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Uttar Pradesh

Kakori Train Action शताब्दी समारोह मनाया जा रहा, योगी सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान किया शुरू

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लखनऊ में एक बड़ी पार्टी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें Kakori Train Action में बहुत समय पहले हुई घटना को याद किया जाएगा। इस मौके पर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने शहीदों को श्रद्धांजलि देकर सम्मान जताया। इस कार्यक्रम में अन्य महत्वपूर्ण लोग भी शामिल होंगे।

100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मोटरसाइकिलों का एक बड़ा आयोजन किया जा रहा है। वीर नायकों और उनके परिवारों को याद करने के लिए छह दिनों तक एक फन फेयर का आयोजन किया जाएगा। हमारे देश की आजादी की लड़ाई से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं का प्रदर्शन भी किया जाएगा। साथ ही, वीरों को याद करने के लिए अलग-अलग जगहों पर 100 पौधे लगाए जाएंगे।

प्रतियोगिता जीतने वाले लोगों को 15 अगस्त को एक कार्यक्रम में विशेष प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। 12 डिब्बों वाली एक विशेष ट्रेन में काकोरी के बारे में वीडियो दिखाए जा रहे हैं। ट्रेन हर जिले में दो दिन रुकेगी, ताकि आजादी की लड़ाई की कहानियां लोगों तक पहुंचाई जा सकें और लोगों को प्रेरित किया जा सके।

आज ‘हर घर तिरंगा अभियान’ नाम से एक अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें लोगों से अपने घरों और दफ्तरों में तिरंगा लगाने और सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगा लगाने के लिए कहा जा रहा है। यह अभियान 15 अगस्त तक चलेगा। आज यानी 9 अगस्त 2024 को ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ की 100वीं वर्षगांठ है। मुख्यमंत्री योगी ने इस ऐतिहासिक घटना और स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता को सम्मानित करने के लिए कार्यक्रमों की शुरुआत की है।

वह ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ शताब्दी महोत्सव की शुरुआत करेंगे और काकोरी के नायकों को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस अभियान के दौरान 13 अगस्त से 15 अगस्त तक भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को झंडा देंगे और उन्हें झंडा फहराने के लिए प्रेरित करेंगे। वे ध्वज शिष्टाचार के बारे में भी जानकारी साझा करेंगे। नायकों के स्मारकों पर देशभक्ति के गीत बजाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में पूरे साल विभिन्न गतिविधियों के साथ शताब्दी महोत्सव मनाया जाएगा। जिला और राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।

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Uttar Pradesh

IIIT की एसोसिएट प्रोफेसर ने किया सुसाइड, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मैं साइको हूं’..… सो नहीं पाती…..

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लखनऊ के IIIT की एसोसिएट प्रोफेसर ने अपनी जान ले ली। आस-पास रहने वाले लोगों ने पुलिस को फोन करके बताया कि क्या हुआ। जब पुलिस पहुंची, तो उन्हें उनके द्वारा लिखा एक नोट मिला। नोट में उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा था कि उनका दिमाग ठीक नहीं है और इसीलिए उन्होंने अपनी जान लेने का फैसला किया। इंदिरा नगर ए-ब्लॉक नामक जगह पर आयुषी शर्मा नाम की एक महिला रहती थी जो एक कॉलेज में शिक्षिका थी। वह अपने पिता विनोद शर्मा के साथ रहती थी।

दुखद रूप से आयुषी ने रस्सी से खुद को घायल कर लिया और मर गई। अर्चना नाम की एक पड़ोसी ने यह सब देखा और पुलिस को इस बारे में बताया। अर्चना ने पुलिस को बताया कि वह शाम करीब 7 बजे विनोद शर्मा के घर पहुंची। उसने वहां किसी को नहीं देखा। जब वह अंदर गई और एक कमरे में गई, तो उसने पाया कि आयुषी शर्मा, जो 33 साल की है, दुपट्टे से पंखे से लटकी हुई थी।

