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Israel-Hamas war : इजरायली सेना ने लिया बड़ा फैसला, हमास के 100 ठिकाने एक साथ होंगे तबाह

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इजराइल : इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इस बीच इजरायली सेना ने एक बड़ा फैसला लिया है। इजरायली सेना ने हमास के 100 ठिकानों को एक साथ तबाह करने का बड़ा प्लान बनाया है। इजरायली सैन्य हमलों में अब तक 17,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसलिए घायलों की संख्या नहीं गिनाई गई है। ऐसे में इजरायली सेना के नए प्लान से दुनिया चिंतित है। इजरायली सेना ने हमास पर पहले कृत्रिम हमले की तैयारी शुरू कर दी है। यह दुनिया के लिए चिंता का विषय है।

आतंकी संगठन को खत्म करने के मकसद से हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल में प्रवेश किया था। इसके जवाब में इजराइल ने पूरी गाजा पट्टी से आतंकवाद खत्म करने की कसम खाई। इजराइल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से शुरू हुआ युद्ध अब भी जारी है। हालाँकि, अब इज़राइल ने हमास को ख़त्म करने के उद्देश्य से दुनिया की पहली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) योजना बनाई है।

दुनिया इस सोच में डूबी हुई है कि यह एआई हमला, जो दुनिया में अपनी तरह का पहला हमला होगा, कितना घातक होगा। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल इस हमले के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के खास उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा है. उनके नाम गॉस्पेल अल्केमिस्ट और डेप्थ ऑफ विजडम हैं। ये सिस्टम लक्ष्य पर ताला लगाने और उसे नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। गाजा में हमास के साथ युद्ध में इन एआई टूल्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

पिछले हफ्ते इजरायली सेना ने गाजा में चल रहे युद्ध में ‘हब्सोरा’ नाम के एआई सिस्टम का इस्तेमाल किया था. इस प्रणाली का उपयोग बमबारी के लिए लक्ष्य चुनने, आतंकवादी ठिकानों का पता लगाने और संभावित हताहतों का अनुमान लगाने के लिए किया गया था। इन प्रणालियों का उपयोग सेना की ताकत बढ़ाने, उनके जीवन की रक्षा के लिए किया जाता है। सैनिकों को अधिक कुशल बनाने के अलावा, यह प्रणाली युद्ध की गति और घातक हमले करने की क्षमता को बढ़ाती है।

एआई सिस्टम खतरनाक
एआई सिस्टम युद्ध के दौरान गलतफहमी या गलत सूचना में योगदान दे सकता है। यह प्रणाली मनुष्यों को मशीन के निर्देशों पर अधिक निर्भर बनाती है। हैब्सोरा प्रणाली के प्रयोग से यह बात सामने आई है। इसी तरह, यह भी पता चला है कि हब्सोरा प्रणाली प्रति दिन 100 लक्ष्य तैयार कर सकती है।

दो साल पहले ही तैयारी कर ली गई थी
इज़राइल ने गाजा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में 2021 में ‘ऑपरेशन गार्डियंस ऑफ द वॉल’ शुरू किया। यह युद्ध 11 दिनों तक चला। इस युद्ध को ‘प्रथम AI युद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है। उपकरणों के डेटा का उपयोग गाजा में लक्ष्य पर हमला करने की लड़ाई में किया गया था।

‘गॉस्पेल’ कीमियागर प्रणाली क्या है?
सुसमाचार स्वचालित रूप से शत्रु को निशाना बना सकता है। यह AI सिस्टम अनिवार्य रूप से एक ही बार में हमलावरों के पूरे समूह को लक्षित कर सकता है। इन उपकरणों का उपयोग तेज़ गति से लक्ष्य तक पहुँचने के लिए किया जाता है। इसका मुख्य कार्य सिस्टम की सिफारिशों और किसी व्यक्ति द्वारा की गई पहचान से पूरी तरह मेल खाना है। ‘गॉस्पेल’ प्रणाली खुफिया जानकारी द्वारा प्रदान की गई जानकारी पर कार्य करती है।

