Uttar Pradesh
UP में 150 एनकाउंटर कर चुका ये पुलिस वाला, फ़िल्मी परदे पर भी दिखेगा जलवा, रियल सिंघम
UP के बहराइच में एक त्यौहार के दौरान कुछ गड़बड़ हो गई, जहाँ लोग पानी में मूर्तियाँ डालकर जश्न मना रहे थे। इस परेशानी की वजह से पुलिस को आगे आना पड़ा और चीज़ों को सुरक्षित रखना पड़ा। अमिताभ यश नाम के एक पुलिस अधिकारी को लोगों को परेशान करने के लिए दौड़ते हुए देखा गया। वह अब यूपी में काफी मशहूर हो चुके हैं और उनके बारे में एक फिल्म भी बन चुकी है! जियो स्टूडियो द्वारा बनाई गई यह फिल्म उनके और ददुआ नामक व्यक्ति के बीच लड़ाई की कहानी बताती है और इसे इस सप्ताह MAMI नामक फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाएगा। मूल रूप से, फिल्म का नाम “यश” था और इरफान खान नामक एक प्रसिद्ध अभिनेता ददुआ की भूमिका निभाने वाले थे। आइए अमिताभ यश के बारे में और जानें!
अमिताभ यश बिहार नामक जगह से एक विशेष पुलिस अधिकारी हैं। वह भोजपुर नामक जिले में पले-बढ़े हैं। उनके पिता, रामयश सिंह भी एक पुलिस अधिकारी थे और एक उच्च पदस्थ अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त होने तक उन्होंने कड़ी मेहनत की। अभी, अमिताभ उत्तर प्रदेश नामक जगह में एक महत्वपूर्ण पुलिस नेता हैं, जहाँ वह चीजों को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने में मदद करते हैं। उनका जन्म 11 अप्रैल 1971 को हुआ था और बचपन से ही उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ बहुत समय बिताया। उन्होंने पुलिस स्टेशन में ही पढ़ाई की और खाना भी खाया, जिससे उन्हें छोटी उम्र से ही पुलिस की नौकरी से जुड़ाव महसूस हुआ। अमिताभ यश ने बहुत मेहनत की और खूब पढ़ाई की।
उन्होंने जो कुछ भी सीखा, उसकी वजह से वे यूपीएससी नामक बड़ी परीक्षा पास करने में सफल रहे और आईपीएस अधिकारी बन गए, जो पुलिस में एक खास नौकरी है। स्कूल खत्म करने के बाद अमिताभ और भी सीखने के लिए दिल्ली चले गए। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज नामक एक प्रसिद्ध स्कूल से स्नातक किया। फिर, वे आगे की पढ़ाई के लिए आईआईटी कानपुर नामक जगह चले गए। बहुत समय पहले, 1996 में अमिताभ यश नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस अधिकारी बनने के लिए एक बड़ी परीक्षा पास की। दो साल बाद, उन्होंने उत्तर प्रदेश नामक जगह पर पुलिस के लिए काम करना शुरू कर दिया। उनकी पहली नौकरी संत कबीर नगर नामक एक कस्बे में थी। 11 महीने बाद, वे बाराबंकी नामक दूसरी जगह चले गए। उसके बाद उन्होंने हरदोई, जालौन, सहारनपुर, महाराजगंज, सीतापुर, बुलंदशहर, नोएडा और कानपुर जैसे कई अलग-अलग शहरों में काम किया।
2007 में, उन्होंने STF नामक एक विशेष पुलिस टीम के नेता के रूप में एक नई नौकरी शुरू की। इस दौरान, उन्होंने ददुआ नामक एक बहुत ही खतरनाक अपराधी को पकड़ने में मदद की, जो वास्तव में बहुत बुरा था क्योंकि उसने बहुत से लोगों को चोट पहुँचाई थी – 150 से भी ज़्यादा! ददुआ का असली नाम शिव कुमार पटेल था और वह 30 साल तक चंबल नामक जगह पर बहुत ही खौफनाक होने के लिए जाना जाता था। यहाँ तक कि बड़े-बड़े लोग भी उससे डरते थे। 2017 में, वह STF में उच्च पद पर आसीन हो गया और 2021 तक उसे और भी बड़ी नौकरी मिल गई। इसी साल जनवरी में, उसे यूपी नामक जगह में ADG लॉ एंड ऑर्डर नामक एक नया पद दिया गया।
Uttar Pradesh
Hazratganj: अतिक्रमण को लेकर दो गुटों में झगड़ा, पुलिस और नगर निगम की उदासीनता पर सवाल
बुधवार दोपहर Hazratganj के नवल किशोर रोड पर अतिक्रमण को लेकर हुए विवाद ने बवाल का रूप ले लिया। लीला सिनेमा के सामने एक समोसे की दुकान से शुरू हुई कहासुनी ने जल्द ही हिंसक झगड़े का रूप ले लिया। हालांकि, पुलिस तब मौके पर पहुंची जब मामला शांत हो चुका था।
कैसे हुआ विवाद?
