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CM मोहन यादव ने बांटे मंत्रालय, कैलाश विजयवर्गीय को मिला नगर विकास, जानें प्रह्लाद पटेल को मिला कौन सा मंत्रालय

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नेशनल डेस्कः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कैबिनेट विस्तार के बाद विभागों को बंटवारा कर दिया है। सीएम मोहन यादव ने अपने पास गृह मंत्रालय रखा है, जबकि उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा वित्त मंत्रालय, राजेंद्र शुक्ल को स्वास्थ्य मंत्रालय सौंपा गया है। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय को नगरीय विकास और संसदीय कार्य मंत्रालय, प्रह्लाद पटेल को पंचायत एवं ग्रामीण मंत्रालय, राकेश सिंह को पीडब्ल्यूडी मंत्रालय, उदय प्रताप सिंह को परिवहन, स्कूल शिक्षा, विश्वास सारंग को खेल मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में 25 दिसंबर को कैबिनेट विस्तार हुआ था।  पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत 28 विधायकों को सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाले मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। कुल 18 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि 10 अन्य ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली, जिनमें छह स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री शामिल हैं।

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राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने नए शामिल लोगों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नई कैबिनेट में 17 नए चेहरे शामिल हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि 28 मंत्रियों में से पांच महिलाएं हैं, 12 ओबीसी समुदाय से हैं, पांच आदिवासी हैं और चार अन्य अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के चार वफादारों को भी नई मंत्रिपरिषद में जगह मिली है।

राज्य में जिन विधायकों को कैबिने मंत्री के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई उनमें विजय शाह, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, करण सिंह वर्मा, राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह , संपतिया उइके, तुलसीराम सिलावट, ऐदल सिंह कंसाना, गोविंद सिंह राजपूत, विश्वास सारंग, निर्मला भूरिया, नारायण सिंह कुशवाहा, नागर सिंह चौहान, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राकेश शुक्ला, चैतन्य कश्यप और इंदर सिंह परमार शामिल हैं । वहीं स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों में कृष्णा गौर, धर्मेंद्र लोधी, दिलीप जयसवाल, गौतम टेटवाल, लाखन पटेल और नारायण सिंह पवार शामिल हैं।

राज्य मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों में नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रतिमा बागरी, दिलीप अहिरवार और राधा सिंह शामिल हैं। यादव के मंत्रिमंडल में दो कैबिनेट रैंक संपतिया उइके और निर्मला भूरिया तीन राज्य मंत्री कृष्णा गौर, प्रतिमा बागरी और राधा सिंह समेत कुल पांच महिलाओं को शामिल किया गया। इस विधानसभा चुनाव में इंदौर-1 सीट से विधायक चुने गए विजयवर्गीय राष्ट्रीय राजनीति में शामिल होने के लिए इस्तीफा देने से पहले 2004 से 2016 तक भाजपा सरकार में मंत्री रहे थे। उन्होंने 2018 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था।

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केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल नरसिंहपुर सीट से पहला विधानसभा चुनाव जीता है। भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने बताया कि नए मंत्रिमंडल में शामिल किए गए 28 विधायकों में से 17 नए चेहरे हैं जबकि 11 अन्य लोग अतीत में विभिन्न अवधियों में मध्यप्रदेश में मंत्री रह चुके हैं।

पूर्व मंत्रियों में विजयवर्गीय के अलावा विजय शाह, करण सिंह वर्मा, तुलसीराम सिलावट, ऐदल सिंह कंसाना, गोविंद राजपूत, नारायण सिंह कुशवाह, विश्वास सारंग, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इंदर सिंह परमार और निर्मला भूरिया शामिल हैं। इनमें नारायण सिंह कुशवाह पूर्व में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वह पिछला 2018 विधानसभा चुनाव हार गए थे। करण सिंह वर्मा 2004 से 2013 तक मंत्री रहे।

नए मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के चार वफादार- ऐदल सिंह कंसाना, गोविंद राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर और तुलसीराम सिलावट शामिल हैं। ये कांग्रेस के उन 22 विधायकों में से थे, जो मार्च 2020 में भाजपा में शामिल हो गए थे जिसके बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। रजनीश अग्रवाल ने कहा कि नए मंत्रिमंडल में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 12 सदस्य, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के पांच जबकि अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के चार सदस्य शामिल हैं। उन्होंने कहा, “यह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को सिद्ध करने का एक प्रयास है।”

मुख्यमंत्री (मोहन यादव) और दो उपमुख्यमंत्रियों (राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा) समेत मंत्रिमंडल की कुल संख्या अब 31 हो गई है। 230 विधायकों वाले मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या 35 हो सकती है। पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को मैदान में उतारा था। इनमें से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना सांसद गणेश सिंह समेत दो को हार का सामना करना पड़ा। पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है।

सीधी की पूर्व सांसद रीति पाठक को छोड़कर, विधानसभा चुनाव जीतने वाले प्रह्लाद पटेल, राव उदय प्रताप सिंह और राकेश सिंह सहित तीन सांसदों को नए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 163 सीटें जबकि कांग्रेस ने 66 सीटें जीतीं। यादव ने 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि शुक्ला और देवड़ा ने उप मुख्यमंत्री की रूप में शपथ ली। 