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Kuwait की बिल्डिंग में भीषण आग लगने से 40 भारतीयों की हुई मौत, 30 से अधिक घायल

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Kuwait के मंगफ में बुधवार सुबह एक इमारत में भयानक आग लगने से 41 लोगों की मौत हो गई और 30 लोग घायल हो गए। मरने वालों में 40 भारतीय भी शामिल हैं. कुवैत में भारतीय दूतावास ने कहा कि आग की घटना में 30 से अधिक भारतीय कर्मी घायल हो गए। यह घटना मंगफ शहर में स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे हुई।

एक वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने रिपोर्ट के हवाले से स्टेट टीवी को बताया, “जिस इमारत में आग लगी, उसका इस्तेमाल श्रमिकों के लिए किया जाता था और वहां बड़ी संख्या में कर्मचारी थे।” अधिकारियों ने बताया कि कुवैत के दक्षिणी अहमदी प्रांत के मंगफ इलाके में बुधवार सुबह एक छह मंजिला इमारत की रसोई में आग लग गई| अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है| बताया जा रहा है कि इमारत में करीब 160 लोग रहते थे, जो एक ही कंपनी के कर्मचारी हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने घटना पर कहा, “कुवैत शहर में आग लगने की घटना दुखद है| मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है| मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं| कुवैत में भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और प्रभावितों की सहायता के लिए वहां के अधिकारियों के साथ काम कर रहा है| “

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, “कुवैत सिटी में आग लगने की घटना की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ| खबर है कि 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है| 50 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. हमारे राजदूत मौके पर गए हैं| हम आगे की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं.”

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टाइटैनिक फेमस एक्टर Bernard Hill का हुआ निधन, 79 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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फिल्म ‘टाइटैनिक’ में कैप्टन एडवर्ड स्मिथ का किरदार निभाने वाले अभिनेता Bernard Hill का 79 साल की उम्र में निधन हो गया है। हालाँकि, Bernard Hill की मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। खबरों के मुताबिक, अभिनेता के एजेंट लू कॉल्सन ने पुष्टि की कि रविवार 5 मई की सुबह उनका निधन हो गया। आखिरी वक्त में उनकी मंगेतर एलिसन उनके साथ मौजूद थीं |

मशहूर एक्टर Bernard Hill के निधन पर दुख जताते हुए बारबरा डिक्सन ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया और कैप्शन में लिखा, ‘बहुत दुख के साथ मैं Bernard Hill के निधन की खबर साझा कर रही हूं। हमने जॉन पॉल जॉर्ज रिंगो और बर्ट, विली रसेल के अमेज़िंग शो 1974-1975 में एक साथ काम किया।

सचमुच एक अद्भुत अभिनेता। आरआईपी Bernard Hill के निधन की खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसके बाद हॉलीवुड स्टार्स भी उनको अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं|

सोशल मीडिया के जरिए उनके फैंस ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं और उनके द्वारा निभाए गए किरदारों को एक बार फिर याद कर रहे हैं|

‘टाइटैनिक’ और ‘द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ (The Lord of the Rings) के अलावा बर्नार्ड हिल को ‘द स्कॉर्पियन किंग’, ‘द ब्वॉयज फ्रॉम काउंटी क्लेयर’, ‘गोथिका’, ‘विंबलडन’, ‘द लीग ऑफ जेंटलमेन एपोकैलिप्स’, ‘जॉय डिवीजन’, ‘सेव एंजेल होप’, ‘एक्सोडस’, ‘वाल्कीरी’ जैसी फिल्मों और सीरीज के लिए पॉपुलैरिटी मिली है।

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Deodorant : Deodornt के इस्तेमाल से ‘अहिंसा के मार्ग’ पर हिंसक भेड़ें, पालने वालों के दावे हैरान कर देंगे

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वही Deodorant जिसे ‘फिस-फिस’ करके लड़का लोग खुशबूदार बन कर घूमते हैं, ये सोच कर कि विज्ञापन की तरह असल जिंदगी में भी लड़कियां खुशबू से उनकी तरफ खिंची चली आएंगी. अमेरिका में इस स्प्रे का नाम Axe Body Spray है, तो कई दूसरे देशों में इसे Lynx कहा जाता है.

