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Uttar Pradesh

Sambhal कूच पर सियासी घमासान, सपा नेताओं को रोका गया

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उत्तर प्रदेश के Sambhal में हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। सपा के नेता संभल के पीड़ितों से मिलने के लिए कूच करने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। इस दौरान कई सपा नेताओं को घर में नजरबंद किया गया, तो कुछ को हाईवे पर रोककर थाने ले जाया गया।

सपा नेताओं का संभल जाने पर प्रतिबंध
लखनऊ में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को पुलिस ने उनके घर से बाहर नहीं निकलने दिया। वह अपनी गाड़ी में बैठ चुके थे, लेकिन पुलिस ने नोटिस दिखाकर उन्हें रोक दिया। वहीं, सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को भी संभल जाने से मना कर नजरबंद कर दिया गया।

हाईवे पर रोके गए वरिष्ठ नेता
दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे 9 पर पुलिस ने सपा विधायक कमाल अख्तर, सपा विधायक पिंकी यादव और जिला अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को रोका और मूंढापांडे थाना ले गई। इन नेताओं का कहना है कि उन्हें पीड़ित परिवारों से मिलने से रोककर प्रशासन उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है।

यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर सख्ती
गाजीपुर बॉर्डर पर सपा सांसद हरेंद्र मलिक को पुलिस ने रोक दिया। इसी तरह, मुरादाबाद से सपा सांसद जिया-उर-रहमान-बर्क का काफिला भी संभल की ओर बढ़ने से पहले ही रोक लिया गया।

Sambhal हिंसा के पीड़ितों से मिलने की कोशिश
सपा के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को संभल हिंसा के पीड़ितों से मिलने जाना था, लेकिन जिला प्रशासन ने इसे अनुमति नहीं दी। डीएम ने खुद नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को फोन कर इस दौरे को टालने का अनुरोध किया। इसके बावजूद सपा नेताओं ने संभल कूच की कोशिश की, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया।

सियासी बयानबाजी तेज
सपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जाकर पीड़ित परिवारों से मिलना उनका संवैधानिक अधिकार है, लेकिन प्रशासन उन्हें रोककर अन्याय कर रहा है।

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उत्तर प्रदेश: Invertis University में दो आत्महत्याओं से हड़कंप, छात्रों की सुरक्षा पर उठे सवाल

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बरेली स्थित Invertis University में एक हफ्ते के भीतर दो छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं ने सभी को झकझोर दिया है। रविवार को बीसीए प्रथम वर्ष की छात्रा ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। इसके पांच दिन पहले बीसीए फोर्थ ईयर के छात्र ने भी आत्महत्या कर ली थी। इन घटनाओं ने छात्रों की मानसिक स्थिति, विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी और सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रथम वर्ष की छात्रा ने की आत्महत्या

सोमवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि गर्ल्स हॉस्टल में निहारिका नाम की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। निहारिका शाहजहांपुर जिले के खुटार कस्बे की रहने वाली थी। साथी छात्राओं ने उसे कमरे में फंदे पर लटका पाया और तुरंत प्रशासन और पुलिस को जानकारी दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल आत्महत्या के कारण स्पष्ट नहीं हैं। पुलिस ने निहारिका के परिवार को सूचना दे दी है।

पांच दिन पहले फाइनल ईयर के छात्र ने की थी आत्महत्या

इससे पहले, बीसीए फोर्थ ईयर के छात्र अभिषेक यादव ने भी हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अभिषेक औरैया जिले के निवासी थे। परिवार ने आत्महत्या के लिए उत्पीड़न को जिम्मेदार ठहराया था। दोस्तों के अनुसार, अभिषेक कई दिनों से मानसिक तनाव में था।

विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल

दो आत्महत्याओं के बाद छात्रों में भय का माहौल है। अभिभावकों ने प्रशासन पर छात्रों की भावनात्मक और मानसिक समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। इन घटनाओं ने विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं की गंभीर कमी को उजागर किया है।

अभिभावकों और छात्रों की मांग

छात्रों और अभिभावकों ने इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाबदेही और ठोस कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए और हॉस्टल में सुरक्षा प्रबंधन को मजबूत किया जाए।

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सुल्तानपुर डकैती कांड, इनामी Mangesh Yadav एनकाउंटर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से नए खुलासे

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सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी और 1 लाख रुपये के इनामी Mangesh Yadav के एनकाउंटर को लेकर सवाल उठने के बाद अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में मंगेश को दो गोलियां लगने की पुष्टि हुई है, साथ ही उसके शरीर पर कुल 5 चोटों का उल्लेख किया गया है।

