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Uttar Pradesh

CM Yogi ‘वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम’ में जोरदार भाषण, विपक्ष पर तीखे हमले

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उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने शनिवार को मुंबई में आयोजित ‘वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम’ में भाग लिया और अपने संबोधन में भारतीय विकास यात्रा, सरकार की उपलब्धियां, और विपक्ष की आलोचना पर खुलकर बात की।

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भारत की गौरवशाली विरासत और विकास की दिशा

मुख्यमंत्री ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा, “प्रथम से पंद्रहवीं सदी तक भारत का वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान 40% था।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की यह महान विरासत तब से है जब “कुछ लोगों के अंडे भी नहीं फूटे थे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए सीएम योगी ने कहा, “2014 से पहले भारत पहचान के संकट से गुजर रहा था, लेकिन बीते 10 सालों में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सपना साकार हो रहा है।” उन्होंने नरेंद्र मोदी की तुलना ऐसे शासक से की, “जो श्रमिकों का सम्मान करते हैं,” और इतिहास में ताजमहल बनाने वाले उस शासक की आलोचना की जिसने “मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे।”

विपक्ष पर तीखे प्रहार

मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत के विकास को पहले भी कुछ लोग रोकना चाहते थे और उनकी औलादें आज भी देश की प्रगति में बाधा बन रही हैं।” उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग भारत की विरासत और संस्कृति को अपमानित करना अपना “जन्मसिद्ध अधिकार” समझते हैं।

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि चिदंबरम ने अपनी किताब में भारत की समृद्धि को मिथक करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत में घी-दूध की नदियां बहती थीं, और ऐसी मिथ्या बातें करने वाली किताबों को जलाने की जरूरत है।”

जस्टिस शेखर यादव का समर्थन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के विवादित बयान का समर्थन करते हुए कहा, “एक न्यायाधीश ने न्यायोचित बात कही, लेकिन विपक्ष ने उनके खिलाफ महाभियोग नोटिस जारी कर दिया। ये लोग संविधान का गला घोंटकर जबरन देश को चलाना चाहते हैं।”

‘वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम’ के महत्व पर बल

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने इस मंच को भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण जरिया बताया। उन्होंने कहा कि “यह मंच हिंदू समाज की आर्थिक ताकत को पहचानने और उसे बढ़ावा देने का प्रयास है।”

मुख्य संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन भारत की समृद्ध विरासत, वर्तमान सरकार की उपलब्धियों, और विपक्षी दलों के कथित नकारात्मक दृष्टिकोण के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा। उनका भाषण भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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