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बाढ़ के बीच Faith और Humanity की मिसाल: AAP MLA ने Guru Granth Sahib का स्वरूप सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, CM और MLAs ने वेतन दान किया

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पंजाब इन दिनों बाढ़ की बड़ी मार झेल रहा है। ब्यास दरिया का पानी कई गांवों में घुस चुका है और खेतों से लेकर घरों तक सब जगह तबाही का मंजर है। इसी मुश्किल घड़ी में होशियारपुर जिले के गांव अब्दुल्लापुर से एक ऐसी घटना सामने आई जिसने पूरे पंजाब का दिल छू लिया।

गांव में जब पानी लगातार बढ़ रहा था, तब हल्का उड़मुर से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक जसवीर सिंह राजा गिल ने संगत के साथ मिलकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्वरूप को पूरे सम्मान के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इससे पहले उन्होंने संगत के साथ अरदास की और गांववासियों की सुख-शांति के लिए दुआ की। यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और हर कोई विधायक की इस पहल की सराहना कर रहा है।

लोगों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा जैसी कठिन घड़ी में भी धार्मिक मर्यादाओं और गुरु साहिबान के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। विधायक राजा गिल ने यह दिखा दिया कि जनता की जान बचाना और धार्मिक परंपराओं का सम्मान करना – दोनों ही उनकी जिम्मेदारी है।

सरकार की पहल

मुख्यमंत्री भगवंत मान लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी दिन-रात राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। सरकार की ओर से नावों और रेस्क्यू टीमों की मदद से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

सबसे बड़ा कदम यह रहा कि मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपना एक महीने का वेतन दान करने का फ़ैसला किया है। यह कदम पंजाब सरकार और जनता के बीच भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक माना जा रहा है।

जनता का भरोसा

इस पूरी घटना ने पंजाब की जनता का भरोसा सरकार पर और गहरा किया है। लोग मान रहे हैं कि मुश्किल समय में सरकार सिर्फ प्रशासनिक तौर पर ही नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान करते हुए भी उनके साथ खड़ी है।

बड़ा संदेश

यह घटना केवल बाढ़ राहत या राजनीति का मुद्दा नहीं रही, बल्कि यह इंसानियत, धर्म और राजनीति के सही संतुलन की मिसाल बन गई है। मुख्यमंत्री मान और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि राजनीति सिर्फ सत्ता पाने तक सीमित नहीं होती, बल्कि जब यह सेवा और धर्म से जुड़ती है तो असली ‘राजधर्म’ निभाया जाता है।

आज पूरे पंजाब में यही संदेश जा रहा है – संकट की घड़ी में सरकार और संगत मिलकर ही असली ताक़त बनते हैं।

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