मंगेश को दो गोलियां लगीं, पहली गोली बाएं माथे के ऊपर, जो सिर के पीछे से दाहिनी तरफ निकल गई। दूसरी गोली बाएं हाथ की कोहनी से 5 सेंटीमीटर ऊपर लगी। शरीर पर बाईं छाती में गोली छूकर निकलने का निशान पाया गया। रिपोर्ट में तीन एग्जिट वाउंड (गोली के बाहर निकलने के घाव) का जिक्र किया गया है।

एनकाउंटर: क्या हुआ था उस दिन?

5 सितंबर की सुबह, सुल्तानपुर देहात कोतवाली क्षेत्र में यूपी एसटीएफ ने मंगेश यादव का एनकाउंटर किया।घटना का समय: सुबह 3:15 बजे। एनकाउंटर के बाद मंगेश को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां 3:20 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस और एसटीएफ पर कई सवाल उठाए गए। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे संदिग्ध बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी।

डकैती कांड का मामला

28 अगस्त को सुल्तानपुर जिले के चौक बाजार स्थित भारत ज्वैलर्स पर दिनदहाड़े डकैती हुई थी।बदमाशों ने करोड़ों रुपये के गहनों पर हाथ साफ किया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों की पहचान की और कार्रवाई शुरू की। इस दौरान, दो आरोपियों का एनकाउंटर हुआ, जबकि दर्जनभर से अधिक गिरफ्तारियां हुईं। मंगेश यादव, जो इस मामले का मुख्य आरोपी था, पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

एनकाउंटर पर उठे सवाल

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि मंगेश को दो गोलियां मारी गईं और उसकी मौत गोली लगने से हुई। हालांकि, रिपोर्ट के बावजूद इस एनकाउंटर की पारदर्शिता पर सवाल बने हुए हैं।

समाजवादी पार्टी ने इसे संदिग्ध बताते हुए कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पुलिस और एसटीएफ पर आरोप हैं कि मंगेश का एनकाउंटर पूर्व-नियोजित था।

क्या होगी निष्पक्ष जांच?

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने एनकाउंटर की परिस्थितियों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि इस मामले की सीबीआई जांच की मांग पर सरकार क्या फैसला लेती है और मंगेश यादव के एनकाउंटर से जुड़े विवादों पर आगे क्या खुलासे होते हैं।

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Meerut : शाही निकाह में करोड़ों की बारिश, वीडियो वायरल

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Meerut में एक भव्य निकाह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पैसों की ऐसी बेतहाशा बारिश हुई कि देखने वाले दंग रह गए। इस शाही शादी ने चर्चा का विषय बनते हुए कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

शाही अंदाज में निकाह

यह शाही शादी मेरठ बाईपास रोड पर स्थित एक महंगे रिसोर्ट में आयोजित हुई। गाजियाबाद से बारात मेरठ पहुंची, जहां दुल्हन के परिवार ने सूटकेस भरकर कैश लाया। वायरल वीडियो में दूल्हे पर 2.56 करोड़ रुपये की बारिश होते देखी जा सकती है।

रस्मों पर लाखों का खर्च

शादी की हर रस्म में बेतहाशा खर्च किया गया:

जूता चुराई की रस्म में 11 लाख रुपये दिए गए।

निकाह पढ़ाने वाले काजी को 11 लाख रुपये भेंट किए गए।

मस्जिद को दान में 8 लाख रुपये दिए गए।
इसके अलावा दूल्हे को 75 लाख रुपये गाड़ी के लिए और अन्य शाही उपहार दिए गए।

कैश की नुमाइश

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सारा पैसा कैश में दिया गया। रस्मों के दौरान कई लोग इस अनोखे आयोजन की वीडियो रिकॉर्डिंग करते दिखे। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर इस शादी को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

कुछ लोगों ने इसे दिखावटी खर्च बताया और इसे समाज में अमीरी के प्रदर्शन का उदाहरण कहा।

कई लोगों ने कैश लेन-देन पर कानूनी सवाल खड़े किए।

शाही शादी या दिखावा?

इस शाही शादी ने जहां भव्यता का प्रदर्शन किया, वहीं यह भी सवाल उठे कि इस तरह का धन-प्रदर्शन क्या वाकई शादी का हिस्सा होना चाहिए? या यह सिर्फ अमीर वर्ग की नुमाइश बनकर रह गया है?

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