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Uttar Pradesh

Saharanpur में अवैध टायर फैक्ट्रियों से जहरीला धुआं, प्रशासन बेखबर

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Saharanpur में पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो रही अवैध टायर फैक्ट्रियों का मामला सामने आया है। एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा पराली और फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध के बावजूद, यहां दर्जनों अवैध फैक्ट्रियां रात के अंधेरे में पुराने टायर जलाकर तेल, तार और कार्बन पाउडर निकालने का काम कर रही हैं। यह न केवल पर्यावरण को जहरीली गैसों से दूषित कर रहा है, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल रहा है।

फैक्ट्रियां बन रही गंभीर बीमारियों का कारण
शहर से 10 किलोमीटर दूर शंकलापुरी, खुबनपुर, शाहपुर कदीम समेत कई गांवों में टायर जलाने वाली फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं सांस, आंखों और फेफड़ों की बीमारियां फैला रहा है। कैंसर, अस्थमा और टीबी जैसी घातक बीमारियों का प्रकोप ग्रामीणों में बढ़ता जा रहा है। ग्राम प्रधान जावेद के अनुसार, पिछले 12 वर्षों से ये फैक्ट्रियां गांव के पास चल रही हैं।

रात में चलती हैं सील फैक्ट्रियां
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रदूषण विभाग द्वारा सील की गई फैक्ट्रियां भी रात के अंधेरे में संचालित हो रही हैं। प्रधान संगठन के अध्यक्ष संजय वालिया ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब किसानों पर पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई होती है, तो इन फैक्ट्रियों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती?

टायर जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण
पर्यावरणविद् डॉ. एसके उपाध्याय ने बताया कि टायर जलाने से निकलने वाली जहरीली गैसें जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड हवा को प्रदूषित करती हैं। यह धुआं फेफड़ों के कैंसर, अस्थमा और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

अवैध टायर ऑयल प्लांट का बड़ा कारोबार
सहारनपुर में 10 से अधिक अवैध टायर ऑयल प्लांट हैं, जिनका सालाना टर्नओवर 500 करोड़ रुपये से अधिक है। ये प्लांट 24 घंटे में लगभग 5000 लीटर टायर ऑयल का उत्पादन करते हैं, जिसे फैक्ट्रियों और ईंट भट्टों में सस्ते ईंधन के तौर पर बेचा जाता है।

प्रशासन बेखबर
जब इस मामले पर जिलाधिकारी मनीष बंसल से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि ये फैक्ट्रियां उनकी जानकारी में नहीं हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि प्रदूषण फैलाने की शिकायत मिलेगी, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों का सवाल है कि सरकार और प्रशासन कब इन अवैध फैक्ट्रियों पर ठोस कदम उठाएगा और उन्हें उनके हकदार स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार दिलाएगा।

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