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Haryana में 250 पाकिस्तानी नागरिकों की घुसपैठ, CID ने 5 जिलों में पकड़ी लोकेशन; 710 में से केवल 72 लौटे।

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पहलगाम आ/तं/की ह/म/ले से पहले, पिछले एक महीने में Haryana में 250 पाकिस्तानी नागरिकों के आने का खुलासा हुआ है। यह जानकारी प्रदेश की CID द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, इन नागरिकों की उपस्थिति हिसार, रोहतक, फरीदाबाद, गुरुग्राम और नूंह जिलों में दर्ज की गई है। संबंधित कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि Haryana में पहले से ही 460 पाकिस्तानी नागरिक लंबे समय से रह रहे थे। हाल ही में आए नागरिकों को मिलाकर प्रदेश में कुल 710 पाकिस्तानी मौजूद थे। इनमें से अब तक केवल 72 लोग ही पाकिस्तान लौटे हैं।

इसके बाद अब पुलिस विभाग सक्रिय हो गया है। टीमें अब इन पाकिस्तानी नागरिकों की तलाश कर रही हैं, ताकि पकड़कर उनके वतन भेजा जा सके।

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने देश में रह रहे पाकिस्तानियों को अपने देश लौटने के लिए कहा था। केवल मेडिकल वीजा पर आए पाकिस्तानियों को 29 अप्रैल तक यहां रहने की छूट दी गई है। इसके अलावा अन्य सभी वीजा धारकों के लिए यह मोहलत 27 अप्रैल को ही खत्म हो गई।

हरियाणा खुफिया विभाग के सर्वे से जुड़ी 4 अहम बातें…

  1. गृह मंत्री के आदेश में बाद शुरू हुआ सर्वे

दरअसल, पुलिस द्वारा पहले से ही प्रदेश में अवैध रूप से रहे बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या मुस्लिमों का सर्वे किया जा रहा है। मगर, 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम नायब सैनी को कॉल कर हरियाणा से पाकिस्तानियों को निकालने के लिए कहा था। इसके बाद प्रदेश का खुफिया विभाग अलर्ट हो गया और यहां रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की लिस्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी।

  1. पहले से 460 पाकिस्तानी रह रहे

खुफिया विभाग के सर्वे में सामने आया कि प्रदेश में अभी भी 710 पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं। इनमें 460 ऐसे है, जो कई सालों से यहां रहे हैं। पता चला है कि ये पाकिस्तानी नागरिक वर्षों पहले टूरिस्ट वीजा पर भारत में आए थे और अब हरियाणा में बस गए हैं।

इन्हें भारतीय नागरिकता मिली या नहीं, इसका पता लगाने में टीमें जुटी हैं। इसके अलावा 250 पाकिस्तानी नागरिक ऐसे हैं, जो एक माह के भीतर ही राज्य में दाखिल हुए हैं। इनमें बहुत से अपने कारोबार के सिलसिले में तो कई ऐसे हैं जो घूमने के लिए दिल्ली व हरियाणा में आए हैं।

  1. 5 जिलों में मिली लोकेशन, शुरू हुई तलाश

खुफिया विभाग के सर्वे के मुताबिक सरकार के आदेश के बाद भी जो पाकिस्तानी अपने वतन नहीं लौटे, उनमें से ज्यादातर की लोकेशन हिसार, रोहतक, फरीदाबाद, गुरुग्राम व नूंह में मिली है। इनमें से कुछ ऐसे हैं जो 25 से 30 साल से यहां रह रहे हैं। उधर, इस खुलासे के बाद सरकार की ओर से अन्य जिलों को भी अलर्ट जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि इस मामले में कतई लापरवाही न बरतें।

  1. दोबारा वेरिफिकेशन कर रही CID

पहलगाम हमले के बाद जारी हुई गाइडलाइन के बाद CID विंग ने इन पाकिस्तानी नागरिकों की दोबारा वेरिफिकेशन शुरू कर दी है। गृह विभाग के साथ CID को भी इस पर नजर बनाने के लिए कहा गया है। पता किया जा रहा है कि राज्य में रह रहे इन पाकिस्तानी नागरिकों के पास किस तरह का वीजा है, उसकी वैधता कब थी और आदेश के बावजूद अपने देश क्यों नहीं लौटे।

लॉन्ग टर्म वीजा वालों को सरकार ने छूट दी

भारत सरकार ने फिलहाल लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) धारक पाकिस्तानी नागरिकों को आदेश से बाहर रखा है। LTV उन पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों (विशेष रूप से हिंदुओं) को दिए जाते हैं, जो पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत में हमेशा के लिए रहना चाहते हैं।

जो पाकिस्तानी नहीं लौटेंगे, उन पर क्या कार्रवाई होगी

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील अश्विनी दुबे कहते हैं, ‘भारत सरकार ने जिन पाकिस्तानी नागरिकों को देश से जाने के लिए कहा है, अगर वह आदेश का उल्लंघन करते हैं, तो उन्हें ‘गैर-कानूनी विदेशी’ माना जाएगा। ऐसे पाकिस्तानी नागरिक नए इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 के तहत अपराधी माने जाएंगे। इन्हें 1 से 5 साल तक जेल या 10 से 50 हजार रुपए तक जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। सजा पूरी करने के बाद भारत सरकार उन्हें पाकिस्तान डिपोर्ट कर देगी।’

भारत में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 विदेशी नागरिकों के आने, रहने और जाने को कंट्रोल करता है। इसका मकसद देश की सुरक्षा को बनाए रखना और जासूसी और तस्करी जैसे कामों को रोकना है। नए कानून को 4 पुराने कानूनों से रिप्लेस किया गया-

फॉरेनर्स एक्ट, 1946
पासपोर्ट (एंट्री इनटू इंडिया) एक्ट, 1920
रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट, 1939
इमिग्रेशन (कैरियर्स लायबिलिटी) एक्ट, 2000

इसके तहत वह व्यक्ति ‘विदेशी’ है, जो भारत का नागरिक नहीं है। इसमें पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं। अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक वैध वीजा के बिना या वीजा खत्म होने के बाद भी भारत में रहता है, तो वह ‘गैरकानूनी विदेशी’ माना जाता है।

इस कानून के तहत अगर कोई विदेशी कानून का उल्लंघन करता है तो उसे अधिकतम 5 साल तक जेल और 10 हजार से 50 हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है। सजा पूरी करने के बाद अपराधी को देश से निकाल दिया जाता है और भारत में हमेशा के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है।

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