Haryana
Haryana चुनाव 2024: भाजपा की ऐतिहासिक जीत, तीसरी बार सत्ता में काबिज
Haryana में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2024 के विधानसभा चुनाव में इतिहास रचते हुए 48 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। यह जीत पार्टी के लिए कई मायनों में खास रही, क्योंकि इसने लगातार तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। मुख्यमंत्री पद के चेहरे नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की जोड़ी ने ‘धर्मवीर’ की तरह काम करते हुए भाजपा को राज्य में उसकी सबसे बड़ी जीत दिलाई।
तीन चुनाव, तीन उपलब्धियां
2014 से पहले भाजपा Haryana में हमेशा किसी क्षेत्रीय दल के सहारे सत्ता तक पहुंची थी। चाहे वह चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी हो या चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)। लेकिन 2014 में मोदी लहर के सहारे भाजपा ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर सरकार बनाई। 2014 में भाजपा ने 47 सीटें जीतीं और 33.2% वोट शेयर हासिल किया। 2019 में पार्टी ने 40 सीटें जीतीं और वोट शेयर बढ़कर 36.49% हो गया। 2024 में भाजपा ने 48 सीटें जीतकर रिकॉर्ड कायम किया और अपनी पकड़ को और मजबूत किया।
2024 चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम
2024 के चुनावों में भाजपा ने सभी एग्जिट पोल और राजनीतिक अनुमानों को गलत साबित कर दिया। भाजपा ने 48 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार किया। कांग्रेस ने 37 सीटें हासिल कीं, जो एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभरी। इनेलो को मात्र 2 सीटें मिलीं, और आजाद उम्मीदवारों का आंकड़ा 3 तक सीमित रह गया।
‘जाट बनाम गैर-जाट’ फॉर्मूला फिर से सफल
Haryana की राजनीति में भाजपा ने जाट बनाम गैर-जाट फॉर्मूला को सफलता से लागू किया। भाजपा ने ब्राह्मण, बनिया, पंजाबी और राजपूत जैसे गैर-जाट समुदायों को साधते हुए मजबूत समर्थन पाया। इसके अलावा, पार्टी ने अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के वोटरों को भी अपने पक्ष में किया। हरियाणा में अनुसूचित जाति की कुल आबादी 20% है और 17 आरक्षित सीटों में से इस बार भाजपा ने 7 पर जीत दर्ज की।
संगठन में बड़े बदलाव का असर
चुनाव से पहले भाजपा ने 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार बदल दिए। इनमें से आधे से ज्यादा ने जीत दर्ज की।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की जोड़ी ने चुनाव अभियान को एकजुटता और कुशल रणनीति के साथ संभाला।
चुनाव रणनीति और अमित शाह की भूमिका
हरियाणा चुनाव में भाजपा की जीत के पीछे अमित शाह की रणनीति भी बड़ी भूमिका में रही। चुनाव प्रचार में उन्होंने बूथ स्तर तक पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया और जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा।
कांग्रेस के लिए झटका, इनेलो का पतन जारी
2014 और 2019 की हार के बाद कांग्रेस ने इस बार 37 सीटें जीतकर वापसी की कोशिश की, लेकिन भाजपा को सत्ता से हटाने में नाकाम रही। वहीं, इनेलो और अन्य क्षेत्रीय दलों का प्रदर्शन लगातार गिरावट पर रहा, जिससे भाजपा का कद और ऊंचा हो गया।
भाजपा की ऐतिहासिक सफलता
2024 के चुनावी नतीजों ने भाजपा को हरियाणा में एक मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया है। इस ऐतिहासिक जीत ने न केवल पार्टी के संगठन को मजबूत किया बल्कि प्रदेश में भाजपा की सरकार के प्रति जनता के विश्वास को भी बढ़ाया।