Punjab
Punjab में बदल रही तस्वीर: Sports से Drugs के Against नया Revolution Mann Government का बड़ा Mission
पंजाब की फिज़ा बदल रही है। जहाँ पहले युवाओं को लेकर नशे की खबरें सुर्खियों में रहती थीं, वहीं अब मैदानों से आती खिलाड़ियों की आवाज़ें उम्मीद की नई कहानी लिख रही हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में आम आदमी पार्टी की सरकार ने राज्य में खेलों के ज़रिए युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालने और उन्हें नई दिशा देने की ठोस पहल शुरू की है।
13 हज़ार स्टेडियम और खेल मैदान – सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट
- सरकार ने ऐलान किया है कि पंजाब में 13,000 अत्याधुनिक (ultra-modern) स्टेडियम और खेल मैदान बनाए जाएंगे।
- इसमें 3,083 हाई-वैल्यू वर्ल्ड क्लास स्टेडियम का निर्माण पहले चरण में शुरू हो चुका है।
- इसके अलावा, 10,000 लो-कॉस्ट खेल मैदान भी बनाए जाएंगे, ताकि हर गाँव और कस्बे में खेल की सुविधाएँ पहुँचे।
₹1,184 करोड़ का बजट – हर पैसे का हिसाब
- इस प्रोजेक्ट पर कुल ₹1,184 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें शामिल हैं –
- ₹966 करोड़ – खेल विभाग के सिविल वर्क्स (स्टेडियम और ग्राउंड निर्माण)
- ₹126 करोड़ – मनरेगा के तहत ग्रासिंग, वॉकिंग ट्रैक और पौधारोपण
- ₹102 करोड़ – खेल उपकरण, गोल पोस्ट, नेट, बच्चों के प्ले एरिया, झूले आदि
- सरकार ने सुनिश्चित किया है कि हर स्टेडियम में फेंसिंग, हाई-मास्ट लाइट्स, हरी घास, शुद्ध पेयजल और साफ टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएँ हों।
लक्ष्य – नशे की लत से बाहर निकालना
सीएम भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों – कांग्रेस और अकाली-भाजपा – ने खेलों और युवाओं के रोजगार पर ध्यान नहीं दिया, जिससे नशे का कारोबार बढ़ा।
उन्होंने साफ कहा –
“खाली दिमाग शैतान का घर होता है। अगर युवाओं को खेल का मैदान देंगे, कोचिंग देंगे और रोजगार का रास्ता दिखाएँगे, तो वे गलत राह पर नहीं जाएंगे।”
सरकार की यह योजना सिर्फ खेलों को बढ़ावा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह “युद्ध नशेयाँ दे विरुद्ध” (War on Drugs) अभियान का हिस्सा है, जो राज्य में नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने और युवाओं को बेहतर जीवन की तरफ लाने के लिए चलाया जा रहा है।
इंटरनेशनल लेवल की कोचिंग और ट्रेनिंग
- इन स्टेडियमों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी कोच के रूप में नियुक्त किए जाएंगे।
- हर क्षेत्र में स्पोर्ट्स नर्सरी और होस्टल सिस्टम विकसित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को सही मार्गदर्शन और प्रशिक्षण मिल सके।
तेज़ और पारदर्शी कामकाज
- स्टेडियम निर्माण की टेंडर प्रक्रिया सिर्फ 2–3 दिनों में पूरी की जा रही है।
- यह दिखाता है कि सरकार सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि जमीन पर बदलाव लाने के लिए तेज़ी और पारदर्शिता के साथ काम कर रही है।
गाँव-गाँव में खेलों की गूंज
- अब पंजाब के गाँवों में सुबह-शाम क्रिकेट, कबड्डी, हॉकी, फुटबॉल और कुश्ती जैसे खेलों की गूंज सुनाई देती है।
- जो समय पहले खालीपन और गलत संगत में गुजरता था, अब वही समय खेल, फिटनेस और अनुशासन में बदल रहा है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल सिर्फ एक खेल प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक सामाजिक पुनर्निर्माण है।
- पहले जो मैदान सुनसान थे, अब वहाँ मुकाबले हो रहे हैं, हौसला है और जीतने की चाह है।
- इन स्टेडियमों में सिर्फ खेल नहीं होंगे, बल्कि उम्मीदें और एक नशामुक्त, स्वस्थ और सक्षम पंजाब की नींव रखी जाएगी।
एक नजर में पूरी योजना
| बिंदु | जानकारी |
| कुल स्टेडियम/मैदान | 13,000 |
| पहले चरण में निर्माण | 3,083 स्टेडियम |
| कुल बजट | ₹1,184 करोड़ |
| सुविधाएँ | हाई-मास्ट लाइट्स, साफ टॉयलेट, पानी, खेल उपकरण |
| उद्देश्य | युवाओं को नशे से दूर करना, खेल संस्कृति बढ़ाना, रोजगार देना |
| खास पहल | इंटरनेशनल कोच, स्पोर्ट्स नर्सरी, होस्टल |
सीएम भगवंत मान की यह योजना पंजाब की तस्वीर बदलने वाली है। यह सिर्फ स्टेडियम बनाने की बात नहीं, बल्कि एक नया विज़न है –
- युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालना
- उन्हें खेल और फिटनेस की दिशा में प्रेरित करना
- और एक नए, स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर पंजाब का निर्माण करना।
