Haryana
हरियाणा कांग्रेस में भूचाल: पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी Virendra Singh ने प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफे की मांग की
हरियाणा की राजनीति में हलचल मचाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी Virendra Singh ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफा देने की मांग की है। चौधरी वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस की हालिया हार पर तीखी टिप्पणी करते हुए इसे संगठन की कमजोरी और नेतृत्व की गलतियों का परिणाम बताया।
‘संगठन की कमजोरी हार का मुख्य कारण’
वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस का संगठन बेहद कमजोर है, और यही पार्टी की हार की सबसे बड़ी वजह बना। उन्होंने सीधे तौर पर कहा, “हरियाणा कांग्रेस को पुनर्गठित करने और जनता से जोड़ने के लिए बड़े बदलाव और आंदोलन की जरूरत है।”
उन्होंने बिना किसी का नाम लिए इशारों में कहा, “हरियाणा में कांग्रेस का पूरा फोकस एक ही नेता पर केंद्रित रहा। यह संदेश गया कि कांग्रेस की सरकार नहीं, बल्कि किसी एक व्यक्ति की सरकार बन रही है।”
‘प्रदेश अध्यक्ष की नैतिक जिम्मेदारी बनती है’
Virendra Singh ने कहा कि हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह इस्तीफा दें। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “राजनीति में यह परंपरा रही है कि हार के बाद नेतृत्व बदलाव किया जाता है, लेकिन हरियाणा में ऐसा क्यों नहीं हुआ, यह हैरानी की बात है।”
भाजपा पर भी साधा निशाना
Virendra Singh ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावों में बागी कांग्रेस नेताओं पर पैसा खर्च किया गया और सत्ता, मशीनरी और वित्तीय संसाधनों का खुलकर इस्तेमाल हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने धर्म और जातिगत ध्रुवीकरण के जरिये चुनावी फायदा उठाने की कोशिश की।
‘हरियाणा में बड़ा आंदोलन करूंगा’
वीरेंद्र सिंह ने ऐलान किया कि वह हरियाणा में बड़ा आंदोलन चलाएंगे और कांग्रेस को जनता की पार्टी बनाएंगे। उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य है कि कांग्रेस हर वर्ग और हर समुदाय तक पहुंचे। इसके लिए संगठन में बदलाव और जमीनी स्तर पर काम करना जरूरी है।”
‘नेतृत्व में बदलाव जरूरी’
वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस की रणनीति और नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी में संगठन की कमी और नेतृत्व की गलतियां हार का मुख्य कारण बनीं। उन्होंने कहा, “अगर समय रहते पार्टी ने बदलाव नहीं किया, तो जनता से जुड़ने का सपना अधूरा रह जाएगा।”
कांग्रेस में मचा हलचल
चौधरी वीरेंद्र सिंह के इस बयान से हरियाणा कांग्रेस में हलचल मच गई है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पार्टी नेतृत्व इस पर क्या कदम उठाता है। क्या प्रदेश अध्यक्ष इस्तीफा देंगे या पार्टी में अंदरूनी खींचतान और गहराएगी?