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Haryana News : आयुष्मान भारत योजना के तहत कई निजी Hospital में बना रहे थे फर्ज़ी बिल

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आसानी से पैसा कमाने के लिए चरखी दादरी के 3 निजी Hospital ने फर्जी आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी बढ़े हुए बिल बना रहे थे। इसका फर्जीवाड़े का पता जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने लगाया है। आयुष्मान भारत योजना के अधिकारियों के मुताबिक 2 हफ्ते पहले 4 निजी अस्पतालों को नोटिस दिया गया था और सरकार की प्रमुख योजना के तहत 41 मरीजों को दिए गए इलाज से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी।

जवाब देने में रहा विफल अस्पताल

चरखी दादरी में आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. अंकुर ने बताया कि, धोखाधड़ी के कारण जय हिंद अस्पताल को योजना से बाहर कर दिया गया है। वहीं, कृष्ण नेत्र अस्पताल को 6 महीने के लिए काली सूची में डाल दिया गया है। क्योंकि अस्पताल दिए गए नोटिस का जवाब देने में विफल रहा है। इसके अलावा परधान अस्पताल पर 99,000रुपए का जुर्माना लगाया गया। क्योंकि वह संतोषजनक जवाब देने में विफल रहा। वहीं यादव हॉस्पिटल के खिलाफ दर्ज शिकायत की जांच की जा रही है। जिले के अन्य 5 निजी अस्पतालों के खिलाफ भी जांच चल रही है।

स्क्रीनिंग सॉफ्टवेयर को लगातार कर रहे अपग्रेड

उन्होंने बताया कि वे अपने स्क्रीनिंग सॉफ्टवेयर और चेक प्वाइंटस को लगातार अपग्रेड कर रहे हैं। हम केवल उन्हीं अस्पतालों को अपने पास रखना चाहते हैं जो कुशलतापूर्वक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर सकें। निजी अस्पतालों के अलावा, सरकारी अस्पतालों को भी आयुष्मान भारत लाभार्थियों के इलाज के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

ये गड़बड़ी आई सामने

अधिकारियों के अनुसार दादरी के एक निजी अस्पताल के अधिकारियों ने एक सामान्य वार्ड के मरीज को गहन चिकित्सा इकाई (आई.सी.यू.) में स्थानांतरित कर दिया। फिर तस्वीरें क्लिक की गईं। इस दौरान मरीज ने न तो आई सी.यू. ड्रेस पहनी थी और न ही फेस मास्क के साथ ऑक्सीजन का उपयोग कर रहा था। आई.सी.यू. बिल बढ़ाकर अधिक कमाई के लिए ऐसा किया गया था।

एक अन्य मामले में एक निजी अस्पताल यह साबित करने में असमर्थ रहा कि मरीज को निश्चित अंतराल पर कई बार भर्ती क्यों किया गया ? इसके अलावा एक अस्पताल में आईसीयू में कोई मशीन और ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं थे। लेकिन मरीज को आईसीयू में भर्ती करने और उसका इलाज की प्रक्रिया को कागजों पर दिखाया गया। जबकि, डॉक्टरों द्वारा दिखाया गया उपचार मरीज को दिए गए नुस्खे से मेल नहीं खा रहा था।

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Panchkula में महिला से ठगों ने मुंबई पुलिस बताकर ठगे 10 लाख, ड्रग्स सप्लाई के झूठे मामले में फंसाने की दी धमकी

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Panchkula साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक हैरान कर देने वाली घटना हुई। एक कंप्यूटर कंपनी में काम करने वाली महिला को मुंबई के पुलिस अधिकारी होने का दिखावा करने वाले कुछ बदमाशों ने धोखा दिया। उन्होंने उसे यह कहकर डरा दिया कि अगर वह उन्हें बहुत सारा पैसा नहीं देगी, तो वे उस पर ड्रग्स बेचने का आरोप लगा देंगे! जालंधर में रहने वाली और चंडीगढ़ में आईटी पार्क नामक जगह पर काम करने वाली नबदीप कौर नाम की महिला ने बताया कि उसके साथ कुछ अजीब हुआ।

11 सितंबर को उसे अलग-अलग लोगों के फोन आए। उनमें से एक ने कहा कि वह मुंबई का एक पुलिस अधिकारी है और उसका नाम रविकांत है। उसने नबदीप से कहा कि उसके पास उसका आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी है और उसने वादा किया कि वह वास्तव में एक पुलिस अधिकारी है। किसी ने फोन करके कहा कि नबदीप कौर नाम की एक महिला के लिए भारत से ईरान एक पैकेज भेजा जा रहा है। इस पैकेज में कपड़े, लैपटॉप, पासपोर्ट और 450 ग्राम ड्रग्स थे। उन्होंने यह भी बताया कि इस पैकेज की वजह से इस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसके बाद उन्होंने उसे वीडियो कॉल पर कनेक्ट किया और मुंबई के प्रदीप सावंत नामक पुलिस अधिकारी होने का नाटक किया।

कुछ बदमाशों ने नवदीप को झांसा देकर उसके बैंक खाते की जानकारी दे दी। फिर उन्होंने उसके खाते में बड़ी रकम, लगभग 10 लाख रुपये, डाल दिए। इसके बाद उन्होंने जल्दी से वह पैसा निकालकर अपने खाते में डाल लिया। जब नवदीप ने अपने खाते को देखा तो उसने पाया कि यह पैसा दरअसल उसके नाम पर लिया गया लोन था, लेकिन जालसाजों ने सारा पैसा अपने खाते में डाल लिया।

