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दीवाली पर निकलेगा चीन का दिवाला, स्वदेशी उत्पादों को पसंद कर रहे लोग, भारत में बनी लालटेन खरीद रहे मुंबई वासी

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नेशनल डेस्कः दीवाली पर इस बार पर्यावरण के अनुकूल और भारत में बने उत्पादों का चलन दिख रहा है और मुंबईवासी शहर के कुछ प्रसिद्ध बाज़ारों में त्योहार के लिए ऐसी आवश्यक वस्तुएं खरीद रहे हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं हों। बाजारों में मोमबत्तियों से लेकर दीयों और रंगोलियों से लेकर लालटेनों तक दीवाली से संबंधित सामग्री की भरमार है और इस बार जोर भारत में बने उत्पादों पर है।

नेशनल डेस्कः दीवाली पर इस बार पर्यावरण के अनुकूल और भारत में बने उत्पादों का चलन दिख रहा है और मुंबईवासी शहर के कुछ प्रसिद्ध बाज़ारों में त्योहार के लिए ऐसी आवश्यक वस्तुएं खरीद रहे हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं हों। बाजारों में मोमबत्तियों से लेकर दीयों और रंगोलियों से लेकर लालटेनों तक दीवाली से संबंधित सामग्री की भरमार है और इस बार जोर भारत में बने उत्पादों पर है।

पश्चिमी उपनगर माहिम की एक गली को कंदील लेन के नाम से जाना जाता है। यह अपनी लालटेन की दुकानों के लिए जानी जाती है और रोशनी के त्योहार से पहले जगमग हो उठी है। विभिन्न आकारों, रंगों और शैलियों के लालटेन बेचने वाली दुकानों से सजी यह गली त्योहार के दौरान गुलजार रहती है।

दुकानदारों के मुताबिक इस साल कपड़े, कागज और गत्ते से बने लालटेन की मांग ज्यादा है। लालटेन लेन में एक दुकानदार वैभव कहते हैं, “हम कागज और कपड़े से बने लालटेन बेचते हैं, क्योंकि ग्राहक यही चाहते हैं। प्लास्टिक और थर्माकोल से पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में अधिक जागरूकता है, इसलिए लोग पर्यावरण-अनुकूल लालटेन खरीद रहे हैं। ”

दुकानदारों का कहना है कि लोग भारत में बने उत्पादों और स्थानीय उत्पाद खरीदना चाहते हैं। लेन की एक अन्य दुकानदार स्वाति कहती हैं, ”ग्राहक स्थानीय स्तर पर बनी वस्तुएं खरीदना चाहते हैं और चीन में निर्मित उत्पादों में उनकी रुचि नहीं है।” पर्यावरण-अनुकूल और भारत-निर्मित लालटेन के चलन से पता चलता है कि लोग पर्यावरण के बारे में जागरूकता बढ़ाकर खरीदारी कर रहे हैं।

वोकल फॉर लोकल की सिफारिश
इस सप्ताह की शुरुआत में पीएम मोदी ने लोगों से स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को खरीदने और फिर नमो ऐप पर उत्पाद या उसके निर्माता के साथ एक सेल्फी पोस्ट करने का आग्रह किया था। एक्स पर एक पोस्ट में, मोदी ने कहा कि “इस दिवाली, आइए हम NaMo ऐप पर #VocalForLocal थ्रेड्स के साथ भारत की उद्यमशीलता और रचनात्मक भावना का जश्न मनाएं। 

मोदी ने कहा कि, “स्थानीय स्तर पर बने उत्पाद खरीदें और फिर नमो ऐप पर उत्पाद या निर्माता के साथ एक सेल्फी पोस्ट करें। अपने दोस्तों और परिवार को अपने साथ जुड़ने और पॉजिटिविटी फैलाने के लिए कहें। उन्होंने कहा, “आइए हम लोकल टैलेंट का सपोर्ट करें और अपने देश के लोगों की क्रिएटिविटी को प्रोत्साहित करने और अपनी परंपराओं को मजबूत बनाए रखने के लिए डिजिटल मीडिया की पॉवर का यूज करें।

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Kapil Sharma पर भड़के FIR राइटर अमित आर्यन कहा- ‘ये लोग गंदगी फैला रहे हैं’

