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ग्रिड से जुड़ेंगी E-Cars, ग्राहकों को चार्जिंग पर मिलेगा फायदा, बिजली बिल भी आएगा आधा

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E-Cars को बढ़ावा देने के लिए इन्हें फायदेमंद संपत्ति में बदलने की तैयारी है। इसके लिए बाजार में अब बाइडाइरेक्शनल चार्जिंग वाली कारें आने वाली हैं। इससे इलेक्ट्रिक कार की बैटरियों का इस्तेमाल अतिरिक्त ऊर्जा स्टोर करने के लिए किया जा सकता है। ईवी को नई तकनीक से इलेक्ट्रिक ग्रिड से जोड़ा जाएगा, ताकि बिजली की सप्लाई और मांग में उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद की जा सके। वाहन निर्माता कार मालिकों और बिजली सप्लायर के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करके पैसा कमाएंगे।

इस तकनीक की शुरुआत करने वाला स्टार्टअप यूरोप में सस्ती बिजली खरीदकर उसे दाम बढ़ने पर बेच देता है। वहीं, ग्राहकों को इससे बिजली बिल-टैक्स में छूट और मुफ्त पार्किंग जैसे फायदे मिलते हैं। एक अनुमान के अनुसार इससे बिजली बिल में 50% तक कटौती संभव है। रेनॉ दिसंबर से ऐसी कारों की डिलीवरी शुरू करेगी। इसकी शुरुआती कीमत फ्रांस में लगभग करीब 26 लाख रुपए रहने की उम्मीद है। कार्यक्रम के प्रभारी रेनों के एग्जीक्यूटिव जियाद डागर ने कहा, ग्राहक जितना ज्यादा प्लग-इन करेंगे, उतना ज्यादा कमाएंगे।

जनरल मोटर्स, हुंडई और वॉक्सवैगन भी जल्द इस टेक्नोलॉजी पर बनीं कारें लाने की तैयारी में हैं। फोर्ड एफ-150 लाइटनिंग पिकअप भी अब टू-वे चार्जिंग टेक्नोलॉजी से लैस है। यह ब्लैकआउट के दौरान घर में बिजली दे सकता है। इसे भी ग्रिड से जोड़ने की तैयारी है। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका में दशक के अंत तक ऐसी 3 करोड़ कारें होंगी। इनमें परमाणु संयंत्रों से एक दिन में उत्पादित होने जितनी बिजली स्टोर की जा सकेगी।

हालांकि, इस योजना में कुछ बाधाएं भी हैं। कई कार मालिकों को डर है कि इससे उनकी बैटरियां जल्दी खराब होंगी। विशेषज्ञों के अनुसार इससे बैटरी पर खास असर नहीं पड़ेगा। कंपनियां फिर भी इसके लिए ऑफर्स लाने पर विचार कर रही हैं। दूसरी बड़ी समस्या ग्रिड चलाने वाले नियामकों को इस योजना के लिए तैयार करने की है। इससे निपटने के लिए मैरीलैंड में पिछले महीने एक कानून लाया गया है।

एक फ्री होम चार्जर मिलेगा, ग्राहक तय कर सकेंगे बिजली सीमा

रेनों की योजना के तहत बाइडाइरेक्शनल चार्जिंग वाली कारें लेने पर खरीदारों को एक फ्री होम चार्जर मिलेगा। उन्हें एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने होंगे, जिससे वे प्लग-इन होने पर उन्हें रेनों के वाहनों से बिजली लेने की अनुमति मिलेगी, साथ ही कार के मालिक यह नियंत्रित कर सकेंगे कि वे ग्रिड को कितनी बिजली वापस देते हैं और कब देते हैं। कंपनी फ्रांस के बाद जर्मनी, ब्रिटेन और अन्य देशों में इसे लॉन्च करेगी। अक्षय ऊर्जा के ग्रिड में यह ज्यादा आसान व फायदेमंद होगा।

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