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हवाई जहाज़ बन गया आग का गोला, हो गया बड़ा हादसा , Plane हुआ Crash

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नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। Plane में सवार अधिकांश लोगों की मौत हो गई, लेकिन पायलट कैप्टन मनीष शाक्य बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। Plane को पोखरा जाना था, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

Plane ने सुबह त्रिभुवन हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, लेकिन फिर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान सूर्या एयरलाइंस का था और मरने वाले अधिकांश लोग एयरलाइन के कर्मचारी थे।

दुर्घटना के बाद, पुलिस और दमकलकर्मियों का एक समूह तुरंत मदद के लिए पहुंचा। विमान में आग लग गई, लेकिन उन्होंने इसे तुरंत बुझा दिया।

हम दुर्घटना की तस्वीरों में धुआं देख सकते हैं, लेकिन हमें अभी तक नहीं पता है कि ऐसा क्यों हुआ।

विमान दुर्घटना को देखने वाले लोगों ने कहा कि यह उड़ान भरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन तभी अचानक झटका लगा और आग लग गई। इसके बाद यह रनवे के पास दो इमारतों के बीच एक गड्ढे में गिर गया।

14 जनवरी, 2023 को नेपाल में एक बड़ा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 68 यात्री और 4 चालक दल के सदस्य सवार थे। यह नेपाल के पोखरा शहर के पास एक पहाड़ी से टकरा गया। दुख की बात है कि विमान में सवार सभी लोग इस दुर्घटना में मारे गए।

रूस में एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और 74 लोगों की मौत हो गई। रूस कह रहा है कि यूक्रेन ने विमान पर मिसाइलें दागी, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसके अपने लोग मारे गए।

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राहुल गाँधी को आज का Budget नहीं आया पसंद, मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम Budget पेश किया। प्रधानमंत्री को यह योजना पसंद आई और उन्होंने कहा कि इससे सभी को मदद मिलेगी। लेकिन एक अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति को यह पसंद नहीं आई और उन्होंने इसे किसी की नौकरी बचाने की योजना बताया।

राहुल गांधी ने कहा कि बजट उनके दोस्तों अडानी और अंबानी के लिए अच्छा है, लेकिन आम भारतीयों के लिए नहीं। उन्हें लगता है कि बजट कांग्रेस पार्टी के विचारों से कॉपी किया गया है और इसमें कुछ भी नया नहीं है। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट देश की प्रगति में मदद करने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को सत्ता में बनाए रखने पर अधिक केंद्रित है।

उन्होंने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह कांग्रेस के ‘न्याय’ एजेंडे की सही नकल नहीं करता है और युवाओं, किसानों और हाशिए के समूहों के लिए पर्याप्त नहीं करता है। खड़गे का मानना ​​है कि बजट अभिनव नहीं है और इसमें महिलाओं और ग्रामीण-गरीब लोगों जैसे समाज के विभिन्न वर्गों के लिए सार्थक पहल का अभाव है।

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क्या आपको पता है की देश के Budget की प्रिंटिंग कहां और कैसे होती है ?

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आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Budget पेश करने वाली हैं | वित्त मंत्री इस बारे में बात करेंगी कि सरकार अगले साल किस तरह से पैसे खर्च करने की योजना बना रही है। यह सातवीं बार है जब वे यह काम कर रही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वे इस योजना को कैसे समझती हैं और इसे आधिकारिक कैसे बनाती हैं? आइए साथ मिलकर पता लगाते हैं।

हम आपको बताना चाहते हैं कि देश का बजट गुप्त रूप से बनाया जाता है। इस पर काम करने वाले लोग संसद में दिखाए जाने से पहले 10 दिनों तक अलग-थलग रहते हैं।

बजट बनाने वाले लोग कई दिनों तक काम के अलावा किसी से बात नहीं करते। वे वित्त मंत्रालय की बिल्डिंग में रहते हैं और अपने काम पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ऐसा लगता है कि वे बाकी दुनिया से दूर एक खास बुलबुले में हैं। इस दौरान कुछ ही लोगों को बाहर जाने की अनुमति होती है।

सरकार हर साल पैसे खर्च करने और बचाने के लिए योजना बनाती है। वे यह योजना दिल्ली की एक बिल्डिंग में बनाते थे, लेकिन पहले किसी ने योजना के तैयार होने से पहले ही उसका कुछ हिस्सा साझा कर दिया था। इसलिए अब वे योजना को किसी दूसरी बिल्डिंग में बनाते हैं और इसे तब तक गुप्त रखते हैं जब तक कि यह पूरी तरह से तैयार न हो जाए। वे योजना पर काम करते समय इमारत को सुरक्षित रखने के लिए किसी को भी अंदर नहीं आने देते।

बजट बनाने से पहले, महत्वपूर्ण आर्थिक जानकारी एक नीली शीट पर एकत्र की जाती है। फिर इस जानकारी का उपयोग करके बजट बनाया जाता है। वित्त मंत्री को इस शीट को बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है और मंत्रालय के संयुक्त सचिव इसके लिए जिम्मेदार हैं।

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