Punjab
Punjab सरकार ने इस तारीख को बुलाई आपातकालीन बैठक, किसानों का आंदोलन और कृषि विपणन नीति पर उठे सवाल
Punjab के किसान, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर खनूरी और शंभू बॉर्डर पर आंदोलनरत हैं। इसी बीच केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए एक नई कृषि विपणन नीति का मसौदा जारी कर किसानों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। इस पर चर्चा के लिए पंजाब सरकार ने 19 तारीख को किसान और मजदूर नेताओं के साथ बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, Punjab सरकार ने मसौदे का गहन अध्ययन करने के लिए केंद्र से तीन सप्ताह का समय मांगा है। अध्ययन के बाद, राज्य सरकार इस पर अपनी प्रतिक्रिया देगी।
इस मुद्दे पर Punjab के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की। उन्होंने कहा कि सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी। किसानों की बैठक के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। खुदियां ने बताया कि मसौदे में देशभर में बिकने वाले सामान पर टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जीएसटी परिषद का गठन पहले ही हो चुका है, लेकिन इसके अनुभव अब सामने आ रहे हैं।
कृषि विपणन नीति का यह मसौदा, कृषि विपणन को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसका लक्ष्य कृषि उत्पादों की कीमतों में पारदर्शिता बढ़ाना और जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। इस नीति में फसल की खरीद-बिक्री की प्रक्रियाओं को डिजिटलीकरण, एक राष्ट्रीय कृषि विपणन पोर्टल की स्थापना, और आधुनिक प्रथाओं को अपनाने का प्रस्ताव है।
देश में कृषि उपज विपणन समिति (APMC) के तहत कुल 7,057 विनियमित थोक बाजार स्थापित किए गए हैं। लेकिन इन बाजारों का औसत घनत्व 407 किमी क्षेत्र में एक बाजार तक सीमित है, जो कि आदर्श मानक (80 वर्ग किमी प्रति बाजार) से काफी कम है। वर्तमान में 23 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों की 1,410 मंडियां ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (e-NAM) नेटवर्क से जुड़ी हुई हैं। हालांकि, इनमें से 1,100 से अधिक बाजार सक्रिय नहीं हैं। लगभग 450 बाजार बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों में कार्य कर रहे हैं।