दोपहर करीब दो बजे, समोसा खाने आए एक युवक और दुकान मालिक के बीच पार्किंग को लेकर बहस हो गई।
युवक ने दुकान मालिक को टोकते हुए कहा कि उसकी दुकान भी सड़क पर अवैध रूप से लगाई गई है।
कहासुनी मारपीट में बदल गई, जिसमें दुकानदार और उसके कर्मचारियों ने युवक को पीटा।
युवक ने अपनी टीम बुला ली, और फिर दुकान मालिक के कर्मचारियों पर हमला किया गया।
इस दौरान युवक के साथी दो समूहों में बंट गए। एक टीम विष्णु नारायण इंटर कॉलेज की ओर गई, जबकि दूसरी टीम लीला सिनेमा की ओर दौड़ पड़ी। सड़कों पर यह झगड़ा देखने वालों के लिए अराजकता का माहौल पैदा कर गया।
अतिक्रमण बना झगड़े की जड़
स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के अनुसार, नवल किशोर रोड पर अतिक्रमण की समस्या लगातार बढ़ रही है।
सड़क पर खुले दफ्तर, दुकानें और वेंडरों के कारण रास्ता संकरा हो गया है।
वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं, जिससे जाम की स्थिति बन जाती है।
बिना वेंडिंग ज़ोन के दुकानों और ठेलों ने सड़क के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है।
प्रशासन की उदासीनता
अतिक्रमण हटाने में नगर निगम और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम अवैध कब्जों को हटाने में पूरी तरह लापरवाह है।
पुलिस भी इन मामलों में मौन बनी रहती है, जिससे विवाद और झगड़ों की घटनाएं बढ़ रही हैं।
यातायात और सुरक्षा पर असर
अतिक्रमण के कारण नवल किशोर रोड पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
सड़क पर एक वाहन निकलने भर की जगह ही बचती है।
यदि कोई वाहन गलत दिशा से आ जाए तो जाम लगना तय है, जो अक्सर विवाद का कारण बनता है।
पूड़ी-सब्जी और समोसे की दुकानों के बाहर खड़े ग्राहकों और वाहनों से समस्या और गंभीर हो जाती है।
निवासियों की मांग
स्थानीय लोगों ने नगर निगम और पुलिस से अतिक्रमण हटाने की सख्त मांग की है।
यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो सड़क पर झगड़े और जाम की समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
प्रशासन को वेंडिंग जोन बनाकर दुकानों और ठेलों को व्यवस्थित करना चाहिए।
Uttar Pradesh
Bihar के हत्या आरोपी, साधु के भेष में लूट करते गोरखपुर में गिरफ्तार
Bihar में हत्या के आरोपी, साधु के भेष में गोरखपुर में लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। तारामंडल के यशोधरा कुंज इलाके में एक महिला से लूट करने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान बिहार के जहानाबाद जिले के काको थाना क्षेत्र के हाजीपुर नदियावा निवासी पारस नट उर्फ लाठौर, गेंहरी नट, मारकण्डेय नट और परमिला उर्फ संतरा के रूप में हुई है। परमिला जोगी उर्फ योगी नट की पत्नी है, जबकि जोगी और पारस नट अगस्त में बिहार में हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। पुलिस अब जोगी की तलाश में जुटी है।
लूट की घटना का तरीका
19 नवंबर को यशोधरा कुंज की निवासी साधना सिंह ने रामगढ़ताल थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 10 बजे, दो अज्ञात व्यक्ति उनके कमरे के सामने भीख मांगने के लिए आए। ये दोनों साधु के भेष में थे और कामाख्या देवी के नाम पर कुछ चावल देने के बहाने उनके गहनों को चुराने का प्रयास कर रहे थे। आरोपितों ने चावल के साथ उनका मंगलसूत्र, कान की बालियां और अंगूठी रखवा दी और दावा किया कि इससे उनके धन में वृद्धि होगी।
