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Haryana में बंदरों का बड़ा आंतक, 19 साल की लड़की को गिराया छत से, हुई मौत

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Haryana के करनाल में उस वक्त सन सनी फैल गई जब एक 14 साल की लकड़ी छत से नीचे गिर गई और उसकी मौत हो गई | यह हादसा तब हुआ जब कनिका पर बंदरों के एक समूह ने हमला कर दिया। दरअसल बुधवार शाम कनिका अपने घर की छत पर टहलने गई थीं, तभी अचानक बंदरों का एक झुंड उउसकी तरफ आ गया|

अपने ऊपर बंदरों के हमले से घबराकर कनिका अपना संतुलन खो बैठी और छत से नीचे गिर गई। परिजन तुरंत कनिका को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी है|

वही डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि कनिका के सिर में गंभीर चोट आई। अगर ब्लीडिंग बाहर हो जाती तो शायद कनिका बच जाती, लेकिन चोट के कारण सिर के अंदर ही ब्लीडिंग शुरू हुई है। जो उसकी मौत का कारण बनी।

कनिका के भाई दीपक ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब इस इलाके में बंदरों के हमले की खबर आई हो। बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। वह पहले भी कई लोगों पर हमला कर चुके हैं।

वहीं दीपक ने बताया कि उसके पिता प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं। हम परिवार में चार सदस्य हैं | कनिका उस की इकलौती बहन थी, जो पास के एक निजी स्कूल में 9वीं कक्षा की छात्रा थी| इस घटना के बाद करनाल के जाटो गेट इलाके में शोक का माहौल है| कनिका की असामयिक मौत से पूरा परिवार और समाज सदमे में है|

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Haryana के BJP विधायक हरविंदर कल्याण ने अपने पिता का सपना किया पूरा, बने विधानसभा के नए अध्यक्ष

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Haryana विधानसभा के नए अध्यक्ष के रूप में भाजपा पार्टी के सदस्य और करनाल के घरौंदा का प्रतिनिधित्व करने वाले हरविंदर कल्याण को चुना गया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उनके नाम का सुझाव दिया और सभी ने सहमति जताई। कल्याण इस महत्वपूर्ण पद को संभालने वाले 18वें व्यक्ति होंगे। कल्याण चुनाव जीते और अब लगातार तीसरी बार विधानसभा में हैं। लोगों को लगा कि वे सरकार में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्हें किसी खास पद के लिए नहीं चुना गया। फिर उन्हें अध्यक्ष बनाने की खूब चर्चा हुई और अंत में उनकी पार्टी के नेताओं ने उन्हें अध्यक्ष बनाने का फैसला किया। कल्याण के पिता ने कुछ महत्वपूर्ण चुनाव जीतने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए।

कल्याण ने विधानसभा में पहुंचकर अपने पिता के सपने को साकार किया। पहले वे कांग्रेस नामक समूह का हिस्सा थे, लेकिन फिर वे भाजपा नामक एक अलग समूह में चले गए। जब ​​वे भाजपा के साथ चुनाव लड़े, तो लगातार तीन बार जीते! हरविंदर कल्याण मनोहर लाल नामक एक महत्वपूर्ण नेता के मित्र हैं, जो कभी मुख्यमंत्री हुआ करते थे। मनोहर लाल जब प्रभारी थे, तो उन्होंने हरविंदर के इलाके में हालात बेहतर बनाने में मदद की। मनोहर लाल जब भी करनाल जाते हैं, तो हरविंदर से जरूर मिलते हैं। कभी-कभी वे हरविंदर के घर भी जाते हैं। खट्टर के मुख्यमंत्री रहते हुए हरविंदर ने उनके इलाके में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नाम से एक विश्वविद्यालय बनाने में मदद की थी। कल्याण को उनकी पार्टी ने कभी मंत्री नहीं बनाया, लेकिन उन्होंने इसकी शिकायत भी नहीं की। क्योंकि लोग उन्हें ईमानदार मानते हैं और उन्होंने अपने इलाके में कई महत्वपूर्ण काम करवाने में मदद की, इसलिए पुराने मुख्यमंत्री उन्हें बहुत पसंद करते हैं।

मनोहर लाल ने कल्याण को बीएसपी से बीजेपी में जाने में भी मदद की। हरविंदर कल्याण का जन्म कुटैल नामक गांव में एक किसान परिवार में हुआ था, जो करनाल नामक जगह पर है। यह हरियाणा नामक एक नए स्थान के बनने के ठीक एक साल बाद हुआ था। राजनीति में अपने काम में हरविंदर को कई अलग-अलग अनुभव हुए हैं। जब वे 18 साल के हुए, तो उन्होंने बाबासाहेब नाइक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग नामक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, जो महाराष्ट्र के पुसाद नामक शहर में है। उनकी पत्नी रेशमा कल्याण घर पर ही रहती हैं और कहानियाँ लिखती हैं। रेशमा के पिता मनोहर नाइक महाराष्ट्र के पुसद नामक स्थान पर लोगों के लिए निर्णय लेने में मदद करने वाले नेता हुआ करते थे। 2004 में, हरविंदर कल्याण कांग्रेस नामक समूह में एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में काम करते थे।