नवदीप कौर ने तुरंत पंचकूला में पुलिस को अपनी समस्या बताई। पुलिस ने उसकी बात सुनी और मामले की जांच करने का फैसला किया। अब वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जालसाजों ने उसे कैसे झांसा देकर इतना बड़ा घोटाला किया।

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Haryana में प्रेमी संग घर से भागी लड़की, परिजनों ने उन्हें घर आने की बात कही पर वह नहीं लौटे

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Haryana के मतलौडा कस्बे में एक लड़की अपने घर से गायब हो गई, और यह थोड़ा अजीब लगा। उसे तलाशते हुए, उसके परिवार को उस लड़के का नाम और फ़ोन नंबर पता चला जिसे वह पसंद करती थी। उन्होंने उसे व्हाट्सएप पर एक संदेश भेजा और लड़की और लड़के दोनों से बात की।

परिवार चाहता था कि वे घर वापस आ जाएँ और उनकी शादी में मदद करने का वादा किया। उन्होंने उनसे कहा कि वे सुरक्षित रहेंगे और उन्हें कोई चोट नहीं लगेगी। लेकिन इसके बावजूद, वे वापस नहीं आए। इसलिए, परिवार ने पुलिस को इस बारे में बताया। पुलिस ने परिवार की शिकायत के कारण उन्हें लापता होने की बात लिखी।

एक पिता अपनी समस्या साझा करने के लिए मतलौडा पुलिस स्टेशन गया। वह वैसर नामक गाँव में रहता है। उसने बताया कि उसकी 19 वर्षीय बेटी 13 सितंबर को दोपहर करीब 2 बजे अजीब तरीके से लापता हो गई। परिवार ने 4 से 5 बजे के बीच अपने पड़ोस में उसकी तलाश शुरू की।

उन्होंने पूरे गाँव में उसकी तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। फिर, उन्होंने उसके परिवार से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि वह कहाँ है, लेकिन उन्हें भी नहीं पता था। जब वे उसे ढूँढ रहे थे, तो उन्हें लगा कि वह सुरेंद्र नाम के किसी लड़के के साथ हो सकती है। उन्होंने उसे फ़ोन करने की कोशिश की, लेकिन उसका फ़ोन बंद था।

उसके बाद, उसने अपने परिवार को कॉल करने के लिए WhatsApp का इस्तेमाल किया। जब वे बात कर रहे थे, तो परिवार ने कहा कि वे उनकी शादी करवाने में मदद करेंगे, लेकिन उन्हें पहले घर वापस आना होगा। उन्होंने वादा किया कि वे उनसे नाराज़ नहीं होंगे। लेकिन उन दोनों ने घर न जाने का फ़ैसला किया।

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Gurugram पुलिस ने बच्चा चोर गिरोह का किए खुलासा, भीख मंगवाने के लिए किया था अगवा

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हरियाणा के Gurugram पुलिस ने आज बच्चों की चोरी करने वाले कुछ बदमाशों को पकड़कर एक बड़ा काम किया है। पुलिस ने दो महिलाओं समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और एक पांच साल के बच्चे को भी बचाया है, जिसे ये बदमाश चुराकर ले गए थे। मंगलवार को कुछ लोगों ने एक छोटे बच्चे को उठा लिया। पुलिस ने बताया कि बुधवार शाम को बेहरामपुर गांव के किसी व्यक्ति ने उन्हें घटना के बारे में बताया। उसने बताया कि एक अजनबी महिला उसके पांच साल के बेटे को खेल रहे समय उठाकर ले गई।

जब पुलिस स्टेशन को पता चला कि कोई बच्चा चुराकर ले गया है, तो वहां काफी हलचल मच गई। इस वजह से उन्होंने आधिकारिक जांच शुरू कर दी। उन्होंने लापता बच्चे की तलाश के लिए पुलिस अधिकारियों के दो विशेष दल बनाए। पुलिस बच्चे को खोजने पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रही थी और उसे पता चला कि बच्चे को चुराने वाले लोग सेक्टर 52 नामक जगह पर हैं। देर रात विशेष टीमें उस इलाके में गईं और तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिन पर इसमें शामिल होने का संदेह था।

दो महिलाओं को पुलिस ने इसलिए पकड़ा क्योंकि वे एक बच्चे को चुराने की कोशिश कर रही थीं। पुलिस ने उनसे बात करके पता लगाया कि आखिर हुआ क्या था। महिलाओं का नाम वर्षा है, जो 27 साल की है और आशा है, जो 23 साल की है और सपना नाम से भी जानी जाती है। आशा के पति मुकेश की उम्र भी 27 साल है। मंगलवार को दोनों महिलाएं बच्चे को लेने के लिए बेहरामपुर गांव में आई थीं। उन्होंने बच्चे को खेलते हुए देखा और वर्षा उसे लेकर घाटा गांव में चली गई। मुकुल और सपना घाटा गांव से एक बच्चे को लेकर किराए के कमरे में चले गए क्योंकि वे बच्चे को बिहार ले जाना चाहते थे।

लेकिन पुलिस ने समय रहते बच्चे को ढूंढ़ लिया और उसे बचा लिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुरे लोग बच्चे को इसलिए ले गए थे ताकि वह सड़कों पर भीख मांग सके। अब वे जांच कर रहे हैं कि आखिर हुआ क्या था। बच्चों को चुराने वाले गिरोह के बारे में इस खबर ने गुरुग्राम में बहुत से लोगों को चौंका दिया है।

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