कुछ देर बाद जब महिला ने चावल के साथ रखी पोटली खोली, तो उसमें मिट्टी जैसा पदार्थ निकला। शोर मचाने पर वही गिरिजा देवी नाम की महिला भी वहां आईं और बताया कि उनके साथ भी यही घटना घटी थी।
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी साधु के भेष में घूमते थे और महिलाओं को झांसा देकर उनके गहनों को चुराते थे। गिरफ्तार आरोपितों से पुलिस ने दो मंगलसूत्र, एक जोड़ी कान की बालियां, 27 ताबीज, 14 पीली धातु, चार अंगूठियां और 40 सफेद धातु की अंगूठियां बरामद की हैं।
पुलिस ने आरोपितों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है, जबकि फरार आरोपित जोगी उर्फ योगी नट की गिरफ्तारी के लिए एक टीम उसकी तलाश कर रही है।
Uttar Pradesh
सपा अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में आउटसोर्सिंग भर्तियों पर सरकार पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए हो रही भर्तियों पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इस मामले में व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा को अपनी पूरी सरकार को आउटसोर्स कर देना चाहिए, ताकि सभी कमीशन एक ही जगह से और एक साथ मिल सके।
गोरखपुर नगर निगम ने 18 नवंबर को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इन महत्वपूर्ण पदों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से आवेदन मांगे गए थे। इन पदों के लिए 7 दिसंबर तक आवेदन की अंतिम तिथि रखी गई है। तहसीलदार को 35 हजार रुपये, नायब तहसीलदार को 30 हजार रुपये, राजस्व निरीक्षक को 29 हजार रुपये और लेखपाल को 27 हजार रुपये मानदेय देने की बात कही गई है। नगर निगम का कहना है कि कार्यभार अधिक होने के कारण सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को इन पदों पर नियुक्त किया जाएगा।
अखिलेश यादव ने इस निर्णय का विरोध करते हुए इसे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के खिलाफ एक आर्थिक साजिश करार दिया। उन्होंने भाजपा से इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि सरकार का यह कदम नौकरी और आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को छीनने जैसा है। उन्होंने इसे निंदनीय बताया और कहा कि इस तरह की नौकरियों का विरोध उन्होंने पहले भी किया था।
इसके अलावा, अखिलेश यादव ने गुरुवार को उपचुनावों के परिणामों के बाद प्रदेशवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी। उन्होंने प्रशासनिक दबाव के बावजूद मतदान के दौरान प्रदेश की जनता का हौसला बनाए रखने के लिए सभी का धन्यवाद किया। अखिलेश ने कहा कि नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भाजपा के खिलाफ पीडीए की एकजुटता, सम्मान और अधिकारों के लिए थे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद पीडीए ने नैतिक रूप से सभी नौ सीटों पर जीत हासिल की है।
अखिलेश यादव ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने वोट की रक्षा करें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर जनसेवा में जुट जाएं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों और पत्रकारों को भी शुभकामनाएं दी।
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