सुसाइड नोट में लिखा था: “यह मेरी अपनी गलती है।” आयुषी ने एक नोट लिखा जिसमें उसने कहा कि वह वास्तव में दुखी और आहत महसूस करती है, और उसे लगता है कि उसका दुख उसकी अपनी समस्या है। वह किसी से नाराज़ नहीं है, और उसे लगता है कि कोई भी उसकी मदद नहीं कर सकता। वह 2019 से अच्छा महसूस नहीं कर रही है और लंबे समय से उसने बहुत से लोगों से बात नहीं की है। उसे सोने में परेशानी होती है और अक्सर डर और दुख महसूस होता है। उसे लगता है कि उसे ठीक होने का नाटक करना पड़ता है, लेकिन अब उसे लगता है कि वह अब और जीना नहीं चाहती।

सुसाइड नोट में उसने लिखा कि उसने पिछले साल अक्टूबर में आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन डर गया और इसके बजाय खुद को मारने का फैसला किया। “मेरे पास तब हिम्मत नहीं थी, लेकिन इस बार मैं नहीं करूँगा।” बहुत चिंता थी क्योंकि कोई अकेला महसूस कर रहा था।

पुलिस ने कहा कि आयुषी के पिता अपने शरीर को हिला नहीं सकते, इसलिए वह खड़े नहीं हो सकते या बैठ नहीं सकते। आयुषी की एक बड़ी बहन है जो बेंगलुरु नामक जगह पर रहती है और एक जीजा है जो अमेरिका में रहता है। आयुषी की बहन ने बताया कि आयुषी अहिमामऊ नामक स्थान पर IIIT नामक स्कूल में शिक्षिका थी। वह लखनऊ में अपने पिता के साथ रहती थी और उसकी शादी नहीं हुई थी। आयुषी के परिवार का कहना है कि वह लंबे समय से बहुत दुखी और अकेली महसूस करती थी।

वह बहुत कम लोगों से बात करती थी और बहुत समय अकेले बिताती थी। उस दुख की वजह से, उसने शायद बहुत बड़ा और दुखद फैसला लिया होगा। पुलिस उस जगह पर आई जहाँ कुछ दुखद हुआ था और उसे एक नोट मिला जिसमें लिखा था कि कोई व्यक्ति बहुत दुखी था और अपनी जान लेना चाहता था। आयुषी अपनी उदासी से निपटने के लिए दवा ले रही थी। पुलिस ने देखा कि उसके साथ क्या हुआ था और फिर उसका शव उसके परिवार को वापस दे दिया। पुलिस को घर में बहुत गंदगी मिली। ऐसा लग रहा था कि दो साल से किसी ने सफाई नहीं की थी! बहुत सारे गंदे डायपर और पुराना खाना था जो बक्सों में पड़ा हुआ था। आयुषी का घर बंद है। बाहर एक स्कूटर खड़ा है। जब आयुषी की बहन और जीजा को घटना की जानकारी मिली तो वे घर आए, लेकिन डर के कारण वे कहीं और चले गए।

वे शुक्रवार की सुबह वापस आएंगे। पास में रहने वाली एक महिला ने बताया कि आयुषी जब भी घर से निकलती तो सीधे अपने कॉलेज चली जाती और पड़ोस में किसी से बात नहीं करती।

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Lucknow में बीच सड़क पर पति-पत्नी का हाई वोल्टेज ड्रामा, दोनों के बीच हुई हाथापाई

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Lucknow में बस स्टॉप के पास बीच सड़क पर पति-पत्नी के बीच काफी बहस हो गई। पति अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर उसे कार में बैठाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह नहीं जाना चाहती थी और मना करती रही। दो लोगों में मामूली कहासुनी हो गई। चिनहट से पुलिस दोनों को थाने ले गई। जब यह सब हो रहा था, तो देखने के लिए बहुत से लोग जमा हो गए। चूंकि यह सब हाईकोर्ट नामक एक बड़ी इमारत के पास हो रहा था, इसलिए बहुत से वकील यह देखने आए कि क्या हो रहा है।

जानकीपुरम सेक्टर-एच में एक दुकान चलाने वाली महिला ने बताया कि घर से जो व्यक्ति निकला है, वह उसकी पत्नी है। वह चार दिन पहले बिना किसी को बताए चली गई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह लापता है। आज, उन्होंने उसे खुद ही ढूंढ निकाला।

