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Immigration के बाहर BKU किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन

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आजकल, बहुत से लोग बेहतर जीवन जीने और स्कूल में ज़्यादा सीखने के लिए दूसरे देशों की यात्रा करना चाहते हैं। ऐसा करने के लिए, कुछ लोग वीज़ा पाने में मदद के लिए Immigration एजेंटों को बहुत सारा पैसा देते हैं, जो दूसरे देश में जाने के लिए विशेष पास की तरह होते हैं। लेकिन कभी-कभी, लोगों को उनके वीज़ा नहीं मिलते, और एजेंट उनके पैसे रख लेते हैं, जो उचित नहीं है। हाल ही में, इन एजेंटों द्वारा धोखा दिए गए कुछ लोग अमृतसर में एक इमिग्रेशन कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और दिखाया कि वे जो हुआ उससे परेशान हैं। वे भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा नामक एक समूह के साथ थे।

एक युवा व्यक्ति ने कहा कि उसने दूसरे देश में जाने में मदद के लिए इमिग्रेशन कार्यालय को बहुत सारा पैसा दिया, लेकिन उन्होंने उसे न तो उसका वीज़ा दिया और न ही उसके पैसे वापस किए। इसके बजाय, वे कार्यालय में उसके साथ बुरा व्यवहार कर रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा नामक समूह के कुछ किसानों ने एक समस्या के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि रंजीत एवेन्यू में एक निजी कार्यालय है जो लोगों को बरगला रहा है। यह कार्यालय उन्हें दूसरे देश में जाने में मदद करने का वादा करता है, लेकिन इसके बजाय, यह उनके बहुत सारे पैसे ले लेता है और उनकी बिल्कुल भी मदद नहीं करता है। आज किसान विरोध करने गए और कई परिवार उनके साथ शामिल हुए क्योंकि उन्हें भी इस कार्यालय ने धोखा दिया है।

कुछ लोग वास्तव में परेशान थे और कुछ अप्रवासियों के साथ जो हुआ उसके लिए निष्पक्षता चाहते थे। जब हमने मदद करने आए पुलिस से बात की, तो उन्होंने कहा कि कुछ लोग इमिग्रेशन ऑफिस के खिलाफ विरोध कर रहे थे क्योंकि उस पर कुछ गलत आरोप लगाए जा रहे थे। इस वजह से इमिग्रेशन ऑफिस ने कुछ पैसे वापस नहीं किए, जिससे किसान भी विरोध करने के लिए एकजुट हो गए। पुलिस वहां मौजूद रहकर समस्या को ठीक करने में मदद करने की कोशिश कर रही है।

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कांग्रेस ने पूर्व सीएम Charanjit Channi को दी बड़ी जिम्मेदारी, किया फिर से विश्वास

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पंजाब के नेता रहे और अब जालंधर से सांसद Charanjit Channi को कांग्रेस पार्टी ने अहम जिम्मेदारी दी है। कल शाम ही कांग्रेस ने उन्हें और हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रहे मुकेश अग्निहोत्री को 2024 में जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों की निगरानी के लिए चुना है। आज का दिन अहम है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में लोग विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सब कुछ ठीक रहे, इसलिए वे दूसरे राज्यों से अपने बेहतरीन उम्मीदवारों को मदद के लिए बुला रहे हैं।’

उन्होंने मतदान के दौरान सब कुछ देखने और संभालने के लिए चन्नी को भी चुना है। कांग्रेस पार्टी ने कुछ अहम खबरें साझा की हैं। उन्होंने बताया कि चरणजीत सिंह चन्नी और मुकेश अग्निहोत्री को खास काम के लिए चुना गया है। Charanjit Channi पंजाब के नेता थे और उत्तर भारत में उनका काफी नाम है, इसलिए लोग उन्हें दूसरे जगहों पर भी पहचानते हैं। उनकी मदद के लिए कुछ अनुभवी लोगों को भी चुना गया है।

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 24 सीटों पर हो रहे मतदान में कुल 229 उम्मीदवार चुनावी मैदान में नजर आ रहे हैं। जिनमें 9 महिलाएं और 92 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं। इनमें 36 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

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Punjab में धान की रोपाई पर लगेगी रोक ! 15 इलाकों में धान की खेती पर लग सकती है रोक

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Punjab में भूमिगत जल स्तर लगातार कम होता जा रहा है। इस वजह से कुछ जगहों पर चावल की खेती बंद हो सकती है। 15 ऐसे इलाके हैं जिन्हें “डार्क जोन” कहा जाता है, जहां पानी बहुत कम है। पंजाब सरकार को इस बारे में कोई भी फैसला लेने से पहले बहुत सोच-समझकर फैसला लेना होगा।

