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SGPC सदस्यों ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह का लिया पक्ष , बोले बड़ी बात
SGPC के सदस्यों ने भी जत्थेदारों के पक्ष में खड़े हो रहे हैं। हाल ही में गुरिंदरपाल सिंह लाली रणिके ने एक महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि अगर जत्थेदार अपने पद से हट जाते हैं, तो वह भी कमेटी में अपनी नौकरी छोड़ देंगे। इस कमेटी के कई सदस्य एक के बाद एक अपने पद छोड़ रहे हैं।
कुछ महत्वपूर्ण लोग जत्थेदार ज्ञानी रघवीर सिंह से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, जो श्री अकाल तख्त साहिब नामक स्थान पर नेता हैं। बलविंदर सिंह भूंदर, जो शिरोमणि अकाली दल नामक समूह का नेतृत्व करने में मदद करते हैं, और दो अन्य नेता, हरजिंदर सिंह धामी और दलजीत सिंह चीमा, उनसे मिलने उनके घर गए। वे वहां एक निजी बैठक कर रहे हैं ताकि उन्हें किसी बात पर सहमत होने के लिए राजी कर सकें।
श्री अकाल तख्त साहिब के नेता ज्ञानी रघबीर सिंह ने एसजीपीसी से कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा स्वीकार न किया जाए। इससे पहले ज्ञानी रघबीर सिंह ने एक वीडियो में कहा था कि अगर ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो वह और अन्य लोग भी अपनी नौकरी छोड़ देंगे। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विरसा सिंह वल्टोहा नाम के एक व्यक्ति ने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह भाजपा नामक एक राजनीतिक पार्टी के साथ बहुत दोस्ताना व्यवहार रखते हैं। विरसा सिंह वल्टोहा, जो अकाली नामक एक अन्य समूह का हिस्सा हुआ करते थे, ज्ञानी हरप्रीत सिंह की गतिविधियों के बारे में सवाल पूछते रहते थे। इस पूरे ड्रामे के कारण ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस्तीफा देने का फैसला किया। इससे पहले, उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार के रूप में भी काम किया और फिर वे तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बन गए।
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कॉमेडियन से नेता बने CM Bhagwant Mann आज मना रहे हैं अपना 51वें जन्मदिन
आज का दिन खास है क्योंकि आज पंजाब के CM Bhagwant Mann का जन्मदिन है। वे 51 साल के हो रहे हैं! Bhagwant Mann पहले एक मजाकिया कॉमेडियन हुआ करते थे और अब वे एक राजनेता हैं जो लोगों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करते हैं। वे बहुत लोकप्रिय हैं और आम आदमी पार्टी के सबसे प्रसिद्ध सदस्यों में से एक हैं, ठीक उसी तरह जैसे अरविंद केजरीवाल, जो पार्टी के नेता हैं। भगवंत मान, जो पहले एक मजाकिया कॉमेडियन हुआ करते थे और अब एक राजनेता हैं, का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के सतोज नामक गाँव में हुआ था। उनके पिता महिंदर सिंह एक शिक्षक थे और उनकी माँ हरपाल कौर परिवार की देखभाल करने के लिए घर पर रहती थीं।
पंजाब के मुख्यमंत्री बनने से पहले Bhagwant Mann ने 2014 और 2019 में संगरूर का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुनाव जीता था। भगवंत मान ने 2011 में राजनीति में अपनी यात्रा शुरू की, जब वे पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब नामक एक समूह का हिस्सा बन गए, जिसका नेतृत्व मनप्रीत सिंह बादल व्यक्ति कर रहे थे। 2012 में, उन्होंने संगरूर के लेहरा नामक स्थान से विधानसभा में सीट नामक एक विशेष पद जीतने की कोशिश की, लेकिन वे जीत नहीं पाए; उनकी जगह राजिंदर कौर भट्ठल नामक एक अन्य व्यक्ति ने जीत हासिल की। 2014 में, वे आम आदमी पार्टी नामक एक अलग समूह में शामिल हो गए। वे 2014 और फिर 2019 में इस समूह के लिए चुनाव जीतने में सफल रहे। बाद में, 2022 में, भगवंत मान के नेतृत्व में, आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनावों में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया, 117 में से 92 सीटें जीतीं!
