगर कोई गलत काम करता है तो उसके खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भाजपा के नेता किसी बात को लेकर चिंतित हैं। भाजपा, एक राजनीतिक दल, ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण चुनाव से ठीक पहले कुछ दुखद हुआ। उनके नेता भूपेंद्र चौधरी ने समस्या को ठीक करने और शांति बनाने में मदद करने के लिए संजय राय नामक एक अन्य पार्टी सदस्य को लखीमपुर नामक स्थान पर भेजा। संजय को घटना की रिपोर्ट देनी थी। संजय की रिपोर्ट मिलने के बाद भूपेंद्र ने पार्टी नेताओं को पूरी घटना बताई।
एक दिन बैंक चुनाव के लिए फॉर्म भरते समय, योगेश वर्मा नामक व्यक्ति, जो बीजेपी नामक राजनीतिक दल का सदस्य है, को अवधेश सिंह नामक वकील ने थप्पड़ मार दिया। पुलिस को बीच में आकर दोनों के बीच हो रही लड़ाई को रोकना पड़ा। इस नाटकीय क्षण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और कई लोग इसके बारे में बात करने लगे। चार दिन बीत जाने के बाद भी, योगेश वर्मा ने घटना की शिकायत दर्ज नहीं कराई, जिससे वह काफी परेशान हो गया। इसलिए, रविवार को, क्योंकि वह पूरी स्थिति से नाराज था, उसने सुरक्षा के लिए दिए गए दो अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड वापस करने का फैसला किया।
कुछ होने के बाद, करणी सेना नामक एक समूह ने अवधेश सिंह नामक वकील को एक विशेष पुरस्कार दिया। जश्न के दौरान लोगों ने जोर-जोर से जयकारे लगाए। इस कार्यक्रम में कुछ ऐसी तस्वीरें भी ली गईं, जिनसे भाजपा विधायक कहे जाने वाले एक राजनेता के कुछ समर्थक और भी अधिक परेशान हो गए।
Uttar Pradesh
Ghaziabad में युवक ने खुद को मारी गोली, पिता पर लगाया आरोप
Ghaziabad में प्रॉपर्टी को लेकर हुए विवाद के चलते एक हैरान कर देने वाली घटना हुई है। शुभम नाम के एक युवक ने खुद को चोट पहुंचाई और कहा कि उसके पिता ने यह किया है। यह घटना मुरादनगर थाने के पास संजय कॉलोनी में हुई। जब पुलिस को इस बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत जांच शुरू कर दी। सिद्धार्थ गौतम नाम के एक अधिकारी ने बताया कि शुभम ने मदद के लिए फोन किया और बताया कि उसके पिता ने उसके बाएं हाथ में गोली मार दी है। पुलिस मामले की जांच करने के लिए मौके पर गई।
पुलिस मामले की जांच कर रही थी और पता चला कि शुभम का अपने परिवार के साथ किसी प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था। वह कुछ समय से अपने ससुराल में रह रहा था। पुलिस ने वहां मौजूद लोगों से बात की और पास में पड़े एक तौलिये को देखा। पुलिस ने पाया कि शुभम ने अपने पास मौजूद बंदूक से खुद को गोली मार ली है। उसने अपने बाएं हाथ को तौलिये से ढक लिया था, जिससे पुलिस को लगा कि किसी ने यह सब प्लान किया है।
शुभम को चोट तो लगी, लेकिन वह तुरंत अस्पताल गया और अब वह ठीक महसूस कर रहा है। अच्छी खबर यह है कि उसे कोई खतरा नहीं है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर हुआ क्या था, क्योंकि शुभम के पास कुछ ऐसे हथियार थे, जिनकी अनुमति नहीं है। एसीपी सिद्धार्थ गौतम नाम के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे इस पर काम करते रहेंगे।
Uttar Pradesh
Kanpur में देवर भाभी के अवैध संबध के चलते पति को उतारा मौत के घाट, बागेश्वर धाम में छिपे रहे
पुलिस Kanpur में दिनेश अवस्थी नामक व्यक्ति की मौत की जांच कर रही है। उन्हें उसके परिवार के बारे में कुछ चौंकाने वाली बातें पता चली हैं। उन्होंने दिनेश की पत्नी पूनम (जिसे गुड़िया भी कहा जाता है) और उसके भाई मनोज को गिरफ्तार किया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने दिनेश को चोट पहुंचाई होगी।