भेड़ चाल के बारे में तो सुना ही होगा. कहते हैं कि एक भेड़ अगर गड्ढे में जाकर गिर गई, तो बाकी सारी भेड़ें उसके पीछे-पीछे जाकर उसी गड्ढे में गिर जाएंगी. एक के पीछे चलते चले जाने के इस स्वभाव की वजह से कहावत बनी ‘भेड़ चाल’. लेकिन भेड़ें अपनी Aggression के लिए भी जानी जाती हैं, खास तौर पर नर भेड़ें. एक बार भिड़ जाएं तो छुड़ाना नामुमकिन हो जाता है. भेड़ पालने वाले कुछ भी कर लें वे पीछे हटने का नाम नहीं लेते. अब उन्हें शांत करने का एक Idea चर्चा का विषय बना हुआ है. दावा है कि ‘Lynx Body Spray’ से भेड़ें शांत रहने लगी हैं

वही डियोड्रेंट जिसे ‘फिस-फिस’ करके लड़का लोग खुशबूदार बन कर घूमते हैं, ये सोच कर कि विज्ञापन की तरह असल जिंदगी में भी लड़कियां खुशबू से उनकी तरफ खिंची चली आएंगी. America में इस स्प्रे का नाम Axe Body Spray है, तो कई दूसरे देशों में इसे Lynx कहा जाता है. Britain में भी लिंक्स कहते हैं. लेकिन यहां इसका इस्तेमाल सिर्फ लड़का लोग नहीं करते. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट की रिपोर्ट के मुताबिक Britain के कई किसान भेड़ों को लड़ने से रोकने के लिए, उन्हें शांत रखने के लिए लिंक्स फिस-फिस, मतलब इसका छिड़काव कर रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक Britain में किसानी करने वाली Sam Brice बताती हैं कि उन्हें “Ladies Who Lamb” नाम के एक Facebook Group से लिंक्स के ऐसे इस्तेमाल की जानकारी मिली थी. Bryce का कहना है कि Lynx की strong scent नर भेड़ों के उन hormones को एक तरह से Neutralizes कर देती है जो उनमें आपस में लड़ने की aggression पैदा करते हैं.

हालांकि ये सैम का निजी अनुभव है. वैज्ञानिक तौर पर ये कितना सही ये जांच का विषय होना चाहिए. अखबार ने इसे लेकर डियोड्रेंट बनाने वाली कंपनी यूनीलिवर से संपर्क किया था. लेकिन उसने ये कहकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि अब तक स्प्रे को जानवरों पर नहीं आजमाया गया है.

ब्राइस का दावा है कि लिंक्स के इस्तेमाल से उन्हें भेड़ों की टक्कर की समस्या से छुटकारा मिला है. वो बताती हैं कि इस डियोड्रेंट स्प्रे ने उनकी नर भेड़ों को शांत कर दिया है. अब वे बिना लड़ाई के साथ रहते हैं. डियोड्रेंट के बारे में बात करते हुए ब्राइस ने आगे कहा,

वे गुस्से में खुद को फुला लेती हैं और एक-दूसरे के सामने खड़े होकर घुरघुराने जैसा शोर मचाती हैं. ये काफ़ी इरिटेटिंग होता है. हालांकि इसका फायदा बस उनकी लड़ाई रोकने तक ही सीमित नहीं है. भेड़ें अपने बच्चों को उनकी गंध से पहचानती हैं. डियोड्रेंट की तेज़ गंध से उन्हें अपने बच्चों को पहचानने में और आसानी होती है.”

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