Uttar Pradesh
उपचुनाव से पहले संविदा और Outsourcing नौकरियों में आरक्षण की तैयारी, CM योगी का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार एक नई व्यवस्था शुरू करने की योजना बना रही है, जिससे कुछ खास वर्ग के लोगों को कॉन्ट्रैक्ट और Outsourcing के जरिए नौकरी मिल सके। इस महीने होने वाली बैठक में इस विचार पर चर्चा हो सकती है और इसे मंजूरी मिल सकती है। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि वे ऐसा करने के लिए लोगों को काम पर रखने के तरीके में बदलाव कर रहे हैं।
जल्द ही वे इस विचार को मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने रखेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा पार्टी के कुछ अहम नेताओं ने कहा था कि उन्हें लगता है कि कुछ खास वर्ग के लोगों के साथ कुछ खास कामों को लेकर गलत व्यवहार किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से बात की थी। सरकार ने इस पर फिर से विचार करने का वादा किया था। अब अनिल राजभर नाम के एक मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा है कि इस महीने नौकरी में आरक्षण को लेकर नई योजना सामने आ सकती है।
सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि कुछ खास वर्ग के लोगों को नौकरी में विशेष मदद मिलेगी। वे अनुसूचित जाति के लोगों को 21%, अनुसूचित जनजाति के लोगों को 2% और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को 27% नौकरियां देना चाहते हैं। हाल ही में केशव प्रसाद मौर्य नामक व्यक्ति ने एक पत्र लिखकर कहा कि इस विशेष मदद का इस्तेमाल सरकार में अनुबंध और अस्थायी नौकरियों के माध्यम से लोगों को काम पर रखने में भी किया जाना चाहिए।
लोग कह रहे हैं कि सरकार राज्य के 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए विशेष चुनावों से पहले कुछ चुन सकती है। इस तरह, वे चुनावों में खुद की मदद कर सकते हैं और यह भी दिखा सकते हैं कि उनके विरोधी, जो लोगों के कुछ समूहों के लिए कुछ मदद का समर्थन नहीं करते हैं, गलत हैं।