Haryana
Anil Vij का बड़ा दावा, कहा मेरी हत्या की साजिश रची गई, कोशिश की गई कि चुनाव में…
Haryana में परिवहन और बिजली के प्रभारी Anil Vij ने कहा कि चुनाव के दौरान कुछ लोग उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहते थे। उनका मानना है कि उनकी अपनी पार्टी के कुछ सदस्य और सरकार के प्रभारी लोग इस योजना का हिस्सा थे। उन्हें लगता है कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत कोशिश की कि वह जीत न पाएं। पहले तो स्थानीय सरकार उन सड़कों का निर्माण नहीं करना चाहती थी, जिन्हें बनाया जाना था, लेकिन अब वे आखिरकार उन्हें फिर से बनाना शुरू कर रहे हैं।
चुनाव के दौरान किसी ने लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, उम्मीद है कि इससे जीत किसकी होगी। वे चाहते थे कि अनिल विज या उनके किसी मददगार को नुकसान पहुंचे। लोग यह पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं कि आखिर हुआ क्या था, लेकिन मैं यह नहीं कह रहा हूं कि किसी ने कुछ गलत किया।
Anil Vij सोमवार, 4 नवंबर को अंबाला में चुनाव के बाद धन्यवाद कहने के लिए एक विशेष कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति का जिक्र किया जिसने अंबाला कैंट में चुनाव लड़ रही उम्मीदवार चित्रा सरवारा की टीम में लोगों से मिलने-जुलने में मदद की। उन्होंने कहा कि उनके पास इसका सबूत है।
उन्होंने अन्य लोगों को प्रभावित करने के लिए अपने सभी फेसबुक पेजों पर मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ एक तस्वीर साझा की। मुझे यकीन नहीं है कि वह मुख्यमंत्री के करीब क्यों है। उसने ऐसी चीजें की हैं जो भाजपा के खिलाफ हैं, इसलिए उसे हमारे मुख्यमंत्री के साथ एक तस्वीर पोस्ट करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। उसे तुरंत उस तस्वीर को हटाने की जरूरत है क्योंकि हम अपने मुख्यमंत्री के अच्छे नाम की रक्षा करना चाहते हैं।
Anil Vij ने कहा कि वह शाहपुर नामक एक गाँव में एक बैठक में गया था और चुनाव के प्रभारी लोगों से इसे आयोजित करने की अनुमति ली थी। जब उसने बात करना शुरू किया, तो किसान संघ के झंडे वाले कुछ लोग अंदर आ गए, लेकिन ग्रामीणों को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने उन्हें बाहर निकाल दिया। उन्हें चिंता थी कि अगर चीजें हाथ से निकल गईं, तो इससे चुनाव में उनकी संभावनाओं को नुकसान हो सकता है।
किसान संघ का कोई व्यक्ति, कोई ग्रामीण या मैं बुरी तरह से घायल हो सकता था। वे चाहते थे कि अनिल विज आएं और किसी को लाठी से मारें। मैं इस सब के दौरान शांत रहा। मैं जानना चाहता हूं कि पुलिस कहां थी क्योंकि वहां एक भी अधिकारी नहीं था। मेरे पास विशेष सुरक्षा है क्योंकि मुझे दुनिया भर के लोगों से धमकियां मिली हैं। लेकिन इससे ठीक एक दिन पहले मेरी आधी सुरक्षा छीन ली गई।
क्या आप मुझे बता सकते हैं कि सीआईडी कहां है? उन्हें क्यों नहीं पता था कि बहुत सारे लोग विरोध कर रहे थे? मैं यहां एक महत्वपूर्ण काम पर काम कर रहा हूं। लोकतंत्र में लोग चाहें तो विरोध कर सकते हैं, लेकिन अगर पुलिस उन्हें रोक दे तो क्या होगा? सीआईडी ने यह क्यों नहीं देखा कि कुछ लोग लाठी और धातु लेकर आए थे? अगर ऐसा है तो चुनाव आयोग से अनुमति मांगने का क्या मतलब है? इसमें बहुत सारे लोग शामिल हैं।
कुछ लोग कह रहे थे कि विज को किसी महत्वपूर्ण चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलेगा और फिर उन्होंने कहा कि वह जीत नहीं पाएंगे और सरकार सफल नहीं होगी। लेकिन यह सब झूठ निकला। फिर उन लोगों ने दूसरे पक्ष का समर्थन करने का फैसला किया। जिस तरह एक भैंस कसाई को चोट पहुंचाने नहीं देती, उसी तरह हमें जो कुछ भी हम सुनते हैं उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए। जल्द ही स्थानीय नेताओं के लिए चुनाव होंगे और कार्यकर्ताओं के लिए एक साथ आना और लोगों के साथ काम करना महत्वपूर्ण है।
