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Haryana

हरियाणा में नशे में धुत तीन युवकों ने सिख युवक से की गई मारपीट

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हरियाणा के पानीपत में खालिस्तान मुर्दाबाद न कहने पर एक सिख युवक की पिटाई का मामला सामने आया है. इस घटना के विरोध में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक जीटी रोड स्थित गुरु तेग बहादुर भवन में हुई और आरोपियों की गिरफ्तारी और धारा 295 जोड़ने की मांग की गई. आरोप है कि युवक की पिटाई की गई, उसके कपड़े फाड़ दिए गए और उसकी पगड़ी का भी अपमान किया गया. बाद में युवक ने जान बचाने के लिए शराब का सौदा कर लिया।

जानकारी के मुताबिक, यह मामला सेक्टर 13-17 का है. खालिस्तान मुर्दाबाद न कहने पर एक सिख युवक की पिटाई कर दी गई. जब युवक अपने बचाव के लिए ठेके में घुसा तो उस पर शराब की बोतलों और बेल्ट से हमला कर दिया गया। घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई.

इस घटना के विरोध में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक जीटी रोड स्थित गुरु तेग बहादुर भवन में हुई और आरोपियों की गिरफ्तारी और धारा 295 जोड़ने की मांग की गई. इंसार चौक के गुरदीप सिंह ने पुलिस को शिकायत दी है कि 11 नवंबर की रात करीब 8:30 बजे वह सेक्टर 13-17 में शराब की दुकान के पास थे।

नशे में धुत तीन युवकों ने उसे रोका और कहा-हिंदुस्तान जिंदाबाद बोल। वह बोला। फिर कहा कि खालिस्तान मुर्दाबाद बोलो। वह चुप रहा। युवकों ने उसके साथ गाली-गलौज कर मारपीट की। जान बचाने के लिए वह पास की शराब की दुकान में घुस गया। वहां भी तीन युवकों ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर उसे बेल्ट से पीटा और उसकी शर्ट फाड़ दी। उनकी पगड़ी का अपमान किया.

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Gurugram में हुए शॉर्ट सर्किट के कारण मकान में लगी आग, 4 लोगों की हुई मौत

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Gurugram में एक घर में रात को आग लग गई और दुख की बात है कि चार लोग बुरी तरह से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई। आग बुझाने के लिए दमकलकर्मी तुरंत पहुंचे और शवों को जांच के लिए अस्पताल ले जाने में मदद की। गुरुग्राम के सरस्वती एन्क्लेव में जी ब्लॉक नामक जगह पर एक घर में एक रात बिजली की समस्या के कारण आग लग गई। दुख की बात है कि घर के अंदर मौजूद चार लोग बुरी तरह से घायल हो गए और उन्हें बचाया नहीं जा सका। दमकलकर्मी जल्दी से आए और आग बुझाई। उसके बाद, उन्होंने चारों लोगों को घर से बाहर निकालने में मदद की और उन्हें एक खास जगह पर ले गए, जहां उन्हें याद किया जा सके। देर रात, आधी रात के आसपास, बिजली की समस्या के कारण एक कमरे में आग लग गई। आग इतनी बड़ी थी कि यह पूरे कमरे में फैल गई और दुख की बात है कि वहां मौजूद चार लोग बच नहीं पाए। वे नूर आलम, मुस्ताक, अमन और साहिल नाम का एक परिवार थे और वे बिहार में रहते थे। वे एक कपड़े की कंपनी में काम करते थे और जिस घर में रहते थे, उसे किराए पर दे दिया था।

अमन 17 साल का था और 10वीं कक्षा में पढ़ता था। उसके दोस्त साहिल, मुश्ताक और आलम एक कपड़े की कंपनी में दर्जी का काम करते थे। एक दिन, एक बड़ी आग लगी और साहिल और अमन के परिवार अगले कमरे में थे। जब उन्होंने धुआँ निकलते देखा, तो उन्होंने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन यह बहुत तेज़ था और तेज़ी से फैल गया। दुख की बात है कि अमन आग में घायल हो गया और उसकी मौत हो गई।

फिलहाल, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर हुआ क्या था। उन्हें लगता है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी, लेकिन सरस्वती एन्क्लेव में हुए इस बड़े हादसे के बाद परिवार और पड़ोसी वाकई हैरान और डरे हुए हैं।

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Haryana में लुटेरों ने दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप पर की लूट, युवक दुकान से लाखों का सामान चुरा कर भागे

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शुक्रवार, 25 अक्टूबर को Haryana के सोनीपत में एक ज्वेलरी स्टोर से दिन के समय चोरी हो गई। कुछ युवक बंदूक लेकर स्टोर में घुसे और दुकानदार के सिर पर बंदूक से वार कर दिया। दुकानदार को चोट लगने और खून बहने के बावजूद भी उसने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की और उनका मुकाबला करता रहा।

दुकान से ढेर सारा पैसा, सोने-चांदी के गहने और हीरे का हार लेकर युवक भाग गए। दुकान से थोड़ी दूर सड़क पर ट्रैफिक में फंसने पर वे अपनी बाइक और बंदूक वहीं छोड़ गए।

बदमाशों ने सदर थाने के पास कुछ चुराया। जब पुलिस को इस बारे में पता चला तो वे तुरंत उस जगह पर पहुंचे जहां यह घटना हुई थी। उन्होंने शहर में सड़कों पर नाकाबंदी करके लुटेरों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे कहीं नहीं मिले।

