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Uttar Pradesh

UP में सड़क हादसों के बीच बढ़ती लापरवाही, कन्नौज में 15 सवारियों से भरा ऑटो, यातायात प्रभारी ने काटा चालान

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UP में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या में लोग रोज़ अपनों को खो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद सड़क पर लापरवाही कम नहीं हो रही है। डग्गामार वाहन और ऑटो वाले मनमानी करते हुए सवारियां भर रहे हैं। हाल ही में कन्नौज में एक वीडियो सामने आया, जिसमें एक ऑटो में चालक समेत 15 सवारियां बैठी थीं, और उस ऑटो को देख ट्रैफिक पुलिस भी हैरान हो गई।

जीटी रोड और तिर्वा रोड पर चेकिंग के दौरान हुआ खुलासा
रविवार को यातायात प्रभारी ने जीटी रोड और तिर्वा रोड पर चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान जब यातायात प्रभारी ने एक ऑटो को रोका और उसमें बैठी सवारियों को गिना, तो देखा कि उस ऑटो में कुल 16 लोग सवार थे, जिसमें चालक भी शामिल था। ट्रैफिक पुलिस को देख ऑटो चालक ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि वह दिव्यांग हैं और उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही थी।

सवारियों से भरने के बाद भी चालक को नहीं हो रही थी कोई परेशानी
यातायात प्रभारी ने ऑटो चालक से हाथ जोड़ने को मना किया और फिर उसे आदेश दिया कि वह सभी सवारियों को बैठाए। इसके बाद जब चालक ने सभी सवारियों को बैठा लिया, तो यातायात प्रभारी ने देखा कि चालक को ऑटो नियंत्रित करने में दिक्कत हो रही थी। फिर भी वह इतनी सवारियों को लेकर जा रहा था, जो यात्रियों और चालक की सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बन सकता था।

ऑटो चालक पर 7,000 रुपये का चालान और चेतावनी
यातायात प्रभारी ने चालक को समझाया और सभी सवारियों को सुरक्षित बैठाने के बाद उसके खिलाफ 7,000 रुपये का चालान काटा। साथ ही, चालक को चेतावनी दी कि अगर उसने भविष्य में फिर से ऐसा किया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यातायात प्रभारी ने कहा कि इतनी सवारियों के साथ ऑटो चलाना खतरनाक है और यह दूसरों की जान को जोखिम में डालता है।

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इस शख्श को Vande Bharat में बैठाना पड़ा महंगा, 2870 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक पिता को अपने बेटे को Vande Bharat ट्रेन में बैठाने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे बंद हो गए, जिससे पिता को दिल्ली तक का सफर करना पड़ा और 2870 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ा। इस घटना के बाद रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन के दरवाजों को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है।

कानपुर निवासी रामविलास यादव अपने बेटे को वंदे भारत एक्सप्रेस में बैठाने के लिए कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। प्लेटफॉर्म नंबर एक पर वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच नंबर C-6 में बेटे को उसकी सीट पर बैठाने के दौरान ट्रेन के दरवाजे बंद होने का अलर्ट दिया गया। जब तक रामविलास यादव बाहर निकलते, ट्रेन का दरवाजा लॉक हो गया। इसके बाद चेकिंग स्टाफ ने उन्हें बिना टिकट यात्रा करने का आरोप लगाते हुए 2870 रुपये का जुर्माना वसूला। इसके अलावा, उन्हें बेवजह दिल्ली तक का सफर भी करना पड़ा, क्योंकि ट्रेन कानपुर के बाद सीधे नई दिल्ली तक जाती है।

जानकारी के अनुसार, कानपुर से नई दिल्ली के बीच वंदे भारत ट्रेन का किराया 1830 रुपये है, लेकिन जुर्माने के रूप में रामविलास को 1039 रुपये और चुकाने पड़े। इस घटना के बाद रेलवे ने वंदे भारत के दरवाजों के सुरक्षा फीचर्स को लेकर बयान जारी किया। रेलवे के मुताबिक, वंदे भारत ट्रेन में सेंसर वाले दरवाजे लगाए गए हैं, जो ट्रेन के चलने से पहले ही बंद हो जाते हैं। इसलिए, केवल वही लोग ट्रेन में चढ़ें जिन्हें यात्रा करनी है, और परिजनों को प्लेटफॉर्म पर ही रहना चाहिए, ट्रेन में नहीं चढ़ना चाहिए।

