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Lok Sabha Election 2024 में पंजाब से जीते के उमीदवारों के नतीजे की लिस्ट

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Lok Sabha Election 2024 में पंजाब की 13 सीटों के नतीजे आज आ गए हैं| वोटों की गिनती शुरू होने के बाद सुबह से ही कांग्रेस पार्टी राज्य में आगे चल रही थी| राष्ट्रीय चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी नतीजों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी ने सात, आम आदमी पार्टी ने तीन, शिरोमणि अकाली दल ने एक और निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो सीटें जीती हैं। बहुचर्चित सीट खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार अमृतपाल सिंह ने 1,97,120 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की है| दूसरी ओर, जालंधर से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी और लोकसभा क्षेत्र संगरूर से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुरमीत सिंह मीथैर प्रत्येक राउंड के बाद बड़ी बढ़त लेते हुए मुकाबले में आगे बढ़ रहे हैं और दोनों उम्मीदवार 1.7 लाख से अधिक वोटों के अंतर के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

बात की जाए पंजाब के बाकी उमीदवारों की तो लोकसभा क्षेत्र संगरूर से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुरमीत सिंह मीथैयर ने 3,64,085 वोटों से जीत हासिल की है । मीत हेयर ने कांग्रेस उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैरा को 1,72,560 वोटों के भारी अंतर से हराया है. 2022 में लोकसभा के संगरूर उपचुनाव के दौरान 2,53,154 वोटों से जीत हासिल करने वाले शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार सिमरनजीत सिंह मान को इस बार 1,87,246 वोट मिले हैं और वह तीसरे स्थान पर रहे हैं। बीजेपी उम्मीदवार अरविंद खन्ना को 1,28,253 वोट और शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार इकबाल सिंह झुंड को 62,488 वोट मिले|

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लोकसभा क्षेत्र जालंधर से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी 1,75,993 वोटों के अंतर से जीत गए हैं। उन्हें 3,90,053 वोट मिले हैं. दूसरे स्थान पर रहे बीजेपी प्रत्याशी सुशील रिंकू को 2,14,060 वोट मिले हैं. यहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पवन कुमार टीनू 2,08,889 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे। शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार महिंदर सिंह केपी 67,911 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे।

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फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अमर सिंह ने कुल 3,32,591 वोट हासिल किए और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह जीपी को 34,202 वोटों के अंतर से हराया। जीपी को 2,98,389 वोट मिले हैं। यहां बीजेपी उम्मीदवार गेजा राम वाल्मिकी को 1,27,521 वोट और शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार बिक्रमजीत सिंह खालसा को 1,26,730 वोट मिले |

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पटियाला लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी डाॅ. धर्मवीर गांधी ने 3,05,616 वोट हासिल कर जीत हासिल की है. आम आदमी पार्टी प्रत्याशी डाॅ. बलबीर सिंह हार गए हैं. बलबीर सिंह को 2,90,785 वोट मिले हैं. बीजेपी उम्मीदवार प्रणीत कौर 2,88,998 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं. बता दें कि लोकसभा हलका पटियाला में इस बार 63.63 फीसदी वोटिंग हुई, जो 2019 के मुकाबले 4.15 फीसदी कम है. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान डॉ. प्रणीत कौर हार गईं थीं. गांधीजी आम आदमी पार्टी से सांसद बने|

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पंजाब की बहुचर्चित लोकसभा सीट खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार अमृतपाल सिंह ने 1,97,120 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की है . आजाद उम्मीदवार को 4,04,430 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 2,07,310 वोट मिले। विजयी उम्मीदवार अमृतपाल फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। खडूर साहिब से आप उम्मीदवार और कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर 1,94,836 वोटों के साथ तीसरे और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता विरसा सिंह वल्टोहा 86,416 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे।

Amritpal Singh
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2019 में भाजपा को 303 सीटें मिली थी, इस बार जनता ने 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर 240 पर ला दिया – Chadha

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Raghav Chadha ने कहा कि इस बजट से कई लोग नाखुश हैं, जिनमें भाजपा के समर्थक भी शामिल हैं। उनका मानना ​​है कि पिछले 10 सालों से सरकार आम लोगों से टैक्स के जरिए बहुत ज्यादा पैसे ले रही है। चड्ढा का मानना ​​है कि भारत में लोग बहुत सारे टैक्स देते हैं, लेकिन बदले में उन्हें अच्छी सेवाएं नहीं मिलती हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 10 रुपये कमाता है, तो सरकार उससे करीब 7-8 रुपये टैक्स लेती है, लेकिन उसे अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य या परिवहन नहीं देती है।

चड्ढा सवाल करते हैं कि अगर सरकार बदले में अच्छी सेवाएं नहीं देती है, तो इतना टैक्स क्यों है। राघव चड्ढा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में क्यों हारी। उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य वजह अर्थव्यवस्था, अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था है। देश की अर्थव्यवस्था ठीक नहीं चल रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां बहुत सारे लोग रहते हैं।

यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में भाजपा की सीटें कम हुई हैं। 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार उन्हें जीएसटी नामक टैक्स की वजह से सिर्फ 240 सीटें ही मिलीं। ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था इस समय बहुत खराब है, क्योंकि कीमतें बहुत अधिक हैं, पर्याप्त नौकरियाँ नहीं हैं और किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। सरकार ने किसानों को अधिक पैसे कमाने और उनकी फसलों के उचित दाम दिलाने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।