हमें अभी तक नहीं पता कि कितने पैसे और गहने चोरी हुए हैं। पुलिस दुकानदार से पूछताछ कर रही है। कैमरे से एक वीडियो भी है जिसमें दिखाया गया है कि क्या हुआ।

गोहाना रोड पर सदर थाने के पास यूनिक ज्वैलर्स नाम की ज्वेलरी स्टोर है। शुक्रवार दोपहर को मालिक जीतेंद्र वर्मा दुकान पर काम कर रहे थे। जब वे दुकान पर थे, तभी दो युवक बाइक पर सवार होकर दुकान में घुसे। उनमें से एक ने हेलमेट पहना हुआ था, जबकि दूसरे ने मुंह पर कपड़ा बांधा हुआ था। बंदूकधारी युवक ने दुकानदार पर बंदूक तान दी और कहा कि पैसे और सोने के जेवर दे दो। जीतेंद्र वर्मा अपना सामान बदमाशों को नहीं देना चाहते थे, जो उनसे सामान चुराने की कोशिश कर रहे थे।

एक लुटेरे ने उन पर हमला किया और दूसरे ने बंदूक से उनके सिर पर वार किया। लेकिन जीतेंद्र बैठे नहीं रहे, बल्कि उन्होंने उठकर उनका मुकाबला किया। लुटेरे उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश करते रहे और जब जीतेंद्र भागने की कोशिश करने लगे, तो बदमाशों ने उन्हें वापस अंदर खींच लिया। इसके बाद बदमाश सामान लेकर दुकान से भाग गए। जीतेंद्र घायल होने और खून बहने के बावजूद उनका पीछा करते रहे। एक लुटेरा पैदल भाग गया, जबकि दूसरा अपनी बाइक पर सवार हो गया। जीतेंद्र ने बाइक सवार लुटेरे पर ईंट फेंकी। शोर सुनकर पड़ोसी मदद के लिए दौड़े। इसके बाद लुटेरा भाग गया। बाद में, स्कूल के पास लुटेरा ट्रैफिक में फंस गया और उसे भागने के लिए अपनी बाइक और बंदूक वहीं छोड़नी पड़ी।

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Anil Vij ने डीसी को सुनाई खरी-खरी, कहा- प्रशासन मुझे मरवाना चाहता था

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हरियाणा में ऊर्जा, परिवहन और श्रमिकों की मदद करने वाले Anil Vij पार्थ गुप्ता से बहुत नाराज़ हो गए। उन्होंने कहा कि प्रभारी लोग उन्हें नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं।

चुनाव के दौरान गरनाला और शाहपुर में लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने से पहले चुनाव आयोग से अनुमति मांगी और स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।

Anil Vij ने पुलिस और स्थानीय नेताओं को संदेश भेजा कि वह एक जनसभा करने जा रहे हैं। भले ही उन्होंने ऐसा किया, लेकिन लोग फिर भी विरोध करने के लिए आ गए। गरनाला नामक जगह पर अनिल के समर्थकों की दूसरे समूह के समर्थकों से मुलाकात हुई। लेकिन अनिल के समर्थक ज़्यादा मज़बूत थे और दूसरे समूह को खदेड़ने में कामयाब रहे।

शाहपुर जगह पर भी कुछ ऐसा ही हुआ। विज ने पुलिस और प्रभारी लोगों से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ और उन्होंने जानना चाहा कि उन्होंने इसके बारे में क्या किया।

विज ने डीसी (जिला आयुक्त) से पूछा कि उनकी जनसभा को सुचारू रूप से चलाने और बाधित न होने देने का जिम्मा किसका है, खासकर तब जब उन्हें चुनाव आयोग से इसकी अनुमति मिली हुई है। विज बैठक के दौरान शांत रहे, हालांकि उनके समर्थकों और दूसरे पक्ष के समर्थकों के बीच चीजें हाथ से निकल सकती थीं, जिससे बड़ी समस्या पैदा हो सकती थी।

विज को लगता है कि कोई उन्हें चोट पहुँचाने की कोशिश कर रहा था ताकि एक आदमी जो छह बार चुनाव जीत चुका है, वह फिर से न जीत पाए। उन्होंने स्थानीय नेता से पूछा कि जब लोग विरोध कर रहे थे, तब किसी ने कुछ क्यों नहीं किया, खासकर जब उन्हें पता था कि वह बैठक करने जा रहे हैं। वह जानना चाहते हैं कि क्या कार्रवाई की गई, जैसे कि क्या किसी को गिरफ्तार किया गया था, और उन्होंने उनकी बैठक से पहले सब कुछ सुरक्षित क्यों नहीं सुनिश्चित किया।

अनिल विज ने जिला कलेक्टर (डीसी) को बताया कि उन्होंने अपनी सभी बैठकों के लिए अनुमति मांगी थी। गरनाला जाने से पहले, उन्होंने डीसी, पुलिस प्रमुख (एसपी) और चुनाव के प्रभारी व्यक्ति को व्हाट्सएप पर संदेश भेजे।

क्या हो रहा था, यह पता लगाने के बाद, मदद के लिए योजनाएँ बनाई जानी चाहिए थीं, लेकिन प्रभारी लोग गुप्त रूप से उन्हें चोट पहुँचाना चाहते थे। उन्होंने उल्लेख किया कि यदि वह शांत नहीं रहते और उनके समर्थक वास्तव में क्रोधित हो जाते, तो एक बड़ी लड़ाई हो सकती थी जिसमें किसी को बुरी तरह चोट लग सकती थी।

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