Haryana
Haryana की रहने वाली दो सगी बहनें डालेगी वोट, उम्र सुन उड़ जाएंगे होश
भगवानी देवी 116 साल की हैं और उनकी बहन भतेरी देवी 95 साल की हैं। वे दोनों Haryana के जागसी नामक गांव में रहती हैं और विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगी। भले ही भगवानी ठीक से देख या सुन नहीं सकतीं, लेकिन वे मतदान को लेकर बहुत उत्साहित हैं! ये दोनों बहनें सभी को दिखा रही हैं कि मतदान करना ज़रूरी है, चाहे आपकी उम्र कितनी भी हो, और उनका मानना है कि लोगों को खुद जाकर मतदान करना चाहिए।
चुनाव दल सभी को विधानसभा चुनाव में मतदान करने की याद दिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। भगवानी देवी बहुत बूढ़ी हैं और उनकी उम्र की वजह से उनकी पीठ झुकी हुई है। उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं। लेकिन उनकी बहन, 95 वर्षीय भतेरी, उनकी बहुत मदद करती हैं, लगभग एक सारथी की तरह जो घोड़े को रास्ता दिखाती है। भतेरी भगवानी को वह देखने और सुनने में मदद करती हैं जिसकी उन्हें ज़रूरत है। भले ही भगवानी 100 साल से ज़्यादा की हैं, लेकिन वे अभी भी अपने परिवार को एक साथ रखती हैं। ऐसी दुनिया में जहाँ कई परिवार टूट रहे हैं, वहीं जागसी गाँव का परिवार एकजुट रहता है।
भगवानी देवी की बहन भतेरी को याद है कि बहुत समय पहले लोग वोट देते थे। तब लोग कागज पर अपनी पसंद का निशान लगाने के बाद उसे एक डिब्बे में डाल देते थे। अब, चीजें अलग हैं क्योंकि यह आधुनिक समय है। दोनों बहनें अपने परिवार के साथ विधानसभा चुनाव में वोट देने जाना चाहती हैं। लेकिन चूंकि उन्हें अब देखने और सुनने में दिक्कत होती है, इसलिए उनके परिवार को लगता है कि इस बार उनके लिए घर से ही वोट देना बेहतर होगा। बुजुर्ग महिला के बेटे दिनेश ने बताया कि उनकी दोनों मां दादी भगवानी और दादी भतेरी हर चुनाव में हमेशा वोट देने जाती हैं।
वे सभी को दिखाना चाहती हैं कि वोट देना कितना महत्वपूर्ण है। दादी भगवानी, जो अब काफी बूढ़ी हो चुकी हैं, अपना दिन प्रार्थना करने में बिताती हैं और एक छोटे बच्चे की तरह व्यवहार करती हैं, जिससे पूरा परिवार उनसे और भी ज्यादा प्यार करता है। वह अपने पोते-पोतियों के भी बहुत करीब हैं। उनकी पोती विनीता कहती है कि दादी उन्हें बहुत सारी कहानियाँ सुनाती हैं, जिनमें उनके बचपन की कहानियाँ भी शामिल हैं। विनीता ने यह भी बताया कि जब वह अपनी दादी से बात करती है तो उसे झुककर ऊंची आवाज में बोलना पड़ता है ताकि वे एक-दूसरे की बात सुन सकें।
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कांग्रेस Rohtash Khatana की बढ़ सकती है मुश्किलें, गुर्जर समाज को गुरुग्राम में दो धड़ों में बंटा
सुखबीर की दुखद खबर पर काफी चर्चा हो रही है, जो कभी नेता हुआ करता था और हरियाणा के गुरुग्राम में मृत पाया गया। एक व्यक्ति जो एक अलग राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार का भाई है, उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया क्योंकि उन्हें लगता है कि वह घटना से जुड़ा हो सकता है। अभी लोग चुनाव में व्यस्त हैं, लेकिन इस घटना ने गुर्जर समुदाय के लोगों के बीच कुछ विवाद पैदा कर दिया है, जो लोगों का एक समूह है। भले ही वे इसे खुलकर न कह रहे हों, लेकिन उनमें से कुछ लोग इस स्थिति से नाखुश हैं। अगर यह सच है, तो Rohtash Khatana को इस चुनाव में हत्या के मामले की वजह से और भी परेशानी हो सकती है।
