Uttar Pradesh
UP Crime : नौकर ने कारोबारी को पीट- पीटकर मार डाला, घर से जेवर और नकदी भी किया चोरी
Agra: यूपी के आगरा से एक ताज़ा मामला सामने आया है | जहां एक कर्मचारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कारोबारी पर हमला कर दिया | इन हमलावरों ने कारोबारी के घर जाकर उसकी लाठी-डंडो से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घ्याल हो गए | इतना ही नहीं उन हमलावरों ने वारदात को अंजाम देने के बाद कारोबारी के घर स जेवर और नकदी भी लूट ले गए |
वहीं पुलिस ने कल यानि सोमवार को बताया कि इस मामले में केस दर्ज़ कर लिया गया है और बदमाशों की तलाश की जा रही है | पुलिस ने इस मामले में बताया की यह घटना हरिपर्वत पुलिस थाना इलाके की विजय नगर कॉलोनी में कारोबारी दिलीप गुप्ता के घर पर हुई है |
जानकारी के मुताबिक, सोमवार की शाम दिलीप गुप्ता की दुकान उन्होंने बताया कि सोमवार की शाम दिलीप गुप्ता की दुकान पर काम करने वाला शख्स अपने कुछ साथियों के साथ उनके घर में घुस गया और कथित तौर पर दंपति की पिटाई की, जिसमें वे घायल हो गए. उन्होंने बताया कि भागने से पहले उन्होंने कथित तौर पर घर में लूटपाट भी की |
पुलिस ने बताया कि घटना के बाद दंपति को आगरा के एक अस्पताल ले जाया गया जहां कारोबारी को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और उनकी पत्नी को इलाज के लिए भर्ती कराया गया. उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी पिछले चार साल से गुप्ता की दुकान पर काम कर रहा था |
पुलिस ने बताया की करबारी के बेटे के शिकायत के आधार पर कार्यकर्त्ता और उनके दोस्तों के खिलाफ मामला दर्ज़ कर जाँच शुरू कर दी है |
Uttar Pradesh
Bihar के हत्या आरोपी, साधु के भेष में लूट करते गोरखपुर में गिरफ्तार
Bihar में हत्या के आरोपी, साधु के भेष में गोरखपुर में लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। तारामंडल के यशोधरा कुंज इलाके में एक महिला से लूट करने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान बिहार के जहानाबाद जिले के काको थाना क्षेत्र के हाजीपुर नदियावा निवासी पारस नट उर्फ लाठौर, गेंहरी नट, मारकण्डेय नट और परमिला उर्फ संतरा के रूप में हुई है। परमिला जोगी उर्फ योगी नट की पत्नी है, जबकि जोगी और पारस नट अगस्त में बिहार में हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। पुलिस अब जोगी की तलाश में जुटी है।
लूट की घटना का तरीका
19 नवंबर को यशोधरा कुंज की निवासी साधना सिंह ने रामगढ़ताल थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 10 बजे, दो अज्ञात व्यक्ति उनके कमरे के सामने भीख मांगने के लिए आए। ये दोनों साधु के भेष में थे और कामाख्या देवी के नाम पर कुछ चावल देने के बहाने उनके गहनों को चुराने का प्रयास कर रहे थे। आरोपितों ने चावल के साथ उनका मंगलसूत्र, कान की बालियां और अंगूठी रखवा दी और दावा किया कि इससे उनके धन में वृद्धि होगी।
कुछ देर बाद जब महिला ने चावल के साथ रखी पोटली खोली, तो उसमें मिट्टी जैसा पदार्थ निकला। शोर मचाने पर वही गिरिजा देवी नाम की महिला भी वहां आईं और बताया कि उनके साथ भी यही घटना घटी थी।
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी साधु के भेष में घूमते थे और महिलाओं को झांसा देकर उनके गहनों को चुराते थे। गिरफ्तार आरोपितों से पुलिस ने दो मंगलसूत्र, एक जोड़ी कान की बालियां, 27 ताबीज, 14 पीली धातु, चार अंगूठियां और 40 सफेद धातु की अंगूठियां बरामद की हैं।
पुलिस ने आरोपितों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है, जबकि फरार आरोपित जोगी उर्फ योगी नट की गिरफ्तारी के लिए एक टीम उसकी तलाश कर रही है।
Uttar Pradesh
सपा अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में आउटसोर्सिंग भर्तियों पर सरकार पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए हो रही भर्तियों पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इस मामले में व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा को अपनी पूरी सरकार को आउटसोर्स कर देना चाहिए, ताकि सभी कमीशन एक ही जगह से और एक साथ मिल सके।
गोरखपुर नगर निगम ने 18 नवंबर को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इन महत्वपूर्ण पदों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से आवेदन मांगे गए थे। इन पदों के लिए 7 दिसंबर तक आवेदन की अंतिम तिथि रखी गई है। तहसीलदार को 35 हजार रुपये, नायब तहसीलदार को 30 हजार रुपये, राजस्व निरीक्षक को 29 हजार रुपये और लेखपाल को 27 हजार रुपये मानदेय देने की बात कही गई है। नगर निगम का कहना है कि कार्यभार अधिक होने के कारण सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को इन पदों पर नियुक्त किया जाएगा।
