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Uttar Pradesh

UP के नामी Builders और अफसरों का काले कारोबार पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कसा शिकंजा,

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आयकर विभाग लखनऊ में एमआई बिल्डर एक कंपनी पर कड़ी नजर रख रहा है। उन्हें पता चला है कि कुछ पूर्व और वर्तमान महत्वपूर्ण सरकारी कर्मचारी (जिन्हें आईएएस अधिकारी कहा जाता है) इसमें शामिल हो सकते हैं। ऐसा लगता है कि इन अधिकारियों ने एमआई Builders के साथ परियोजनाओं में गुप्त या अवैध धन का इस्तेमाल किया होगा। जरूरत पड़ने पर विभाग और अधिकारियों की जांच कर सकता है। अपनी तलाशी के दौरान उन्हें फर्जी बिल भी मिले। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इन अधिकारियों से उनके काम के बारे में सवाल पूछे जा सकते हैं।

कर संग्रह करने वाले लोग उन जगहों की जांच कर रहे हैं जहां से बारह से अधिक कंपनियां एमआई बिल्डर के लिए अपनी बिल्डिंग सप्लाई लेती हैं। जब वे तलाशी ले रहे थे, तो उन्हें बहुत सारा छिपा हुआ पैसा मिला जो वहां नहीं होना चाहिए था, जिसकी कीमत बहुत बड़ी है!

खबरों में कहा गया है कि ईडी ने एक स्मारक से जुड़ी समस्या के कारण मोहिंदर सिंह नामक एक सेवानिवृत्त अधिकारी के घर की जांच की। उसके बाद आयकर विभाग की एक और टीम राकेश बहादुर नामक एक अन्य सेवानिवृत्त अधिकारी के घर की जांच करने गई। यह तलाशी गुरुवार को शुरू हुई और शुक्रवार दोपहर तक चली। उन्हें महत्वपूर्ण कागजात मिले, जिनसे पता चला कि राकेश बहादुर की लखनऊ में एक बिल्डर के साथ बहुत बड़ी रकम – लगभग 100 करोड़ रुपये – की साझेदारी थी। नोएडा में जमीन के मामले में उलझे राकेश बहादुर से जब पूछा गया कि उन्हें पैसे कैसे मिले, तो उन्होंने वकील की मदद ली।

लोग कह रहे हैं कि लखनऊ और नोएडा में स्मारकों के निर्माण के लिए पत्थर खरीदते समय एक खास समूह के शासन में काफी पैसे चोरी हो गए। यह चोरी कुछ नेताओं और अधिकारियों की मदद से हुई। यह दूसरी बड़ी तलाशी है, जिसमें पता लगाया जा रहा है कि क्या हुआ। इससे पहले चंडीगढ़ में मोहिंदर सिंह नाम के एक रिटायर्ड अधिकारी के घर की तलाशी ली गई थी, जिसमें उन्हें जेवर और नकदी जैसी कई कीमती चीजें मिली थीं। अब गायब सरकारी पैसे की तलाश में उन्होंने लखनऊ में एमआई बिल्डर्स के ठिकानों की तलाशी ली। उन्होंने नोएडा में एक और रिटायर्ड अधिकारी राकेश बहादुर के घर की भी जांच की। वहां उन्हें कई कीमती संपत्ति के कागजात मिले। ऐसा लगता है कि राकेश बहादुर ने कुछ छिपे हुए पैसे का इस्तेमाल एमआई बिल्डर्स में निवेश करने के लिए किया।

राकेश बहादुर एक रिटायर्ड अधिकारी हैं, जो सरकार के लिए महत्वपूर्ण पदों पर काम करते थे। वे नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे जैसी जगहों की देखभाल के प्रभारी थे। अब मोहम्मद कादिर अली नाम के बिल्डर के साथ उनके कारोबारी संबंधों को लेकर कुछ सवाल उठ रहे हैं। जांचकर्ता उनके संबंधों की जांच कर रहे हैं और पाया है कि उन्होंने मिलकर 100 करोड़ रुपये (जो बहुत बड़ी रकम है!) से ज़्यादा का लेन-देन किया होगा। उन्हें लगता है कि जब वे सभी संपत्ति के दस्तावेज़ों की जांच करेंगे, तो यह रकम और भी ज़्यादा हो सकती है। उम्मीद है कि आयकर विभाग जल्द ही इस बारे में और जानकारी साझा करेगा।

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Uttar Pradesh

UP: AC से गिरते पानी को प्रसाद समझ कर पी गए भक्त ! भगवान कृष्ण के मंदिर का वीडियो वायरल !

