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Canada में Khalistani गतिविधियों का खुलासा, तीसरी जांच के पीछे की सच्चाई
बहुत समय पहले, 39 साल पहले, एक भयानक घटना हुई थी जिसमें एयर इंडिया फ्लाइट-182 विमान में विस्फोट हुआ था और कई लोगों की जान चली गई थी। अब, कुछ लोग फिर से जांच करना चाहते हैं कि क्या हुआ था और इससे कुछ असहमति पैदा हुई है। चंद्र आर्य एक राजनेता, जो भारतीय मूल के हैं, इस नई जांच से परेशान हैं। उन्हें लगता है कि यह अनुचित है और उनका मानना है कि यह वास्तव में जो हुआ उसके लिए भारत को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहा है, न कि उन लोगों को जिन्होंने इसे अंजाम दिया। Khalistani आतंकवादी कहे जाने वाले वे लोग विस्फोट के लिए जिम्मेदार थे, जिसने 23 जून, 1985 को 329 लोगों की जान ले ली थी।
जस्टिन ट्रूडो की पार्टी के एक सांसद (एमपी), जो हिंदू हैं, कनाडा में हुए कनिष्क बम विस्फोट की फिर से जांच करने के लिए कहने से सहमत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि दो जांच पहले ही हो चुकी हैं और दोनों में पाया गया कि विस्फोट के लिए खालिस्तानी आतंकवादी जिम्मेदार थे। अब, कुछ लोग तीसरी जांच चाहते हैं, लेकिन उनका मानना है कि इससे केवल गलत विचार और सिद्धांत फैलते हैं। कनिष्क बम विस्फोट की तीसरी जांच की मांग किसने की?
कनाडा में सुख धालीवाल नामक एक राजनेता कनिष्क बम विस्फोट की नई जांच चाहते हैं। पहले की दो जांचों में यह बात सामने आई थी कि खालिस्तानी आतंकवादियों नामक लोगों के एक समूह ने बम विस्फोट किया था। बम विस्फोट में घायल हुए लोगों के परिवार तीसरी जांच के विचार से परेशान हैं।
भारत से आने वाले चंद्र आर्य नामक एक राजनेता ने 39 साल पहले हुई एक भयानक घटना के बारे में बात की। कुछ बुरे लोग जो खालिस्तान नामक अपने समूह के लिए एक अलग जगह चाहते थे, उन्होंने एक विमान में विस्फोट किया, जिससे 329 लोग मारे गए। यह कनाडा में अब तक की सबसे बड़ी सामूहिक हत्या थी। उन्होंने रमा नामक एक महिला का जिक्र किया, जो विमान दुर्घटना में मर गई थी, और उसके पति ने बताया कि इस घटना की फिर से जांच करने का नया अनुरोध परेशान करने वाला है क्योंकि यह दर्दनाक यादें वापस लाता है। उनका मानना है कि यह अनुरोध कुछ लोगों के लिए उनके बुरे कार्यों के लिए ध्यान और समर्थन पाने का एक तरीका मात्र है। कनाडा की सर्वोच्च अदालत भी मानती है कि इस त्रासदी के लिए खालिस्तानी जिम्मेदार थे।