Uttar Pradesh
Meerut में मुठभेड़: 50 हजार के इनामी अपराधी सोनू मटका का अंत
शनिवार तड़के उत्तर प्रदेश के Meerut जिले में पुलिस और कुख्यात अपराधी के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें 50,000 रुपये का इनामी बदमाश अनिल उर्फ सोनू मटका मारा गया। सोनू मटका हाशिम बाबा गिरोह का सदस्य था और दिल्ली-उत्तर प्रदेश में हत्या और डकैती जैसे कई संगीन मामलों में वांछित था।
दिल्ली में हत्या का मुख्य आरोपी
सोनू मटका 31 अक्टूबर को दिवाली की रात दिल्ली के फर्श बाजार में हुई हत्या का मुख्य आरोपी था। उस रात आकाश शर्मा और उनके भतीजे ऋषभ को घर के बाहर पटाखे फोड़ते समय गोली मार दी गई थी। घटना के बाद एक आरोपी पकड़ा गया था, जिसने खुलासा किया कि सोनू ही हमले का शूटर था।
मेरठ के टीपी नगर थाना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पुलिस के एसटीएफ और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने संयुक्त अभियान चलाया। मटका मोटरसाइकिल पर यात्रा कर रहा था। जब पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया, तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गया| इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
हथियार और अन्य सबूत बरामद
मौके से दो अत्याधुनिक पिस्तौल और 10 कारतूस बरामद किए गए। मटका पर 50,000 रुपये का इनाम था, और वह दिल्ली और यूपी के कई लूट और हत्या के मामलों में वांछित था।
1.5 करोड़ की डकैती में भी शामिल
सोनू मटका का नाम दिल्ली के करोल बाग में 7 अक्टूबर को एक कार्यालय से 1.5 करोड़ रुपये की डकैती में भी सामने आया था। इसके अलावा, लाहौरी गेट में एक और डकैती के मामले में भी वह मुख्य आरोपी था।
पुलिस का बयान
मेरठ पुलिस ने कहा,”सोनू मटका एक शातिर अपराधी था, जो लगातार पुलिस को चकमा देकर भाग रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा था। मुठभेड़ में उसे मार गिराया गया है और जांच जारी है।”
अपराधी का अंत, लेकिन सवाल बाकी
सोनू मटका की मौत से हाशिम बाबा गिरोह को झटका लगा है। हालांकि, यह घटना कई सवाल खड़े करती है—क्या पुलिस इस गिरोह की जड़ों तक पहुंच पाएगी? और क्या मटका के मारे जाने से दिल्ली-एनसीआर में अपराध कम होंगे?