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UP के  मथुरा पर स्थित वृंदावन के एक प्रसिद्ध मंदिर में हाथी के मुंह जैसी आकृति है। हाल ही में लोगों ने इस आकृति से टपकने वाले पानी के बारे में सोशल मीडिया पर कई कहानियाँ शेयर कीं। कुछ लोगों ने कहा कि यह पानी खास है और भगवान कृष्ण के चरणों से निकला है। ऐसा ही कुछ प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में हुआ। जब लोगों ने ऑनलाइन यह जानकारी देखी, तो उनमें से कई लोग टपकते पानी को पीने के लिए लाइन में लग गए, उन्हें लगा कि यह खास है। एक वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे लोग दीवार से गिर रही बूंदों को पिने के लिए लाइन में लगे हुए थे।

लोग कह रहे हैं कि यह वीडियो बांके बिहार मंदिर का है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि बहुत से लोग दीवार पर लगी हाथी की मूर्ति से टपकता पानी पी रहे हैं। कुछ लोग पानी से प्याले भर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे अपने हाथों से पी रहे हैं। कुछ लोग इसे अपने ऊपर भी छिड़क रहे हैं। उन्हें लगता है कि यह पानी खास है, जिसे चरणामृत कहते हैं, लेकिन यह वास्तव में मंदिर में लगे AC से टपकता पानी है। वीडियो को फिल्माने वाले व्यक्ति को कुछ आगंतुकों से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे जो पानी पी रहे हैं वह एसी से है।

भले ही वीडियो में व्यक्ति कहता है कि लोगों को पानी नहीं पीना चाहिए, फिर भी कई लोग पानी पी रहे हैं और उसे अपने ऊपर छिड़क रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत लोकप्रिय हो रहा है और X पर इसे 2.8 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है। लोग टिप्पणियों में बहुत से अलग-अलग विचार साझा कर रहे हैं, और कुछ दुखी हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वीडियो वास्तविक विज्ञान पर आधारित नहीं है। आपको बता दें कि इंडिया टीवी का कहना है कि वे इस खबर की पुष्टि नहीं कर सकते क्योंकि यह लोगों द्वारा ऑनलाइन कही गई बातों पर आधारित है।

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Ghazipur: Reel बनाने में व्यस्त रही मौसी, आँखों के सामने डूब गया मासूम

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सोमवार को सैदपुर कस्बे के पक्का घाट पर अपने परिवार के साथ गंगा नदी में खेल रही 4 वर्षीय बच्ची की दुखद रूप से डूबकर मौत हो गई। उसकी मौसी इंस्टाग्राम के लिए Reel बनाने में व्यस्त थी और उसे पता ही नहीं चला कि बच्ची कब डूबने लगी। इस भयानक हादसे के बाद पुलिस ने स्थिति संभाली और बच्ची का शव उसके परिवार को सौंप दिया।

उमरहा नामक गांव में रहने वाली अंकिता पांडे, जो संदीप पांडे की पत्नी हैं, अपने पिता कपिल मिश्रा के घर बौरवां नामक दूसरे गांव में छठ पूजा नामक विशेष उत्सव के लिए गई थीं। वह अपनी छोटी बच्ची तान्या, जो अभी सिर्फ चार साल की है, को भी अपने साथ ले गई थीं। सोमवार को अंकिता, उसकी बहन स्मृति, उसकी भाभी अर्चना और उसकी मां लक्ष्मीना सभी तान्या के साथ गंगा नदी में स्नान करने के लिए सैदपुर कस्बे के पक्का घाट नामक स्थान पर गई थीं।