Punjab सरकार ने किसानों की मदद के लिए कृषि नीति-2023 नाम से एक योजना साझा की है। वे इस योजना के बारे में किसानों से विचार सुनना चाहते हैं। योजना के साथ-साथ खेती को बेहतर बनाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। डॉ. सुखपाल सिंह, जो किसान विशेषज्ञ हैं, का एक महत्वपूर्ण सुझाव है कि राज्य के 15 खास इलाकों में चावल की खेती बंद कर दी जाए, जहां खेती करना मुश्किल है।

उन्होंने बताया कि कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे चला गया है, 400 से 500 फीट तक। चूंकि किसान चावल उगा रहे हैं, इसलिए उन्हें पैसे की समस्या हो रही है, क्योंकि वहां पर्याप्त पानी नहीं है और उन्हें अपने पौधों से उतना भोजन नहीं मिल रहा है। इसलिए, इन किसानों के लिए अलग-अलग तरह के पौधे उगाने का प्रयास करना एक अच्छा विचार होगा।

खेती के लिए योजना कहती है कि हमें किसानों को मुफ़्त बिजली देना तुरंत बंद कर देना चाहिए। अभी राज्य में 14 लाख (यानी 1.4 मिलियन) खेती की मशीनें हैं जो बिना पैसे चुकाए बिजली का इस्तेमाल कर रही हैं। इस मुफ़्त बिजली पर बहुत ज़्यादा पैसे खर्च होते हैं – हर साल लगभग 10,000 करोड़ रुपये (जो बहुत बड़ी रकम है)।

उन्होंने कहा है कि हमें कुछ ज़मीनों पर चावल नहीं उगाना चाहिए। इसके बजाय, वे चाहते हैं कि हम दूसरी तरह की फ़सलें उगाएँ जिन्हें ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती। उन्हें यह भी लगता है कि किसानों को उनकी सभी फ़सलों का उचित मूल्य मिलना चाहिए।

सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक नई योजना बनाई है। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसानों को उनकी फ़सलों का अच्छा मूल्य मिले, न कि सिर्फ़ वह न्यूनतम राशि जो उन्हें मिलनी चाहिए। अगर किसानों को उनकी फ़सलों के लिए वह न्यूनतम राशि नहीं मिलती है, तो वे अंतर को पूरा करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का एक विशेष कोष बनाएंगे। योजना यह भी कहती है कि किसानों और खेतों पर काम करने वाले लोगों को ज़्यादा पैसे कमाने चाहिए।

वे चंडीगढ़ से जयपुर तक सड़क मार्ग से जुड़कर ट्रकों के लिए अलग-अलग जगहों से फल और सब्ज़ियाँ बड़े बंदरगाह तक ले जाना आसान बनाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि ज़ीरकपुर और मोहाली व्यस्त जगह बन सकते हैं जहाँ लोग आस-पास के कई इलाकों से इन फलों और सब्ज़ियों को खरीद और बेच सकते हैं।

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पत्रकार और लेखक Kamaljeet Singh को सलाहकार बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया

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Kamaljeet Singh बनवैत पंजाब के जाने-माने लेखक और रिपोर्टर हैं। भारत सरकार ने उन्हें सलाहकार बोर्ड नामक एक विशेष समूह का हिस्सा बनने के लिए चुना है, जो विभिन्न समुदायों की ज़रूरतों के बारे में निर्णय लेने में मदद करता है। यह समूह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का हिस्सा है, जो भारत में छोटे समूहों के हितों का ख्याल रखता है।

Kamaljeet Singh बनवैत एक ऐसे व्यक्ति हैं जो राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की मदद करते हैं, जो एक ऐसा समूह है जो विभिन्न समुदायों, विशेष रूप से सिख समुदाय के अधिकारों की रक्षा करता है। भारत सरकार ने उन्हें इसलिए चुना क्योंकि उन्हें इन विषयों के बारे में बहुत कुछ पता है। 2011 में, उन्हें लेखन में उनके काम के लिए पंजाब सरकार से एक विशेष पुरस्कार मिला। उन्होंने 12 किताबें लिखी हैं और राजनीति को बहुत अच्छी तरह समझते हैं। बनवैत नामक एक निजी टीवी चैनल पर खबर इनसाइट नाम का एक शो आता है जिसके बारे में लोग अभी बहुत चर्चा कर रहे हैं।

शो को होस्ट करने वाले व्यक्ति ने पहले भी दूसरे चैनलों पर शो किए हैं। वह ऐसे लेख लिखते हैं जो हर दिन लोकप्रिय पंजाबी अख़बारों में छपते हैं। कमलजीत सिंह का जन्म नवांशहर के उदापर नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने एक समाचार रिपोर्टर के रूप में काम करना शुरू किया और अंततः 25 से अधिक वर्षों तक एक प्रसिद्ध अख़बार में वरिष्ठ पत्रकार बने रहे। उन्होंने एक अन्य अख़बार में कार्यकारी संपादक के रूप में एक विशेष नौकरी भी की।

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