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रीजनल इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव में CM Mohan Yadav ने कहा, रीज़नल इंडस्ट्री कोंक्लेव बुंदेलखंड क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति को प्रेरित करेगा

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CM Mohan Yadav ने शुक्रवार को सागर में क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन विशेष बैठक की योजना बनाने में मदद की। इस बैठक का लक्ष्य राज्य में व्यवसायों को बढ़ने में मदद करना और अधिक लोगों को यहां अपना पैसा निवेश करने के लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम के दौरान कुछ निवेशकों ने इस बारे में बात की कि उन्हें कैसा लगता है कि डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश बेहतर हो रहा है और तेजी से आगे बढ़ रहा है। सभी को लगता है कि यह बैठक एक बेहतरीन विचार है!

कार्यक्रम में विशेष अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बारे में बात की कि सरकार किस तरह से व्यवसायों को बढ़ने में मदद करना चाहती है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी को सफल होने का उचित मौका मिले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में देश और मध्य प्रदेश प्रगति कर रहा है। वे बुंदेलखंड को विकसित करने में मदद करने के लिए यहां बेहतर सड़कें और इमारतें बना रहे हैं। उनकी योजना कदम दर कदम रोजगार पैदा करने की भी है। विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायों के लिए विशेष बैठकें आयोजित करके वे पूरे राज्य को एक साथ आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि व्यवसायों के बारे में यह विशेष बैठक बुंदेलखंड क्षेत्र को बहुत आगे बढ़ाने में मदद करेगी। बहुत सारा पैसा आने से बहुत से युवाओं को नौकरी मिलेगी और आस-पास के दूसरे व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे पूरे इलाके को बेहतर और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

सागर में एक जगह बनाने की बड़ी योजना का सुझाव दिया गया है, जहाँ बहुत सारी जानकारी संग्रहीत की जाती है, जिसे डेटा सेंटर कहा जाता है। इलाके में व्यवसायों में काम करने वाले लोग बहुत मदद कर रहे हैं। इसका लक्ष्य गरीब लोगों, महिलाओं, किसानों और युवाओं को काम खोजने में मदद करने के लिए विभिन्न प्रकार की नौकरियाँ पैदा करना है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी को ऐसी नौकरी मिले जो उनकी क्षमता के अनुकूल हो। वे लोगों के लिए अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना और चलाना भी आसान बना रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे अगले पाँच सालों में राज्य को और समृद्ध बनाएँगे, लेकिन वे इसे और भी तेज़ी से करना चाहते हैं, सिर्फ़ तीन सालों में!

सीएम यादव ने कहा कि सागर में एक विशेष बैठक के दौरान लोगों ने बहुत सारा पैसा निवेश करने के विचार साझा किए- लगभग 23,181 करोड़! इससे लोगों के लिए लगभग 27,375 नए रोजगार सृजित करने में मदद मिल सकती है। इसमें से 22,241 करोड़ बड़ी फैक्ट्रियाँ बनाने के लिए और 940 करोड़ छोटे व्यवसायों के लिए हैं।

इसके अलावा, बुंदेलखंड हैकाथॉन नामक एक मजेदार कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें 60 नए व्यवसायों, जिन्हें स्टार्टअप कहा जाता है, ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शीर्ष 5 स्टार्टअप को पुरस्कार, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र दिए।

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सावधान! दिल्ली में MBBS की सीट दिलाने के नाम पर ठग लिए 21 लाख रुपये

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एक व्यक्ति अपनी बेटी को दिल्ली के एक मेडिकल स्कूल में दाखिला दिलाना चाहता था, इसलिए उसने MBBS सीट नामक एक विशेष स्थान के लिए भुगतान करने का प्रयास किया। कुछ बुरे लोगों ने उसे संदेश भेजकर धोखा दिया कि वे उसे सीट दिला सकते हैं। उसने उन्हें बहुत सारे पैसे दिए, लेकिन फिर उन्होंने उसके कॉल का जवाब देना बंद कर दिया। जब उसे पता चला कि उसके साथ धोखा हुआ है, तो उसने पुलिस को बताया। अब, साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सुलेमान नगर में रहने वाले 55 वर्षीय व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि वह आयुर्वेदिक दवाइयाँ बेचता है। उसकी बेटी ने इस साल NEET परीक्षा दी क्योंकि वह मेडिकल स्कूल जाना चाहती थी। 6 मई को, उसे एक संदेश मिला जिसमें कहा गया था कि वे उसे कम पैसे में मेडिकल स्कूल में जगह दिलाने में मदद कर सकते हैं। अगले दिन, उसे ऐसा ही एक और संदेश मिला। जब उसने संदेश में दिए गए नंबर पर कॉल किया, तो उन्होंने उससे पूछा कि उसकी बेटी किस प्रकार की छात्रा है, और उसने कहा कि वह सामान्य EWS श्रेणी में है। उन्होंने उसे बताया कि उस श्रेणी के लिए फीस अधिक है।

