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Uttar Pradesh

यूपी में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए Yogi कैबिनेट का फैसला, FDI पॉलिसी में किया संशोधन

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Yogi सरकार ने दूसरे देशों की कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक अहम फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में हुई बैठक में इन कंपनियों के लिए निवेश को आसान बनाने के लिए कुछ नियमों में बदलाव करने पर सहमति बनी। अब विदेशी कंपनियां सिर्फ अपने फंड से ही नहीं, बल्कि दूसरे स्रोतों से भी पैसा ला सकती हैं। इस फैसले से राज्य में और ज्यादा पैसा और निवेश आने की उम्मीद है!

वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने योगी कैबिनेट द्वारा किए गए बदलावों के बारे में कुछ खबरें साझा कीं। 1 नवंबर 2023 को उन्होंने विदेशी निवेश को लेकर एक नियम को अपडेट किया। अब इस नियम का हिस्सा बनने के लिए किसी व्यक्ति या कंपनी को कम से कम 100 करोड़ रुपये निवेश करने होंगे। साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, शेयर खरीदने (जिसका मतलब है किसी कंपनी का एक छोटा हिस्सा खरीदना) में लगाया गया पैसा ही विदेशी निवेश माना जाएगा।

हमने नियमों में थोड़ा बदलाव किया है ताकि कंपनियों को सिर्फ अपने पैसे से ही नहीं, बल्कि दूसरे जगहों से भी पैसा मिल सके। सुरेश खन्ना ने बताया कि पहले कोई कंपनी सिर्फ अपने पैसे से ही विकास कर सकती थी, लेकिन अब वे दूसरे जगहों से भी उधार ले सकती हैं। अगर किसी कंपनी के पास खुद का पैसा बहुत कम (जैसे 10%) है और बाकी (90%) उसे लोन या दूसरी मदद से मिलता है, तो भी हम उनकी मदद करेंगे।

मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नियमों के एक सेट का नया नाम है, जिसे फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट और फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि जब दूसरे देशों की कंपनियां यहां पैसा लगाना चाहती हैं, तो वे इसके लिए अलग-अलग तरीके अपना सकती हैं, जैसे खास तरह के लोन और पैसे वापस करने का वादा। इससे विदेशी कंपनियों से हमारे देश में और पैसा आने में मदद मिलती है।

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