चड्ढा ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले लोग पहले की तुलना में कम पैसे कमा रहे हैं। 2014 में, एक दिन काम करने वाला व्यक्ति तीन बोरी अरहर दाल खरीद सकता था, लेकिन अब वह केवल 1.5 बोरी ही खरीद सकता है। इसका मतलब है कि कीमतें बढ़ रही हैं और वे कम कमा रहे हैं। इस वजह से, भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ वोटों का नुकसान हुआ।

चुनावों में उनके खराब प्रदर्शन का एक और कारण यह है कि खाद्य पदार्थों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। आटा, दूध, चावल और दही जैसी चीज़ें अब अधिक महंगी हो गई हैं। देश में खाद्य पदार्थों की कीमत में नौ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इसका मतलब यह है कि भले ही किसान खाद्य पदार्थ उगा रहे हैं और बेच रहे हैं, लेकिन वे उतना पैसा नहीं कमा रहे हैं जितना उन्हें कमाना चाहिए। तो वह सारा अतिरिक्त पैसा कहाँ जा रहा है?

अर्थव्यवस्था की मदद करने के बारे में उनके पास सरकार के लिए कुछ विचार थे। एक विचार यह सुनिश्चित करना था कि जब कीमतें बढ़ें, तो लोगों द्वारा अर्जित की जा सकने वाली न्यूनतम राशि भी बढ़े। दूसरा विचार यह सुनिश्चित करना था कि किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य मिले। और अंत में, उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को किसानों को उनकी फसलों के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करने का वादा करना चाहिए, जैसा कि स्वामीनाथन आयोग ने सिफारिश की थी।

उनका चौथा विचार यह था कि संपत्ति बेचने से होने वाले मुनाफे पर कर समान रहना चाहिए, अन्यथा यह रियल एस्टेट उद्योग को नुकसान पहुंचाएगा। इससे लोगों के लिए नए घर खरीदना मुश्किल हो सकता है और बिल्डरों को नुकसान हो सकता है। चड्ढा ने एक उदाहरण देकर इसे समझाया कि कैसे नई कर प्रणाली से रियल एस्टेट में अधिक अवैध धन का उपयोग हो सकता है और अधिक घोटाले हो सकते हैं।

पांचवां सुझाव है कि स्टॉक, म्यूचुअल फंड और बैंक खातों जैसी चीजों में निवेश करके लंबी अवधि के लिए पैसे बचाएं। छठा सुझाव है कि स्टॉक, म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय विकल्पों जैसी चीजों में निवेश करके भी पैसे बचाएं।

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हथियार के साथ Social Media पर तस्वीर डालने वालो की अब बख्शा नहीं जाएगा

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पंजाब पुलिस Social Media हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करने वालों पर कड़ी नजर रखेगी। पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी अपने कर्मचारियों को इस पर ध्यान देने को कह रहे हैं। अगर कोई ऑनलाइन हथियार दिखाते हुए पकड़ा गया तो उससे हथियार रखने की अनुमति छीन ली जाएगी।

हर जिले की पुलिस को इस नियम का पालन करने को कहा गया है। इसके अलावा पुलिस सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले या वीडियो शेयर करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित करने की तैयारी कर रही है। पुलिस प्रमुख उन अधिकारियों को रोकने के लिए गंभीर हैं जो वर्दी में वीडियो बनाकर ऑनलाइन पोस्ट करते हैं।

सरकार ने सभी पुलिसकर्मियों को ऐसा करना बंद करने और अपने सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने को कहा है। अगर कोई कर्मचारी या बॉस कुछ गलत करता है तो आपको तुरंत एसएसपी को बताना चाहिए। वे जांच करेंगे और उन लोगों को दंडित करेंगे जो अपने बॉस द्वारा तय नियमों को तोड़ते रहते हैं। इन कर्मचारियों को वेतन वृद्धि भी नहीं मिल सकती है।

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CM Mann नीति आयोग की Meeting में ना शामिल होने का किया फैसला

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27 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की Meeting में चार राज्यों के शामिल होने से इनकार करने के बाद पंजाब ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है|

कांग्रेस शासित तीन राज्य कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश पहले ही नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं. इसके अलावा डीएमके शासित तमिलनाडु भी इस बैठक में शामिल नहीं होगा |

पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का कहना है कि पंजाब सरकार ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. पार्टी भारत की भागीदार है, इसलिए वह गठबंधन के घटक दलों के फैसले के साथ भी है. आप संगठन के महासचिव डॉ. संदीप पाठक ने कहा है कि नीति आयोग की बैठक का कोई मतलब नहीं है. बड़ी-बड़ी बातें होती हैं लेकिन होता कुछ नहीं |

नीति आयोग की बैठक में सिर्फ एक राज्य को पीछे धकेलने और एक राज्य को आगे बढ़ाने पर चर्चा होती है. उन्होंने कहा कि आज केंद्र की मोदी सरकार छोटी मानसिकता से राजनीति कर रही है. हमें सरकार को जगाना होगा. उन्हें आपको बताना होगा कि आप गलत कर रहे हैं।

नरेंद्र मोदी एक विशाल और महान देश के प्रधानमंत्री हैं और इतनी छोटी सोच से राजनीति करेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि मंगलवार को पेश किये गये आम बजट में देश के अधिकतर राज्यों की उपेक्षा की गयी है. ऐसे में देश कैसे आगे बढ़ेगा?

आपको बता दें कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकारें हैं, जिनके मुख्यमंत्रियों को नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए पत्र भेजा गया है. वैसे राज्य सरकार की ओर से नीति आयोग में प्रस्ताव जमा किया जायेगा |

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