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कविता कौशिक का मजेदार पुलिस शो, एफ.आई.आर., लंबे समय से लोगों को पसंद आ रहा है। इस शो के लेखक अमित आर्यन ने अभिनेता और कॉमेडियन Kapil Sharma और उनके शो के बारे में कुछ घटिया बातें कही हैं। अमित को लगता है कि कपिल का शो सबसे घटिया और बेहद अपमानजनक है। उनका मानना ​​है कि कपिल के शो पर जोक्स अच्छे नहीं होते और कलाकार एक-दूसरे के शरीर का मजाक उड़ाते हैं और मजाकिया होने का दिखावा करते हुए लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। अमित ने यह भी बताया कि कपिल के शो के कलाकार पाकिस्तानी कॉमेडियन की नकल करते हैं जो अपनी कॉमेडी में महिलाओं के साथ बदतमीजी करते हैं।

अमित आर्यन किसी से बात कर रहे थे और उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि कपिल शर्मा का कॉमेडी शो दूसरे शो के मुकाबले बहुत अच्छा नहीं है। उनका मानना ​​है कि उन्हें कपिल, कीकू और कृष्णा से कॉमेडी का ज्यादा अनुभव है। उन्होंने बताया कि शो में पुरुष महिलाओं के कपड़े पहनते हैं और जोक्स सुनाते हैं, लेकिन सिर्फ इसलिए कि कोई चीज आपको हंसाती है इसका मतलब यह नहीं है कि वह अच्छी कॉमेडी है। उन्हें लगता है कि हंसने और अच्छी, स्वस्थ कॉमेडी में फर्क होता है।

अमित आर्यन कह रहे हैं कि टीवी पर कुछ लोग बुरी और दुखदायी बातें शेयर कर रहे हैं, जिसका असर घर पर भी पड़ सकता है। उन्हें लगता है कि जब कोई दूसरों का मज़ाक उड़ाता है या बुरी बातें करता है, तो लोग अक्सर हंसते हैं और उसका मज़ा लेते हैं, भले ही यह अच्छा न हो। उन्होंने कपिल नाम के एक कॉमेडियन का भी ज़िक्र किया, जिन्होंने एक शो में अपनी समस्याओं के बारे में बात की, लेकिन आर्यन का मानना ​​है कि कोई भी वास्तव में कपिल की ज़िंदगी और परेशानियों के बारे में सुनना नहीं चाहता।

वे कहते हैं, “कपिल का शो नेटफ्लिक्स पर था, मैं अभी खत्म नहीं हुआ हूँ, यहाँ तक कि कुत्ते ने भी वह शो नहीं देखा। उसने क्यों नहीं देखा? कपिल शर्मा तो कपिल शर्मा ही है। लेकिन लोगों ने इसे नहीं देखा क्योंकि किसी को भी उनकी कहानी में दिलचस्पी नहीं थी। कपिल शर्मा एक शरारती इंसान है और उसने यह सब पाकिस्तान से सीखा है। पाकिस्तान में कॉमेडी नहीं होती, वहाँ सिर्फ़ ‘अपमानजनक कॉमेडी’ होती है।” एफ.आई.आर. के अलावा, अमित आर्यन जीनी और जीजू, वो तेरी भाभी है पगले, तेरा यार हूँ मैं, ये उन दिनों की बात है जैसे कॉमेडी शो लिखने के लिए भी जाने जाते हैं।

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अपने हस्पताल में भर्ती होने की अफवाहों पर Ratan Tata ने लगाया विराम, कहा : मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में

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86 वर्षीय Ratan Tata ने लोगों के लिए बहुत से अच्छे काम किए हैं। वे सोमवार को सुबह-सुबह ब्रीच कैंडी अस्पताल में नियमित जांच के लिए गए। कुछ लोग उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे, इसलिए उन्होंने ऑनलाइन एक संदेश पोस्ट किया कि वे चिंताएं सच नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वे अपनी उम्र के कारण जांच करवा रहे हैं, लेकिन चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है। वे अच्छा महसूस कर रहे हैं और उन्होंने सभी से उनके बारे में गलत जानकारी साझा न करने को कहा।

