Haryana
Haryana के भिवानी जिले में दलित छात्रा की आत्महत्या मामला, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

Haryana के भिवानी जिले के सिंघानी गांव स्थित एक निजी कॉलेज की दलित छात्रा ने 24 दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने बुधवार (2 जनवरी 2025) को मुख्य आरोपी राहुल को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की जांच और आरोपी की पहचान
भिवानी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राहुल, जो पहले से ही साइबर धोखाधड़ी के तीन मामलों में आरोपी रह चुका है और जेल जा चुका है, इस मामले का मुख्य आरोपी है। एसआईटी (विशेष जांच दल) के प्रमुख पुलिस उपाधीक्षक दलीप सिंह ने खुलासा किया कि राहुल बार-बार फोन कर छात्रा को परेशान करता था। घटना के कुछ देर पहले भी उसने छात्रा को फोन किया था।
राहुल के पिता और राजनीतिक संबंध
प्राथमिकी में राहुल के पिता हनुमान का नाम भी दर्ज है, लेकिन वे अभी जांच में शामिल नहीं हुए हैं। हनुमान कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया के नजदीकी रिश्तेदार हैं। हालांकि, पुलिस ने कहा कि विधायक पर सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
मुख्यमंत्री और बीजेपी की प्रतिक्रिया
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “दलित बेटी की आत्महत्या के लिए जो भी दोषी होगा, उसे सजा दी जाएगी।”
बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए विधायक राजबीर फरटिया को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की है। कैबिनेट मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से इस संबंध में तत्काल कदम उठाने की अपील की।
विधायक पर आरोप और कॉलेज प्रशासन का रवैया
छात्रा के पिता ने आरोप लगाया है कि फीस न चुकाने पर उनकी बेटी को कॉलेज प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा कि छात्रा ने आर्थिक मदद के लिए विधायक से संपर्क किया था, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली।
बीजेपी का न्याय दिलाने का वादा
बीजेपी ने भरोसा दिलाया है कि मामले में निष्पक्ष जांच होगी। कृष्णलाल पंवार ने कहा, “चाहे दोषी कोई भी हो, उसे सजा मिलेगी। अगर कांग्रेस विधायक दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होगी।”
राजनीतिक बयानबाजी
बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। बीजेपी ने दावा किया है कि कांग्रेस के कुछ नेता इस घटना की वास्तविकता समझे बिना राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है।
यह मामला न केवल न्याय और राजनीति के बीच संतुलन की परीक्षा है, बल्कि समाज में जातिगत भेदभाव और आर्थिक दबाव के मुद्दों को भी उजागर करता है।