जब 2005 में विधानसभा के लिए चुनाव हुए, तो कई लोगों ने सोचा कि उन्हें किसी पद के लिए चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है। लोगों से मिलने और यह देखने के लिए कि गाँव का हाल कैसा है, उन्होंने पदयात्रा नामक एक लंबी पदयात्रा करने का फैसला किया। हरविंदर 18 दिनों तक पदयात्रा करते रहे और इस दौरान वे घर से दूर रहे। वे अपनी रातें गाँव वालों के साथ बिताते थे, उनके साथ खाना खाते और सोते थे। वहाँ रहते हुए उन्होंने गाँव की सभी समस्याओं के बारे में जाना। उन्होंने गाँव वालों से वादा किया कि अगर उन्हें उनके समर्थन से नेता बनने का मौका मिला, तो वे उन समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे। लेकिन 2005 के चुनावों में, उन्हें चुनने के बजाय, कांग्रेस पार्टी ने वीरेंद्र सिंह राठौर नामक एक अलग व्यक्ति को चुना। हरविंदर कल्याण के पिता देवी सिंह कल्याण को राजनीति बहुत पसंद थी और वे राजनीतिज्ञ बनना चाहते थे। उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण चुनाव जीतने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए। भले ही वे हरियाणा में किसानों की मदद करने वाली एक कंपनी के अध्यक्ष बन गए, फिर भी उनकी इच्छा थी कि वे स्थानीय विधानसभा या संसद के सदस्य बन सकते थे।

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Haryana लेडी पुलिस कर्मी वाली से कंडक्टर का पंगा, टिकट के लिए हुई बहस

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एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें Haryana की एक महिला पुलिस अधिकारी राजस्थान की बस में सवार है। वीडियो में वह कहती है कि वह अपनी टिकट नहीं खरीदेगी क्योंकि बस में पुलिस अधिकारियों के लिए कोई विशेष किराया नहीं है। बस कंडक्टर ने सभी से कहा कि अगर वे बस में चढ़ना चाहते हैं तो उन्हें टिकट खरीदना होगा। कुछ लोगों ने एक महिला पुलिस अधिकारी से भी टिकट खरीदने के लिए कहा, लेकिन उसने भुगतान नहीं किया। इसके बजाय, उसने पूछा कि क्या उसे सिर्फ इसलिए भुगतान करना चाहिए क्योंकि उसने अपनी वर्दी पहन रखी है।

हालांकि, हम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करते । एक लोकप्रिय वीडियो में, हरियाणा की एक महिला पुलिस अधिकारी राजस्थान की बस में सवार है। वीडियो हरियाणा के रेवाड़ी में धारूखेड़ा नामक स्थान का माना जा रहा है, क्योंकि अधिकारी वहां बस से उतरने वाली थी। कुछ लोगों को लगता है कि एक महिला अटेली से बस में चढ़ी। बस कंडक्टर, जो टिकट चेक करने वाला व्यक्ति होता है, उससे कह रहा है कि उसे धारूखेड़ा नामक स्थान पर जाने के लिए 50 रुपये देने होंगे।

अटेली से धारूखेड़ा तक के लिए टिकट की यह सही कीमत है। अभी बस कंडक्टर और महिला पुलिस अधिकारी के बीच टिकट की इस कीमत को लेकर मतभेद चल रहा है। बस कंडक्टर बार-बार टिकट मांगता है, लेकिन पुलिस अधिकारी उसे टिकट न देने के लिए कहता रहता है। बस में सवार कुछ लोग महिला पुलिस अधिकारी से टिकट खरीदने के लिए कहते हैं। कंडक्टर बस रोककर उसे एक तरफ हटने के लिए भी कहता है। लेकिन पुलिस अधिकारी फिर भी अपना मन नहीं बदलती।

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Panipat में मंगेतर ने नाराज़ होकर लड़की पर किया वार, दो साल पहले उनकी हुई थी सगाई

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हरियाणा के Panipat के एक गांव में एक युवक ने अपनी मंगेतर को धारदार हथियार से घायल कर दिया। दो साल पहले उनकी सगाई हुई थी, लेकिन उसके परिवार ने कहा कि वह 18 साल की होने के बाद ही उसके साथ जा सकती है। युवक उसे अपने साथ जाने के लिए कहता रहा, लेकिन उसने मना कर दिया। इसलिए, वह उसके घर में घुस गया और उस पर हमला कर दिया।

लड़की अब गंभीर हालत में अस्पताल में है, और पुलिस को उसके द्वारा किए गए कृत्य की शिकायत मिली है। सुशील गोयला खुर्द नामक गांव में रहता है। उसने पुलिस को बताया कि उसने अपनी 16 वर्षीय बेटी की शादी कुशल नाम के लड़के से करने का वादा किया था, जो जाखोदा नामक दूसरे गांव में रहता है। उनकी सगाई हो चुकी है, जिसका मतलब है कि वे शादी करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी शादी नहीं हुई है।

वे अपनी बेटी के 18 साल के होने तक शादी का इंतजार करेंगे। पिछले एक महीने से, एक आदमी वास्तव में एक लड़की को अपने साथ ले जाना चाहता था, लेकिन उसका परिवार नहीं चाहता था कि वह जाए। इसलिए, 23 अक्टूबर की देर रात, वह उसके घर में घुसने के लिए दीवार फांद गया। वह उसके कमरे में गया और उसे किसी नुकीली चीज से घायल कर दिया। जब उसके माता-पिता ने उसकी चीख सुनी, तो वे जाग गए और वह हथियार लेकर भाग गया।

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