कांग्रेस ने रोहताश खटाना को चुना है, जो कभी जेजेपी नामक एक अलग समूह का नेतृत्व करते थे, उन्हें सोहना-तावडू क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए। भले ही उनके पास मजबूत लोगों और पैसे का बहुत समर्थन है, लेकिन वे पिछले तीन चुनाव हार चुके हैं। इस बार, वे कांग्रेस पार्टी की मदद से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि वे गुर्जर नामक समूह से हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक उनका पूरा समर्थन नहीं किया है।
कुछ लोग इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि रोहताश के भाई जोगिंदर को भाजपा पार्टी के एक नेता की हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। हालाँकि जोगिंदर अभी जेल से बाहर है, लेकिन मामला अभी भी अदालत में चल रहा है। पुलिस ने कहा कि रोहताश ने कुछ भी गलत नहीं किया, लेकिन अब सुखी का बेटा मदद के लिए मामले को अदालत में ले जाना चाहता है।
गुज्जर समुदाय के कुछ लोग इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि रोहताश खटाना का परिवार सुखबीर की मौत के लिए ज़िम्मेदार है, जो उनके समुदाय से ही था। इस गुस्से की वजह से वे कुछ नहीं बोल रहे हैं, बल्कि दो अन्य उम्मीदवारों का समर्थन कर रहे हैं: इनेलो-बसपा से सुरेंद्र भड़ाना और भाजपा से तेजपाल तंवर।
दोनों ही समूह समस्या को और बदतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को रोहताश खटाना को वोट न देने के लिए उकसा रहे हैं। लोग नाराज़ और डरे हुए हैं क्योंकि उनके समुदाय के किसी व्यक्ति की हत्या चुनाव की वजह से हुई है, और उन्हें इस बात की चिंता है कि वे इसमें शामिल शक्तिशाली लोगों के खिलाफ़ क्या कर सकते हैं। इन सब के चलते सोहना में इस बार गुर्जर समुदाय अलग-अलग गुटों में बंट गया है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कहा कि सुखी के जीजा चमन उसकी मौत के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उसने कई लोगों के सामने सुखी को गोली मारी थी। सुखी के परिवार और दोस्तों का मानना है कि चुनाव से जुड़े झगड़े की वजह से ऐसा हुआ।
एसटीएफ ने मामले की बहुत बारीकी से जांच की और कई सबूत पाए। इसके बाद उन्होंने जोगिंदर खटाना नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया, जो रोहताश खटाना का भाई है और उसे जेल ले गया। सतीश बालन नाम के एक शख्स ने बताया कि जब चमन करीब 15 साल का था, तो उसे सुखी नाम के एक लड़के से परेशानी थी, क्योंकि सुखी की बहन ने प्रेम विवाह कर लिया था। बाद में चमन की मुलाकात जोगिंदर खटाना नाम के एक शख्स से हुई, जिसने उसे गलत काम करने के लिए उकसाया और उसे बहुत सारा पैसा भी दिया- 25 लाख रुपये! रोहताश खटाना परिवार और सुखी खटाना परिवार के बीच 2012-2014 और फिर 2019 में हुए कुछ चुनावों को लेकर भी काफ़ी मतभेद था।
उनका मानना था कि 2019 का चुनाव वे सुखी नाम के एक व्यक्ति की वजह से नहीं जीत पाए। सुखी का परिवार कहता रहता है कि दूसरे लोग अपराध में शामिल थे। अब जब फिर से चुनाव का समय आ गया है, तो सोहना इलाके में हर कोई फिर से इस अपराध के बारे में बात कर रहा है।
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CM Nayab Singh Saini ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा पर बोला हमला, उन्होंने कहा, “जिनके अपने खाते खराब हैं वह आज हमसे हिसाब मांग रहे हैं