अखिलेश यादव ने इस निर्णय का विरोध करते हुए इसे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के खिलाफ एक आर्थिक साजिश करार दिया। उन्होंने भाजपा से इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि सरकार का यह कदम नौकरी और आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को छीनने जैसा है। उन्होंने इसे निंदनीय बताया और कहा कि इस तरह की नौकरियों का विरोध उन्होंने पहले भी किया था।
इसके अलावा, अखिलेश यादव ने गुरुवार को उपचुनावों के परिणामों के बाद प्रदेशवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी। उन्होंने प्रशासनिक दबाव के बावजूद मतदान के दौरान प्रदेश की जनता का हौसला बनाए रखने के लिए सभी का धन्यवाद किया। अखिलेश ने कहा कि नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भाजपा के खिलाफ पीडीए की एकजुटता, सम्मान और अधिकारों के लिए थे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद पीडीए ने नैतिक रूप से सभी नौ सीटों पर जीत हासिल की है।
अखिलेश यादव ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने वोट की रक्षा करें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर जनसेवा में जुट जाएं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों और पत्रकारों को भी शुभकामनाएं दी।
Uttar Pradesh
यूपी उपचुनाव: Ghaziabad में वोटिंग में सबसे कम दिलचस्पी, सिर्फ 33.3% मतदान
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान संपन्न हो गया। चुनाव आयोग के अनुसार, इन चुनावों में औसत मतदान 49.3% दर्ज किया गया। हालांकि, Ghaziabad विधानसभा सीट पर सबसे कम वोटिंग रही, जहां मात्र 33.3% लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
Ghaziabad में सबसे कम वोटिंग
Ghaziabad में बुधवार को 507 बूथों पर मतदान हुआ। छुट्टी के बावजूद, इस सीट पर मतदाताओं ने वोटिंग में खास रुचि नहीं दिखाई। 2022 के विधानसभा चुनावों में यहां 51.78% और 2017 में 53.27% मतदान हुआ था। लेकिन इस बार, केवल एक-तिहाई मतदाता ही घरों से बाहर निकले।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद का यह प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, खासकर जब इसे मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से तुलना की जाए, जहां 57.32% मतदान हुआ।
अन्य सीटों पर वोटिंग का हाल
अन्य सीटों पर मतदान प्रतिशत बेहतर रहा।
सीसामऊ: 49.03%
मझावां: 50.41%
मीरापुर: 57.02%
खैर: 46.35%
फूलपुर: 43.43%
करहल: 53.92%
कटेहरी: 56.69%
Ghaziabad सीट का राजनीतिक परिदृश्य
यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। 2022 में, भाजपा के अतुल गर्ग ने यहां जीत दर्ज की थी। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई, जिसके चलते उपचुनाव कराए गए। भाजपा ने इस बार संजीव शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। उनके खिलाफ सपा ने सिंहराज जाटव और बसपा ने पीएन गर्ग को मैदान में उतारा है।
कम वोटिंग का कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि उपचुनाव में आमतौर पर मतदान कम होता है। गाजियाबाद में इसका प्रभाव और ज्यादा दिखा क्योंकि यह क्षेत्र कामकाजी लोगों का है। यहां के अधिकांश मतदाता छुट्टी के दिन भी मतदान के बजाय आराम करना या दिन को मनोरंजन के तौर पर बिताना पसंद करते हैं।
नतीजों का इंतजार
गाजियाबाद समेत नौ सीटों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। देखना दिलचस्प होगा कि इस कम मतदान का असर चुनाव परिणामों पर कितना पड़ता है।
-
Uttar Pradesh3 days ago
महामना के पुत्र न्यायमूर्ति Giridhar Malviya का निधन, देश ने खोया एक महान समाजसेवी
-
Haryana3 days ago
Cyber Fraud के दो मामलों से हड़कंप, आवाज और टास्क के झांसे में फंसे लोग
-
Punjab2 days ago
Punjab में 83 हजार पंचों का शपथ ग्रहण, 19 जिलों में आयोजित होंगे सम्मेलन
-
Uttar Pradesh2 days ago
विक्रांत मैसी ने की CM Yogi से मुलाकात, ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की हो रही चर्चा
-
Uttar Pradesh2 days ago
Kanpur-लखनऊ हाईवे पर 20 नवंबर से 10 दिसंबर तक यातायात बाधित, जानिए डायवर्जन प्लान
-
Haryana2 days ago
Haryana: वकील बनने की चाहत में छात्र ने की नकल, हाईकोर्ट ने दी सख्त सजा
-
Haryana3 days ago
Haryana में गरीबों की संख्या बढ़ने पर सियासी संग्राम, कांग्रेस गरीबों की संख्या बढ़ने को बता रही भाजपा का चुनावी खेल- हुड्डा
-
Punjab2 days ago
Mohali में हुआ दर्दनाक हादसा, थार पलटने से युवक की मौके पर हुई मौत