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Panipat में पति पत्नी में हुआ झगड़ा, घर छोड़कर निकला युवक, हुई थी लव मैरि
हरियाणा के Panipat शहर की एक कॉलोनी में एक जोड़ा जो अभी-अभी शादी करके एक-दूसरे से प्यार करता था, के बीच बहुत बड़ा झगड़ा हुआ। झगड़े के बाद पति बिना किसी को बताए घर से चला गया। पत्नी बहुत चिंतित है और उसे ढूँढने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह नहीं मिल पा रही है। उसका फोन बंद है, इसलिए वह उससे संपर्क नहीं कर पा रही है। उनकी शादी को सिर्फ़ चार महीने हुए थे और उनकी शादी उत्तर प्रदेश नामक जगह पर हुई थी। क्योंकि वह बहुत चिंतित है, इसलिए पत्नी मदद के लिए पुलिस के पास गई और जब से उसने अपने पति के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है, तब से पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है।
19 वर्षीय एक महिला किला पुलिस स्टेशन में कुछ बताने गई। वह उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर नामक जगह से है, लेकिन अब वह हरियाणा के पानीपत नामक शहर के किला पुलिस स्टेशन के पास एक मोहल्ले में रहती है। उसने 24 जून, 2024 को अशोक कुमार नामक व्यक्ति से शादी कर ली।
यह एक ऐसे जोड़े की कहानी है जिन्होंने एक-दूसरे से प्यार करने के कारण शादी कर ली। वे दोनों उत्तर प्रदेश नामक जगह से आते हैं। शादी करने का फैसला करने से पहले वे लगभग 6 महीने से एक-दूसरे को जानते थे। शादी के बाद वे पानीपत नामक शहर में किराए के मकान में रहने लगे। लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही उनमें झगड़े होने लगे। 31 अक्टूबर को सुबह करीब 9 बजे अशोक बिना कुछ कहे घर से निकल गया। लोगों ने उसे अलग-अलग जगहों पर ढूंढा, लेकिन वह नहीं मिला। एक महिला ने बताया कि उसका अपनी सास से किसी बात पर झगड़ा हो गया था। अब उसका पति कह रहा है कि वह अपनी मां के साथ रहना चाहती है।
Haryana
Faridabad में एक व्यक्ति ने अस्पताल को उड़ाने की धमकी, खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया
हरियाणा के Faridabad में एक निजी अस्पताल को किसी व्यक्ति का डरावना फ़ोन आया जिसने कहा कि वे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह नामक एक गिरोह का हिस्सा हैं। उस व्यक्ति ने अस्पताल को उड़ाने की धमकी दी और किडनी के इलाज में मदद करने वाले एक डॉक्टर का फ़ोन नंबर मांगा। अस्पताल ने इस बारे में पुलिस को बताया और अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। रविवार को रात करीब 9 बजे फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल में किसी ने फ़ोन किया।
उस व्यक्ति ने डॉ. संदीप सिंघल का फ़ोन नंबर मांगा। अस्पताल के कर्मचारी ने उससे कहा कि वे डॉक्टर का नंबर नहीं दे सकते और इसके लिए उसे अस्पताल आना होगा। इसके बाद, फ़ोन करने वाला व्यक्ति बहुत नाराज़ हो गया और उसने कहा कि वह एक गिरोह का हिस्सा है और उसने कर्मचारी को धमकी दी कि अगर उसे नंबर नहीं मिला तो वह उसे मार देगा। फ़ोन कॉल कट जाने के बाद अस्पताल में काम करने वाले लोगों ने अपने मालिकों को इस बारे में बताया। अस्पताल के लिए लोगों से बात करने वाले नवीन कुमार ने कहा कि उन्होंने पुलिस को इस बारे में बताया। लेकिन महेश श्योराण, जो एक महत्वपूर्ण पुलिस अधिकारी हैं, ने कहा कि उन्होंने अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं देखी है। शिकायत मिलने के बाद वे उचित कदम उठाएंगे।
एक व्यक्ति ने देर रात एक निजी अस्पताल को फोन किया और डॉक्टर का फोन नंबर मांगा। जब अस्पताल के कर्मचारियों ने फोन नंबर नहीं दिया, तो फोन करने वाले को बहुत गुस्सा आया और उसने कहा कि वह उन्हें चोट पहुंचाएगा और अस्पताल को उड़ा देगा। अस्पताल ने पुलिस को इस बारे में बताया और वे मामले की जांच कर रहे हैं। वे जल्द ही और जानकारी जुटाएंगे।