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Mainpuri के करहल में दलित युवती की हत्या, सपा को वोट देने से मना करने पर हत्या का आरोप

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Mainpuri के करहल में आज मतदान के बीच एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक दलित युवती की कथित रूप से रेप के बाद हत्या कर दी गई है। युवती का शव नग्न अवस्था में मिला है, और आरोप है कि उसे समाजवादी पार्टी (सपा) को वोट देने से मना करने पर हत्या की गई।

पीड़ित परिवार का आरोप
पीड़ित परिवार का कहना है कि एक दिन पहले युवती को इस मामले को लेकर धमकी मिली थी। कल दो लोग युवती को जबरन बाइक पर बैठाकर ले गए थे, और आज उसका शव करहल थाना क्षेत्र के कंजरा नदी पुल के पास मिला। युवती के परिजनों का आरोप है कि सपा को वोट देने के लिए दबाव बनाने के बाद जब युवती ने भाजपा को वोट देने की बात की, तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी।

युवती के पिता का बयान
मृतक युवती के पिता का कहना है कि तीन दिन पहले वे अपनी बेटी के साथ कहीं जा रहे थे, तभी एक नेता ने उनसे कहा कि सपा को वोट देना है। इसके जवाब में उनकी बेटी ने कहा कि “हमारा वोट तो भाजपा को जाएगा।” इस पर उस नेता और उसके साथियों ने युवती को धमकी दी थी।

पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
पुलिस ने युवती का शव कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को इस मामले में रेप की भी आशंका है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस इस घटना की जांच कर रही है, और इस हत्याकांड ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है।

परिजनों का गुस्सा
परिजनों का कहना है कि पुलिस की कार्यशैली को लेकर उनका गुस्सा बढ़ गया है, और वे मामले में न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है।

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सपा की चुनाव आयोग को चिट्ठी: मुस्लिम महिलाओं के बुर्के हटवाने पर रोक की अपील, Maulana Shahabuddin बरेलवी ने किया समर्थन

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समाजवादी पार्टी (सपा) ने चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखकर अपील की है कि पुलिस को मुस्लिम महिलाओं के बुर्के हटवाकर उनकी जांच करने से रोका जाए। सपा की इस अपील को बरेली से ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष Maulana Shahabuddin बरेलवी ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने जो मांग चुनाव आयोग से की है, वह पूरी तरह सही है।

Maulana Shahabuddin बरेलवी ने कहा, “अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर यह कहा है कि मुस्लिम महिलाओं के बुर्के न उतरवाए जाएं और उन्हें जांच के दौरान सहयोग दिया जाए। यह पत्र बिल्कुल सही लिखा गया है। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान कई जगहों पर मुस्लिम महिलाओं के बुर्के उतरवाए गए और पुरुषों ने उनकी जांच की। यह कानूनी रूप से गलत है।”

Maulana Shahabuddin ने सपा की चिट्ठी का समर्थन किया
Maulana Shahabuddin ने आगे कहा, “पूरी दुनिया जानती है कि बुर्का महिलाओं के लिए एक धार्मिक पहनावा है, जिसे वे पर्दे के लिए पहनती हैं। कुछ महिलाएं घूंघट भी करती हैं, इसलिए उनका सम्मान किया जाना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि हर पोलिंग बूथ पर एक महिला कर्मचारी का इंतजाम किया जाए, जो महिलाओं की जांच कर सके। इस प्रक्रिया में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि सपा ने जो पत्र चुनाव आयोग को लिखा है, वह पूरी तरह सही है। उन्होंने अपने पत्र में जो चिंता व्यक्त की है, वह जायज है। मौलाना ने चुनाव आयोग से अपील की कि वे इस पर ध्यान दें और हर बूथ पर महिला कर्मी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

सपा की मांग पर चुनाव आयोग ने जारी किया दिशा-निर्देश
सपा ने उपचुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पुलिस द्वारा बुर्का हटवाकर महिलाओं की जांच करने की मांग की थी, जिससे मुस्लिम महिलाएं डर जाती हैं। सपा ने इस मुद्दे को पिछले लोकसभा चुनाव का उदाहरण देकर उठाया था।

इस पर चुनाव आयोग ने सभी पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने कहा कि मतदाता पहचान पत्र की जांच का अधिकार सिर्फ पीठासीन अधिकारी और उनकी टीम को है, पुलिस को वोटरों की पहचान नहीं पूछने का अधिकार नहीं है। पुलिस का काम केवल पोलिंग बूथ पर सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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