Bhawant Mann धुरी से विधानसभा सदस्य (एमएलए) बने। फिर 16 मार्च को उन्होंने अच्छा काम करने का वादा किया और पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए. उन्होंने यह वादा खटकर कलां में किया, जो वह गांव है जहां भगत सिंह नाम के एक वीर नायक का जन्म हुआ था. भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री बनने वाले 17वें व्यक्ति हैं. उन्होंने 48 साल की उम्र में यह महत्वपूर्ण काम शुरू किया था, जिससे वे पंजाब में इस पद पर आसीन होने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए. इस साहसिक कार्य में 16 नंबर बहुत महत्वपूर्ण था. एक मज़ेदार कॉमेडियन से मुख्यमंत्री बनने तक भगवंत मान का सफ़र काफ़ी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उनकी कहानी में 16 नंबर वाकई अहम था. इस नंबर का भगवंत मान से एक ख़ास कनेक्शन है. क्या आप जानना चाहते हैं कि 16 नंबर का क्या मतलब है? चलिए मैं समझाता हूँ!
लेकिन 16 मई, 2011 को एक बहुत दुखद घटना घटी. भगवंत मान के पिता महिंदर सिंह का निधन हो गया और वे दुनिया से चले गए. 16 तारीख़ को कुछ ऐसा हुआ जिसने भगवंत मान की ज़िंदगी फिर से बदल दी. 16 मार्च 2022 को भगवंत मान एक अहम वादा करके पंजाब के मुख्यमंत्री बने, जिसे शपथ कहते हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने अपने राज्य के लोगों की मदद करने और उनकी देखभाल करने का वादा किया।
यह मतदान के बारे में एक यात्रा थी।
मान ने 2012 में हलका लेहरा नामक जगह से पीपीपी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए विधानसभा में नौकरी के लिए चुनाव लड़ा था।
भगवंत पहले चुनाव में राजिंदर कौर भट्टल के खिलाफ नहीं जीत पाए थे।
2014 में, उन्होंने संगरूर नामक जगह से लोकसभा सदस्य नामक एक बड़ी नौकरी के लिए चुनाव लड़ा, और उन्होंने AAP नामक एक समूह की मदद से यह किया। उन्होंने चुनाव जीता!
2019 में, उन्होंने फिर से जीत हासिल की और संसद का हिस्सा बने।
2022 में, उन्होंने धुरी में नौकरी के लिए चुनाव लड़ा और 50,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की।
भगवंत मान को पीली पगड़ी पहनना पसंद है, और वे राजनीति में अपनी नौकरी शुरू करने के बाद से इसे पहनते आ रहे हैं। इसके पीछे एक खास वजह है। उन्होंने एक बार एक समाचार चैनल से साझा किया कि पहली बार सांसद बनने के बाद, वे भगत सिंह के गांव खटकर कलां गए थे। जब वे वहां थे, तो उन्होंने कहा कि जैसे अतीत में जब लोग अंग्रेजों को सुनने के लिए बम फेंकते थे, तो वे हमेशा बोलते थे और अपनी पीली पगड़ी पहनते थे। अब, पीली पगड़ी उनकी पहचान का हिस्सा बन गई है।
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आज किसान की तरफ से करवाया जाएगा Toll Free! BKU संग्रह ने लिए बड़ा फैसला
