Uttar Pradesh
संभल हिंसा: Jama Masjid सर्वे के बाद भड़की हिंसा की साजिश का खुलासा, सपा सांसद और विधायक के बेटे पर आरोप
उत्तर प्रदेश के संभल में Jama Masjid के सर्वे के बाद रविवार को भड़की हिंसा की सच्चाई अब सामने आने लगी है। पुलिस की FIR के मुताबिक, यह हिंसा एक सुनियोजित साजिश के तहत भड़काई गई थी, जिसमें भीड़ को उकसाकर पुलिस पर हमला किया गया और उनसे पिस्टल, टीयर गन और कारतूस लूटे गए। जानलेवा हमला भी किया गया। इस हिंसा में अब तक सात FIR दर्ज की गई हैं, और सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क और स्थानीय विधायक इक़बाल महमूद के बेटे सुहैल इक़बाल को नामजद आरोपी बनाया गया है।
साजिश और पुलिस पर हमला
एफआईआर में बताया गया है कि रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के बाद जब पुलिस टीम वहां से लौटने वाली थी, तो सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र हो गए। पुलिस ने उन्हें कोर्ट के आदेश का हवाला देकर वहां से हटने की अपील की, लेकिन नमाज के बाद सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने बिना प्रशासनिक अनुमति के भीड़ को एकत्रित किया और भड़काऊ बयान दिए। उनका उद्देश्य राजनीतिक लाभ लेना था और उन्होंने भीड़ को उकसाया।
इसके बाद, विधायक के बेटे सुहैल इक़बाल ने भी सर्वे की कार्रवाई में बाधा डालने के लिए भड़काऊ बयान दिए। उन्होंने कहा कि “जिया उर रहमान बर्क हमारे साथ है, हम तुम्हारे साथ हैं, हम तुम्हारा कुछ भी नहीं होने देंगे, अपने मंसूबे पूरे करो।” इस बयान के बाद भीड़ उग्र हो गई।
भीड़ का हमला और लूट
एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि जैसे-जैसे सर्वे का कार्य जारी था, भीड़ उग्र होती गई। पुलिस ने भीड़ को समझाया कि बीएनएस की धारा 163 के तहत पांच से ज्यादा लोग एकत्र नहीं हो सकते, लेकिन भीड़ ने पुलिस की बातों को नजरअंदाज किया और हमला करने के लिए तैयार हो गई। पुलिस के पास पहुंचकर, भीड़ ने नाम लेकर पुलिसवालों से हथियार छीनने की कोशिश की। इस दौरान, दरोगा की पिस्टल की मैगजीन छीन ली गई, जिसमें 10 गोलियां थीं। वहीं, सिपाही कपिल देव ने आंसू गैस फायर की तो भीड़ ने उसके बैग से 29 टीयर स्मोग सेल्स लूट लिए। इसके साथ ही, सिपाही पंकज कुमार के पास से 25 ब्लैंक कारतूस और 25 रबर बुलेट भी लूट लिए गए।
चार युवकों की मौत और विवाद
संभल हिंसा में चार युवकों की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि इन मौतों का कारण पुलिस की गोलीबारी नहीं थी, हालांकि, घटनाक्रम को सुनियोजित माना जा रहा है। यह हिंसा दो बड़े राजनीतिक नेताओं के प्रभाव की वजह से भड़काई गई है। फिलहाल, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और पुलिस ने इस मामले से जुड़ी कई वीडियो क्लिप्स प्राप्त की हैं। इन वीडियोज के आधार पर पुलिस ने करीब 800 लोगों की पहचान की है और जांच आगे बढ़ाई जा रही है।