एक व्यक्ति ने बताया कि घर पर एक 4 साल का बच्चा है, जो अपनी मां के लिए रो रहा है। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अपनी दुकान पर रहे या बच्चे की मदद करे। इसलिए, वह और उसका दोस्त मां की तलाश में निकल पड़े। उन्होंने उसे बस स्टेशन के पास पाया, लेकिन जब उन्होंने उसे घर वापस आने के लिए कहा, तो वह नाराज़ हो गई और जाना नहीं चाहती थी। उसने उन्हें बताया कि उसे घर पर चोट लगती है क्योंकि उसके पति और ससुराल वाले उसे मारते हैं, इसलिए वह घर छोड़कर चली गई थी।

एक महिला वकील एक पति-पत्नी की मदद करने आई, जो आपस में बहुत बहस कर रहे थे। पति ने कहा कि अगर पत्नी उससे दूर रहना चाहती है, तो उसे सही तरीके से ऐसा करना चाहिए और बिना किसी को बताए नहीं जाना चाहिए। उसे चिंता थी कि अगर कुछ बुरा हुआ, तो वे मुसीबत में पड़ जाएँगे। महिला वकील ने उससे कहा कि अगर वह चाहता है कि उसकी पत्नी उससे दूर रहे, तो उसे उसके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और उसे चोट नहीं पहुँचानी चाहिए। जब ​​बहस बहुत ज़ोरदार हो गई, तो पुलिस मदद के लिए आई और दोनों को बात करने के लिए पुलिस स्टेशन ले गई।

महिला अपने पति के साथ झगड़े के दौरान अपने पति के दोस्त के बारे में कुछ बहुत गंभीर बातें कह रही है। उसका दावा है कि वह एक बुरे व्यवसाय में शामिल है जहाँ वह लड़कियों को खरीदता और बेचता है। महिला ने कई बार युवक पर पत्थर फेंकने की भी कोशिश की है।

जब एक महिला और उसका पति बहस कर रहे थे, तो 100 से ज़्यादा लोग देखने आए। कुछ लोगों ने वीडियो बनाए, तो कुछ ने तस्वीरें लीं, लेकिन किसी ने नहीं पूछा कि क्या गड़बड़ है। फिर, कुछ वकील आए और उन्होंने दंपत्ति से बात करके यह पता लगाया कि क्या हो रहा है।

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राधा अष्टमी के मौके पर Barsana में उमड़ी भारी भीड़, पुलिस ने श्रद्धालुओं पर बरसाई लाठियां

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आज मथुरा के Barsana में राधा अष्टमी मनाने और खास नजारे देखने के लिए बहुत से लोग एक साथ आए थे। पुलिस को सभी लोगों को संभालना मुश्किल हो गया। सुदामा चौक एक जगह पर पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अपनी लाठियों का इस्तेमाल करना पड़ा। इसका एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें पुलिस अपनी लाठियों से चीजों को व्यवस्थित रखने की कोशिश करती दिख रही है।

राधा रानी का जन्मदिन मनाने के लिए अलग-अलग जगहों से बहुत से लोग बरसाना आए थे। मथुरा में पुलिस को बड़ी भीड़ को संभालने में मुश्किल हुई और लोगों को पीछे धकेलने के लिए लाठियों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इससे भगदड़ जैसी बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। भीड़ को धकेलने वाले पुलिस के एक वीडियो को ऑनलाइन खूब शेयर किया जा रहा है, लेकिन पुलिस ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है।

पुलिस ने लोगों की एक बड़ी भीड़ पर अपनी लाठियों का इस्तेमाल किया, जिससे अगर सभी घबराकर भागने लगते तो बहुत से लोग घायल हो सकते थे। वीडियो में आप कुछ पुलिस अधिकारियों को लोगों पर लाठियों से हमला करते हुए देख सकते हैं। इससे पता चलता है कि ज़िम्मेदार लोगों ने यह सुनिश्चित करने का अच्छा काम नहीं किया कि सभी सुरक्षित रहें, भले ही उन्हें पता था कि राधा अष्टमी नामक विशेष उत्सव के लिए बहुत से लोग इकट्ठा होंगे। आम तौर पर, उन्हें इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए तैयार रहना चाहिए था।

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