आज पंजाब में किसान Toll Plaza का इस्तेमाल करने के लिए लोगों से पैसे नहीं लेंगे। कल वे आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के नेताओं के घरों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनकी योजना कुछ महत्वपूर्ण नेताओं के घरों के सामने मार्च निकालने की है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां नामक समूह के किसान ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे चावल की खरीद के तरीके से नाखुश हैं। वे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि समूह की 5 सदस्यीय टीम ने एक बड़ा फैसला किया है। उन्होंने तय किया कि किसान और मजदूर दिन-रात मार्च करते रहेंगे। किसानों और मजदूरों की कई महत्वपूर्ण मांगें हैं। इनमें से एक मांग यह है कि उचित मूल्य पर बिना रुके चावल की खरीद शुरू की जाए। इसके अलावा भी कई अन्य मांगें हैं, लेकिन देश की सत्ता पर काबिज भाजपा और राज्य की सत्ता पर काबिज आप दोनों ही सरकारें उन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही हैं। पंजाब के बाजारों में बहुत से लोग चावल नहीं खरीद रहे हैं, इसलिए भारतीय किसान यूनियन नामक एक समूह ने कार्रवाई करने का फैसला किया है। उन्होंने घोषणा की है कि 17 अक्टूबर से पंजाब में टोल बूथों पर टोल शुल्क नहीं लगेगा।
फिर, 18 अक्टूबर से वे अपनी आवाज बुलंद करने के लिए कुछ स्थानीय नेताओं के घरों के बाहर एक स्थायी स्थान बनाएंगे। किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र और पंजाब सरकारें उन किसानों की बात नहीं सुन रही हैं जो बड़ी कंपनियों की मदद करने वाले नए नियमों से नाखुश हैं। वे चाहते हैं कि गांवों के सभी किसान और मजदूर मिलकर सरकार के खिलाफ खड़े हों। उनका मानना है कि एकजुट होकर वे इन समस्याओं से लड़ सकते हैं।
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Ludhiana में हिंदू नेता के घर पर पेट्रोल बम से हमला, पहले भी हुआ था हमला
Ludhiana में एक हिंदू नेता के घर पर दो अजनबियों ने बम फेंका, जिससे उनकी कार को नुकसान पहुंचा। इससे आस-पास के सभी लोग डर गए। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है और आसपास के कैमरों की जांच कर रही है। शिव सेना भारत वंशी संगठन के नेता योगेश बख्शी ने बताया कि वह न्यू चंद्र नगर गली नंबर 3 में रहते हैं। गली में तेज आवाज सुनकर वह अपने घर के बाहर आए। उन्होंने देखा कि उनकी स्पेशल कार में आग लगी हुई है। बख्शी नाम के व्यक्ति ने बताया कि वह आग बुझाने में सफल रहे।
इसके बाद उन्होंने आस-पास के लोगों से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि कार में आग क्यों लगी है, लेकिन किसी के पास कोई जवाब नहीं था। जब उन्होंने घर के बाहर लगे सुरक्षा कैमरों को देखा, तो उन्हें मोटरसाइकिल पर दो युवक दिखाई दिए। योगेश के मुताबिक उपद्रवियों ने अपनी बाइक उनके घर से थोड़ी दूर खड़ी की और फिर उसमें आग लगाने के बाद पेट्रोल से भरी बोतल फेंकी। बख्शी ने बताया कि कांच की बोतल उनकी कार पर गिरी, जिससे उसमें आग लग गई। उन्होंने यह भी बताया कि 30 जुलाई को किसी ने उन्हें धमकी दी थी। उन्होंने इस बारे में पुलिस कमिश्नर से बात की और कई बार स्थानीय पुलिस से शिकायत की है। योगेश ने बताया कि उन्होंने पेट्रोल बम की घटना के बारे में पुलिस के उच्च अधिकारियों को बताया। जगतपुरी से पुलिस देर रात जांच करने आई थी। बख्शी पुलिस कमिश्नर से मांग कर रहे हैं कि ऐसा करने वालों को जल्द पकड़ा जाए।
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