Ratan Tata 1991 से लेकर 2012 में काम बंद करने तक टाटा समूह की मुख्य कंपनी टाटा संस के प्रमुख थे। भले ही वे सेवानिवृत्त हो गए हों, लेकिन उनके पास अभी भी एक विशेष उपाधि है जो दर्शाती है कि वे टाटा संस और टाटा मोटर्स और टाटा स्टील जैसी अन्य टाटा कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे भारत और अन्य देशों में कई संगठनों की मदद भी करते हैं। रतन टाटा सर Ratan Tata ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट दो बड़ी चैरिटी के नेता हैं, जो भारत में जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं।

वह एक ऐसे समूह के नेता हैं जो टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च को चलाने में मदद करता है, जो एक ऐसी जगह है जहाँ लोग विज्ञान का अध्ययन करते हैं और महत्वपूर्ण चीजों पर शोध करते हैं। उन्होंने टाटा-कॉर्नेल इंस्टीट्यूट नामक एक विशेष कार्यक्रम शुरू करने में भी मदद की जो खेती और स्वस्थ खाने पर केंद्रित है। 2008 में, भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण नामक एक बड़ा सम्मान दिया, जो नागरिकों के लिए दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार है। उन्हें नाइट ग्रैंड क्रॉस के रूप में भी मान्यता दी गई थी, जो ब्रिटेन में एक विशेष उपाधि है। इसके अतिरिक्त, रॉकफेलर फाउंडेशन ने उन्हें उनके जीवनकाल की उपलब्धियों के लिए एक पुरस्कार दिया।

2008 में, Ratan Tata ने फोर्ड नामक एक बड़ी अमेरिकी कंपनी से दो प्रसिद्ध ब्रिटिश कार कंपनियों, जगुआर और लैंड रोवर को खरीदा। उन्होंने यह टाटा मोटर्स नामक एक कंपनी के माध्यम से किया, और इसकी लागत बहुत अधिक थी – 2.3 बिलियन डॉलर! यह उस समय किसी भारतीय कार कंपनी द्वारा की गई सबसे बड़ी खरीद थी। इससे पहले रतन टाटा न्यूयॉर्क के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी नामक स्कूल में गए थे, जहां उन्होंने इमारतों के बारे में सीखा और 1962 में आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की। ​​इसके बाद वे काम करने के लिए भारत वापस आ गए।

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गृह मंत्री Amit Shah ने नक्सलियों के 18 गिरोहों के खात्मे के लिए बनाई रणनीति

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भारत के अलग-अलग राज्यों के महत्वपूर्ण नेताओं के साथ एक बैठक हो रही है, जिसमें इस बात पर चर्चा की जाएगी कि नक्सली नामक समूह से कैसे निपटा जाए, जो समस्याएँ पैदा कर रहा है। इस बैठक का नेतृत्व Amit Shah कर रहे हैं, जो पूरे देश के लिए निर्णय लेने में मदद करते हैं। वे नक्सलियों को रोकने और उनसे प्रभावित राज्यों के लिए हालात बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

इस बैठक से पहले बिहार के एक नेता सम्राट चौधरी ने बिहार में नक्सलियों और बुरे लोगों से कैसे निजात पाया जाए, इस बारे में कुछ बड़े विचार साझा किए। अमित शाह से मिलने से पहले उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में नक्सलवाद, जो एक तरह की समस्या है, लगभग खत्म हो गया है। हालांकि, अभी भी कुछ बुरे बच्चे हैं जो नक्सली बनकर लोगों को डराकर उनका पैसा छीन रहे हैं। उन्होंने 18 ऐसे समूहों का पता लगाया है जो इस डर को पैदा कर रहे हैं और बुरे काम कर रहे हैं। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) इन 18 समूहों को रोकने के लिए काम कर रही है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग नक्सली समूह का हिस्सा बनकर अफीम नामक पौधा उगा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें सजा मिलेगी। गृह मंत्री अमित शाह देश में हर जगह से नक्सलियों को खत्म करना चाहते हैं। बिहार में केंद्र सरकार नक्सलियों और बुरे समूहों को खत्म करने में काफी मदद कर रही है। बिहार के लोगों को यह विश्वास रखना चाहिए कि जल्द ही उनके राज्य से नक्सली पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे।

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