दिनेश अवस्थी Kanpur के खरेसा गांव में रहता था और अप्रैल में उसकी दुखद हत्या कर दी गई थी। पूनम, जिसे गुड़िया भी कहा जाता है, और उसके भाई मनोज अवस्थी ने मिलकर दिनेश को चोट पहुंचाई और फिर भाग गए। पुलिस ने करीब छह महीने तक उनकी तलाश की और आखिरकार उन्हें ढूंढकर गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 25,000 रुपये का इनाम भी दिया। मनोज पहले भी मुसीबत में रह चुका था, उसके खिलाफ 1997 और 2011 में दो अन्य मामले दर्ज थे, जिससे यह तीसरी बार था जब वह किसी गंभीर अपराध में शामिल था। गुड़िया पहली बार मुसीबत में थी। उन्होंने दिनेश को इसलिए चोट पहुंचाई क्योंकि उसे पता चल गया था कि वे दोनों एक-दूसरे से कितना प्यार करते थे।
दिनेश की हत्या के बाद उसका भाई और पत्नी अपने गांव से भाग गए। दिनेश की पत्नी ने फिर एक परिवार के सदस्य को फोन किया जो बागेश्वर धाम नामक स्थान पर था। पुलिस को फोन के बारे में पता चला और पता चला कि भाई और पत्नी वहाँ छिपे हुए हैं। इसलिए, पुलिस उस स्थान पर गई जहाँ वे छिपे हुए थे और उन्हें पकड़ लिया। जब पुलिस ने दिनेश से पूछताछ की, तो उसने कहा “पुन्नम ने किसी को नहीं मारा है। मुझे नहीं पता कि पुलिस उसे क्यों लेकर आई, वह मेरी भाभी है। मैंने उसके भाई को मार दिया। उन्होंने पहले बांका पर हमला किया। चार-पांच महीने पहले। वे बागेश्वर धाम भाग गए। भाभी पर भूत सवार था, इसलिए वे उसे ले गए। चूंकि उसे 11,000 वोल्ट का बिजली का झटका दिया गया था, इसलिए उसका दिमाग ठीक से काम नहीं कर रहा है।”
Uttar Pradesh
Kerala से कनाडा तक ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे की चर्चा, गवर्नर आरिफ मोहम्मद ने भी किया समर्थन
आजकल लोग ‘बनतेगे तो कटेंगे’ मुहावरे के बारे में खूब चर्चा कर रहे हैं। Kerala के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पहली बार इस पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्हें लगता है कि यह मुहावरा अच्छा है और इसका मतलब है कि हम सभी को एक साथ रहना चाहिए। उनका मानना है कि अगर हम एक जैसी मान्यताओं को साझा करते हैं, तो हमें एक होकर एकजुट होना चाहिए। इस मुहावरे की चर्चा केरल से लेकर कनाडा तक हर जगह हो रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कहां से हुई?
उत्तर प्रदेश के नेता योगी आदित्यनाथ ने लोगों के एक समूह से बात की और एक महत्वपूर्ण संदेश साझा किया: “अगर हम लड़ेंगे और बहस करेंगे, तो हमें चोट पहुंचेगी।” उन्होंने बांग्लादेश में जो हो रहा है उसका उल्लेख किया और कहा कि लोगों के लिए एक साथ रहना और एक-दूसरे की देखभाल करना वास्तव में महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि एक देश तभी मजबूत हो सकता है जब सभी एकजुट हों और एक-दूसरे की मान्यताओं का सम्मान करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हम एक साथ नहीं रहेंगे, तो हमें बांग्लादेश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने सभी को ईमानदार होने और एक साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि भारत एक बेहतर जगह बन सके।
उसके बाद, हरियाणा में चुनाव के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक आकर्षक मुहावरा कहा: “अगर हम आपस में लड़ेंगे तो हम मुश्किल में पड़ेंगे, लेकिन अगर हम साथ रहेंगे तो हम मजबूत होंगे।” इस कहावत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव जीतने और सरकार की कमान संभालने में मदद की। अब, भारत के केरल से लेकर कनाडा तक के लोग इस कहावत के बारे में बात कर रहे हैं!
पिछले हफ़्ते, कनाडा के ब्रैम्पटन में एक मंदिर के पास खालिस्तान नामक एक समूह का समर्थन करने वाले कुछ लोगों का दूसरों के साथ झगड़ा हो गया। इस लड़ाई के कई वीडियो ऑनलाइन शेयर किए गए, जिसमें लोग एक-दूसरे को धक्का देते और लाठी से मारते हुए दिखाई दे रहे थे। एक वीडियो में, हिंदू समुदाय के लोग सीएम योगी नामक एक नेता की कहावत को चिल्ला रहे थे, जिसका अर्थ है कि अगर हम आपस में लड़ेंगे तो हमें चोट लगेगी। आप वीडियो में कई लोगों को इस कहावत का समर्थन करते हुए भी देख सकते हैं।
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