इन छात्रों के लिए कुल लागत 32 लाख रुपये बताई गई थी। शुरुआत में उन्हें 17 लाख रुपए देने थे और फिर अगले पांच साल में 15 लाख रुपए देने थे। इसके बाद 10 जून से 28 जून के बीच बदमाशों ने पीड़ित से अलग-अलग जरूरी कामों के लिए 21 लाख 11 हजार रुपए ऐंठ लिए। पैसे मिलने के बाद बदमाशों ने पीड़ित को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और फिर संपर्क में नहीं रहे। जब आरोपी ने फोन उठाना बंद कर दिया तो उसे समझ में आ गया कि उसके साथ धोखा हुआ है। इसके चलते 1 अक्टूबर को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अब पुलिस उन बैंक खातों की डिटेल खंगालकर आरोपियों की तलाश कर रही है, जहां पैसे गए थे।

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ED करेगी दिल्ली में पकड़े 5600 करोड़ ड्रग्स मामले की जांच, मामले से जुड़े दस्तावेज ले लिए हैं

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दिल्ली में करीब 5600 करोड़ रुपए की अवैध ड्रग्स बरामद की गई है। माना जा रहा है कि इन ड्रग्स का संबंध दुबई से है। दुबई में रहने वाले भारत के वीरेंद्र बसोया को इस बड़े ड्रग ऑपरेशन का सरगना माना जा रहा है। अभी तक इस मामले की जांच सिर्फ दिल्ली पुलिस ही कर रही थी, लेकिन अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और टीम भी जांच करेगी। आज ईडी को दिल्ली पुलिस से कुछ महत्वपूर्ण कागजात मिले हैं, जिससे उन्हें अपनी जांच में मदद मिलेगी।

वे इस मामले की जांच करेंगे, क्योंकि उन्हें लगता है कि पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा था। ईडी पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल किए जाने के मामले की जांच करने की तैयारी कर रही है। दिल्ली पुलिस वीरेंद्र बसोया, उनके बेटे और कुछ अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है। उन्हें लगता है कि बेटे ने कुछ बदमाशों को उनकी जरूरत की चीजें मुहैया कराकर उनकी मदद की है। वीरेंद्र बसोया को पहले भी ड्रग्स के कारण कानून से परेशानी हुई थी, लेकिन जेल से छूटने के बाद वह दुबई चला गया और ड्रग के धंधे में बड़ा सरगना बन गया।

जांचकर्ताओं को पता चला कि इस ड्रग ग्रुप का सरगना तुषार गोयल, वीरेंद्र बसोया का पुराना दोस्त है। ड्रग के धंधे में कौन-कौन लोग शामिल हैं? बसोया एक बुरे धंधे में शामिल था और उसने तुषार को भी इसमें शामिल कर लिया। उसने तुषार को ड्रग बेचने में मदद करने के लिए बहुत सारे पैसे देने का वादा किया। बसोया ने यू.के. में रहने वाले जितेंद्र गिल से इस काम में मदद करने के लिए भारत आने को कहा। तुषार से मिलने के लिए जितेंद्र दिल्ली आया और एक होटल में रुका। फिर, वे ड्रग्स लेने के लिए दो और जगहों पर गए। दिल्ली में पुलिस को मुंबई में किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता चला जो ड्रग्स खरीदने वाला था और वे उसे पकड़ने के लिए उसकी तलाश कर रहे हैं।

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मौत के बाद पिता बनेगा यह शख्स, सरोगेसी को लेकर Delhi हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

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Delhi से एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई, जहां एक विशेष अदालत ने एक मृत व्यक्ति के शुक्राणु को उसके परिवार को देने के बारे में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। यह निर्णय परिवार के अनुरोध पर आधारित था, और इस बिंदु तक पहुंचने में लंबा समय लगा – लगभग पांच साल। मामला एक ऐसे व्यक्ति से जुड़ा था, जिसकी सर गंगा राम अस्पताल नामक अस्पताल में कैंसर से मृत्यु हो गई थी, और अब अदालत ने उसके परिवार को उसका शुक्राणु देने का फैसला किया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक आश्चर्यजनक निर्णय लिया। उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल को एक मृत व्यक्ति के जमे हुए शुक्राणु को उसके माता-पिता को देने के लिए कहा, ताकि वे एक बच्चा पैदा कर सकें। न्यायाधीशों ने कहा कि भारतीय कानून किसी व्यक्ति के मरने के बाद भी उसे बच्चा पैदा करने से नहीं रोकता है। प्रतिभा एम सिंह नामक एक न्यायाधीश ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि मरने वाले व्यक्ति के पिता अपने बेटे के शुक्राणु का उपयोग पोते-पोती के लिए करना चाहते थे। न्यायाधीश ने यह भी उल्लेख किया कि दादा-दादी के लिए अपने बच्चों की मृत्यु के बाद अपने पोते-पोतियों की देखभाल करना असामान्य नहीं है।

नवंबर 2022 में, एक विशेष अदालत ने स्वास्थ्य मंत्रालय से एक परिवार के अनुरोध का जवाब देने को कहा। परिवार अपने बेटे का शुक्राणु प्राप्त करना चाहता था, जिसकी 2020 में कैंसर से मृत्यु हो गई थी, जिसे अस्पताल में संग्रहीत किया गया था। माता-पिता ने कहा कि अस्पताल ने लोगों को बच्चे पैदा करने में मदद करने के लिए एक विशेष प्रयोगशाला में उनके बेटे का शुक्राणु रखा था। जब माता-पिता ने अस्पताल से इसके लिए कहा, तो अस्पताल ने कहा कि वे अदालत की अनुमति के बिना इसे वापस नहीं दे सकते।

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