Haryana
Panipat की जीटी रोड पर अनियंत्रित कंटेनर का कहर, पांच की दर्दनाक मौत
Panipat में जीटी रोड पर हुए हादसे में अनियंत्रित कंटेनर की चपेट में आकर पांच लोगों की जान चली गई। शुक्रवार को मृतकों में से आखिरी व्यक्ति की पहचान 30 वर्षीय राजेश के रूप में हुई, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के बरुहा गांव का निवासी था। राजेश पानीपत के कृष्णपुरा में रहकर कंबल बनाने का काम करता था। हादसे ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
डेढ़ महीने के बेटे का चेहरा तक नहीं देख पाया
राजेश के छोटे भाई रमेश ने बताया कि राजेश का बेटा डेढ़ महीने पहले ही हुआ था, लेकिन वह अपने काम की वजह से अब तक बेटे का चेहरा तक नहीं देख पाया था और न ही उसका नामकरण कर सका। राजेश की पत्नी मुन्नी और उनके चार बच्चे, जिनमें दो बेटे और दो बेटियां (नैना और सुनैना), बहराइच में रहते हैं।
कैसे हुआ हादसा
चांदनीबाग थाना पुलिस के अनुसार, वीरवार सुबह 10:45 बजे नशे में धुत कंटेनर चालक मोहम्मद साहिर (मेवात के बगोला गांव निवासी) ने झट्टीपुर से कंटेनर को गलत दिशा में जीटी रोड पर चंडीगढ़ की ओर दौड़ा दिया।
घटनाओं का क्रम:
सिवाह गांव के पास: कंटेनर ने विराट नगर निवासी शुभम कनोजिया (27) को बाइक पर कुचल दिया।
नांगलखेड़ी गांव के पास: बाइक पर जा रहे अनिकेत उर्फ अंकित और उसके दोस्त सूरज (26) को टक्कर मारी।
मलिक पेट्रोल पंप के पास: सड़क पार कर रहे राजेश को कुचल दिया।
होटल गोल्ड के पास: दिल्ली के किराड़ी निवासी राजेंद्र (36) को भी कंटेनर ने कुचल दिया।
परिवार की कहानी: एक और टूटता घर
राजेंद्र पानीपत में एक साइट पर काम कर रहा था और अपनी ताई के निधन की सूचना पर घर लौट रहा था। प्रताप विहार, दिल्ली निवासी राजेंद्र की पत्नी और दो बच्चे हैं। उनकी बड़ी बेटी विद्या पांच साल की है और छोटा बेटा चेतन केवल दो महीने का है।
पुलिस की कार्रवाई
चांदनीबाग थाना पुलिस ने बताया कि राजेश के पास से मिला फोन क्षतिग्रस्त था। सिम निकालकर दूसरे फोन में डालने पर उनके जीजा सुखराम का नंबर मिला, जिससे परिजनों को हादसे की सूचना दी गई।
नशे में गाड़ी चलाने वाले चालक मोहम्मद साहिर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने कंटेनर को कब्जे में ले लिया है और आरोपी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है।
शोक में डूबे परिवार और जिम्मेदारियां
इस हादसे ने कई परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया है। मृतकों के पीछे छोटे-छोटे बच्चे और परिवार छूट गए हैं, जो अब बेसहारा हो गए हैं। यह घटना न केवल लापरवाही का मामला है बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति गंभीरता की कमी को भी उजागर करती है।