CM Nayab Singh Saini भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा से खासे नाराज हैं। उनका मानना है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कांग्रेस पार्टी की चिंता बढ़ती जा रही है। पिता-पुत्र हर बात पर सफाई मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुछ लोग जिन्होंने अपने काम में गलती की है, वे अब हमसे सफाई मांग रहे हैं। अपने कार्यकाल पर ध्यान देने के बजाय वे हमारे काम के बारे में जानना चाहते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 सालों में भाजपा सरकार ने हरियाणा को आगे बढ़ाने और बेहतर बनाने में बहुत मदद की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी, तो उन्होंने सभी के साथ उचित व्यवहार किया और युवाओं को अधिक उम्मीदें जगाईं। उनका मानना है कि आम लोगों का सरकार पर अब अधिक भरोसा है, क्योंकि वे सभी के भले के लिए काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का मानना है कि लोग चाहते हैं कि भाजपा फिर से सत्ता में आए। उन्होंने यह भी कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि हुड्डा परिवार ने दिखा दिया है कि वे सभी के लिए अच्छे नहीं हैं और कांग्रेस को दलितों का समर्थन नहीं करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कुछ नेता सिर्फ अपना हित देख रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भाजपा पार्टी चुनावों में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है। अगर हम पूछें कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उसका प्रदर्शन कैसा था, तो बहुत सी बातें हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूची छोटी करने से भी हमारे पास 10 सवालों के जवाब नहीं हैं। काफी समय बीत जाने के बाद भी न तो पिता और न ही बेटा कोई जवाब दे रहे हैं और कांग्रेस पार्टी भी जवाब नहीं दे पा रही है। अभी तक किसी ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पानीपत के मतलौडा अनाज मंडी नामक स्थान पर जन आशीर्वाद रैली में बोल रहे थे।
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2 युवकों में आपस में हुआ झगड़ा, तो Truck ड्राइवर ने दूसरे युवक के पेट में घोंपा चाकू
गद्दी खेड़ी गांव में नाले के पास एक छोटे से रेस्टोरेंट में दो युवकों में झगड़ा हो गया। जब वे लड़ रहे थे, तभी एक Truck चालक ने चाकू से एक युवक को घायल कर दिया। चाकू उसके पेट में जा लगा और वह बुरी तरह घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे ठीक किया जा सका। पुलिस मामले की जांच कर रही है और चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। नरेंद्र सिंह बहु अकबरपुर नामक गांव में रहते हैं। वह पुलिस थाने में कुछ जरूरी बात बताने गए थे।
रोहतक रोड पर गद्दी खेड़ी गांव में नाले के पास उनकी जमीन है। पास में ही ढाबा नामक एक छोटा सा रेस्टोरेंट है। रिठाल गांव में रहने वाले साहिल फोगट नामक व्यक्ति ढाबे के पास ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं। साहिल ने ढाबे के पास ही जमीन का एक टुकड़ा किराए पर ले रखा है। मनवीर राजस्थान के अलवर नामक स्थान पर रहते हैं और साहिल नामक व्यक्ति के लिए ट्रक चलाते हैं। इस कारण वह साहिल को जानते हैं और अक्सर ढाबा नामक स्थान पर खाना खाने जाते हैं। एक शाम करीब 7 बजे मनवीर के गांव का दोस्त प्रदीप ढाबे पर आया।
आते ही मनवीर ने प्रदीप को बिना किसी कारण के बुरा-भला कहना शुरू कर दिया। प्रदीप ने मनवीर को जाने के लिए कहा और वह चला गया। एक दिन मनवीर वापस आया और प्रदीप को फिर से बुरा-भला कहने लगा, जिससे वे दोनों बहुत नाराज हो गए और उनमें झगड़ा हो गया। जब प्रदीप रेस्टोरेंट से बाहर निकल रहा था, तो मनवीर ने अचानक उस पर चाकू से वार किया और चाकू प्रदीप के पेट में लगा। इसके बाद प्रदीप ने मनवीर का पीछा करने की कोशिश की, लेकिन मनवीर भाग गया। प्रदीप को अपनी चोट के इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ा। पुलिस को घटना की जानकारी दी गई और उन्होंने मनवीर की तलाश शुरू कर दी।
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