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अच्छा पद पाने के लिए की जाती है सिफारिश, Ministers से नाखुश कई मंत्रियों के तीखे तेवर
हरियाणा में अगर कर्मचारी और बॉस राजनीति में अपने जानकारों का दिखावा करके अपने उच्च Ministers को डराने की कोशिश करेंगे तो वे मुसीबत में फंस जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग में यह नया नियम शुरू हो गया है।
स्वास्थ्य विभाग को कई लोगों ने बताया है कि कुछ कर्मचारी अपने बॉस को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए ताकि वे अपना काम करवा सकें। इसी वजह से स्वास्थ्य विभाग के बड़े बॉस ने 2016 में बनाए गए नियमों का पालन करते हुए इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है।
स्वास्थ्य निदेशालय ने हर जिले में स्वास्थ्य के प्रभारी डॉक्टरों को एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि कभी-कभी कुछ कर्मचारी अपने काम के दौरान खास लोगों से अपने संबंधों का इस्तेमाल करके अपने लिए खास सुविधा या लाभ पाने की कोशिश करते हैं।
इसका मतलब है कि किसी ने 2016 में बनाए गए हरियाणा सिविल सेवा नियमों के नियम 26 नामक एक महत्वपूर्ण नियम का उल्लंघन किया है। इस वजह से वहां काम करने वाले सभी लोगों को नियमों का पालन करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो वे मुसीबत में पड़ सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग में अच्छी नौकरी पाना वाकई बहुत जरूरी है। लोगों को खास तौर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ), स्वास्थ्य नियमों का पालन सुनिश्चित करने वाली टीम और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एकत्र करने वाले समूहों जैसी नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कई बार लोग मुख्य चिकित्सा अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण अधिकारियों से मदद मांगकर नौकरी पाने की कोशिश करते हैं। इसे राजनीतिक दबाव का इस्तेमाल करना कहते हैं। ऐसा होने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। मंत्री कहे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण नेता इस बात से खुश नहीं हैं कि कर्मचारी यानी अधिकारी अपना काम कैसे कर रहे हैं।
मंत्रियों में से एक अनिल विज ने अंबाला में अधिकारियों से कहा कि वह कड़ी मेहनत करने में विश्वास रखते हैं और उनसे भी यही उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि केवल वही अधिकारी अपनी नौकरी में बने रहेंगे जो कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हैं। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर ने गुरुग्राम में एक बैठक में अधिकारियों से कहा कि अगर कोई अधिकारी पैसे लेकर अपना काम करेगा तो वह बड़ी मुसीबत में फंस जाएगा। उन्होंने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि वे जेल जाएं और उन्होंने जो पैसे लिए हैं, उन्हें वापस करें। अगर किसी को उनके बारे में शिकायत मिलती है तो उन्हें चिंतित होना चाहिए क्योंकि वह उनकी रक्षा नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने बॉस से इस बारे में बात करें।
डिप्टी स्पीकर कृष्ण मिड्ढा ने जींद में जिम्मेदार लोगों से कहा कि अगर वे बिजली से जुड़ी शिकायतों पर ध्यान नहीं देंगे तो वे इंजीनियर से दोबारा बात नहीं करेंगे। अब से मंत्री ही इसका ध्यान रखेंगे। आप जानते ही हैं कि उस विभाग के मंत्री कौन हैं- अनिल विज। चूंकि अब मंत्री जी इस मामले में शामिल हैं, इसलिए वे खुद ही यह सुनिश्चित करेंगे कि चीजें बेहतर हों।
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