तान्या अपनी मां और दादी के साथ गंगा नदी में मस्ती कर रही थी, जबकि उसकी मौसी स्मृति बाहर इंस्टाग्राम के लिए उनका वीडियो बना रही थीं। अचानक तान्या गहरे पानी में चली गई और उसे तैरने में दिक्कत होने लगी। पहले तो उसका सिर्फ़ पैर पानी के ऊपर दिखाई दे रहा था, फिर उसका सिर। उसके बाद वह पानी के नीचे गायब हो गई। यह सब उसकी मौसी के वीडियो में कैद हो गया, लेकिन मौसी स्मृति को यह नहीं पता था कि तान्या खतरे में है।

थोड़ी देर बाद जब तान्या को कोई नहीं ढूंढ पाया तो सभी ने उसे खोजना शुरू कर दिया। जल्द ही उन्हें उसके परिवार के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी। जब उन्होंने वीडियो देखा तो उन्होंने देखा कि तान्या पानी में संघर्ष कर रही थी। आस-पास के लोगों ने तुरंत पुलिस को मदद के लिए बुलाया। पुलिस और गोताखोर बहुत तेज़ी से पहुंचे और करीब डेढ़ घंटे बाद उन्होंने तान्या को उस जगह से करीब 50 मीटर नीचे नदी में पाया जहां वह गिरी थी।

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छठ पर्व पर डीजीपी ने UP पुलिस को दिए कड़े निर्देश, किसी तरह की कोई हुड़दंगई की तो उसके खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

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UP में छठ का त्यौहार आने वाला है, इसलिए पुलिस तैयारियों में जुटी हुई है। पुलिस के मुखिया डीजीपी प्रशांत कुमार ने उन्हें हर तरह की स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। अगर कोई त्यौहार के दौरान उपद्रव करने की कोशिश करता है, तो पुलिस उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। डीजीपी ने सभी को छठ मनाने वाले इलाकों को साफ रखने और गोताखोरों की मदद के लिए तैयार रहने की भी याद दिलाई। उत्तर प्रदेश में पुलिस के मुखिया प्रशांत कुमार ने कहा कि चूंकि त्यौहार के दौरान बहुत से लोग नदियों और पूजा स्थलों पर जाते हैं, इसलिए उन्हें सभी को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त पुलिस अधिकारियों की आवश्यकता है।

उन्हें यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अच्छी रोशनी हो और इलाका साफ-सुथरा हो। जरूरत पड़ने पर मदद के लिए नदियों पर गोताखोरों को तैयार रखना चाहिए। छठ पूजा के दौरान सभी को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही, कुछ पुलिस अधिकारी आम लोगों की तरह कपड़े पहनकर व्यस्त जगहों पर मौजूद रहेंगे। उन्होंने सभी को सुरक्षित रखने में मदद के लिए एंटी रोमियो एस्कॉर्ट नामक एक विशेष टीम शुरू करने का फैसला किया है। चूंकि लोग नदियों के किनारे आतिशबाजी करके छठ का त्यौहार मनाना पसंद करते हैं, इसलिए वहां अग्नि सुरक्षा योजनाएँ बनाना महत्वपूर्ण है। चूंकि बहुत से लोग ट्रेनों और बसों में यात्रा करेंगे, इसलिए उन्हें बड़ी भीड़ को संभालने के लिए पहले से तैयारी करनी होगी। इसलिए, वे पुलिस को तैयार रहने और ट्रेन और बस स्टेशनों पर मदद के लिए पर्याप्त अधिकारी रखने को कह रहे हैं।

डीजीपी ने पुलिस को त्योहारों के दौरान किसी भी उपद्रवी को रोकने के लिए घूमने और चीजों पर नज़र रखने को कहा है। उन्होंने उन लोगों पर भी विशेष ध्यान देने को कहा है जो समस्या पैदा कर सकते हैं। जानकारी इकट्ठा करने वाली स्थानीय टीम को सतर्क रहना चाहिए। साथ ही, वे यह सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी नज़र रख रहे हैं कि कोई गलत जानकारी साझा न हो, और अगर कोई झूठ फैलाता है, तो वे उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

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