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Uttar Pradesh

CM Yogi आज करेंगे उपचुनाव वाली मिल्कीपुर-कटेहरी सीट का दौरा

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उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों में अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए भाजपा के महत्वपूर्ण नेताओं की टीम 5 एक साथ काम कर रही है। उन्होंने काम को बांट लिया है और लोगों से बात करने और किसी भी मुद्दे को सुलझाने में मदद करने के लिए अलग-अलग इलाकों का दौरा करने जा रहे हैं। वे मंत्रियों की अन्य टीमों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पास प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक अच्छी योजना हो। CM Yogi मिल्कीपुर और कटेहरी दो जगहों का दौरा कर रहे हैं, ताकि यह देखा जा सके कि वहां चीजें कैसी चल रही हैं। उन्होंने पहले अपने मंत्रियों से उनकी राय मांगी और अब लोगों का एक छोटा समूह उन जगहों पर कार्यकर्ताओं से बात करने जाएगा।

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने आगामी चुनावों के लिए दो विधानसभा सीटें रखी हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को दो अन्य सीटों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दिया गया है। वे समर्थकों से मिलने के लिए इन इलाकों का दौरा करेंगे। सीटों को जीतने के लिए अन्य जिम्मेदारियां अलग-अलग नेताओं को दी गई हैं, जो किसी भी मुद्दे और चिंताओं को दूर करने के लिए इस सप्ताह अपने निर्धारित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। वे 30 मंत्रियों की टीम से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर काम करेंगे।

लोगों का एक समूह अलग-अलग जगहों पर जाकर लौटा, जहां विशेष चुनाव हो रहे थे। उन्होंने राज्य के नेता के साथ अपने विचार साझा किए। बैठक में कुछ महत्वपूर्ण सदस्य भी शामिल हुए जो पहले नहीं थे। मंत्रियों ने कहा कि पिछले बड़े चुनाव के बाद से पार्टी के सदस्य नाखुश हैं। उन्हें स्थानीय सरकारी अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्हें सड़क और पानी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, जिन्हें ठीक नहीं किया जा रहा है। कई कार्यकर्ता परेशान हैं और भाग नहीं ले रहे हैं।

नेताओं ने कार्यकर्ताओं की बात सुनने और उनकी मदद करने का वादा किया। पार्टी में बदलाव किए जाएंगे ताकि सभी को शामिल किया जा सके। नेता कार्यकर्ताओं से बात करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उनकी चिंताओं का समाधान किया जाए। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि नए और पुराने सभी के साथ उचित व्यवहार किया जाए।

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Uttar Pradesh

Google Map की गलती से फिर हुआ हादसा, बरेली में कार नहर में गिरी

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उत्तर प्रदेश के बरेली में Google Map का इस्तेमाल करते हुए एक और हादसा हुआ। इज्जतनगर थाना क्षेत्र में पीलीभीत रोड पर एक टाटा टियागो कार गूगल मैप के निर्देशों का पालन करते हुए कलापुर नहर में गिर गई। कार में तीन युवक सवार थे। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और जेसीबी की मदद से कार को नहर से बाहर निकाला गया।

गूगल मैप के निर्देशों पर भरोसा बना हादसे की वजह

औरैया निवासी दिव्यांशु अपने दोस्तों के साथ हरियाणा नंबर प्लेट वाली कार में पीलीभीत जा रहे थे। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान गूगल मैप का सहारा लिया। कलापुर नहर के पास बरकापुर तिराहे पर सड़क का कटान था, जिसे समय पर देख नहीं पाए, और कार नहर में पलट गई। गनीमत रही कि तीनों को कोई चोट नहीं आई। बाद में क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला गया।

एसपी सिटी ने दी जानकारी

एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया कि मंगलवार सुबह कानपुर से पीलीभीत जा रहे तीन लोग गूगल मैप के निर्देशों का पालन करते हुए गलत रास्ते पर चले गए, जिससे उनकी कार नहर में गिर गई। राहत की बात यह रही कि सभी सुरक्षित हैं, और कार को नहर से बाहर निकाल लिया गया है।

गूगल मैप के कारण पहले भी हुआ है हादसा

गौरतलब है कि यह पहली घटना नहीं है। 24 नवंबर को भी बरेली में गूगल मैप पर गलत रास्ता दिखाए जाने के कारण एक कार पुल से नीचे गिर गई थी। इस दर्दनाक हादसे में तीन युवकों की जान चली गई थी। बदायूं के दातागंज से बरेली के फरीदपुर जाते समय यह घटना हुई। अधूरे पुल के कारण कार 20 फीट नीचे जा गिरी। जांच में सामने आया कि इस मामले में पीडब्ल्यूडी की गंभीर लापरवाही थी।

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Agra: रेलवे स्टेशन पर मिली लावारिस नवजात, महिला सिपाही बनी ममता की मिसाल

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मां की ममता वह करुणा है जो पत्थर को भी पिघला देती है। लेकिन कभी-कभी मानवता का ऐसा दृश्य सामने आता है, जो इस ममता पर सवाल खड़े कर देता है। Agra कैंट रेलवे स्टेशन पर रविवार शाम को ऐसा ही एक हृदयविदारक मामला सामने आया, जब एक नवजात बच्ची को उसकी मां फर्श पर छोड़कर चली गई।

नवजात बच्ची वेटिंग रूम में मिली

रविवार शाम को आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के सेकंड क्लास वेटिंग रूम में बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। यात्रियों ने तुरंत आरपीएफ को सूचित किया। दो महिला सिपाहियों ने नवजात को गर्म कपड़े में लपेटा और तत्काल इलाज के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज भेजा।

बच्ची की हालत नाजुक

चिकित्सकों ने बच्ची को एनआईसीयू में भर्ती किया। एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष, डॉ. नीरज यादव ने बताया कि बच्ची को रक्त संक्रमण और ठंड लगने के कारण बुखार है। नाल काटी नहीं गई थी और वह गंदगी में पड़ी रही, जिससे संक्रमण हुआ। डॉक्टरों ने उसे 48 घंटे की निगरानी में रखा है।

वॉशरूम में पड़ी मिली नवजात

आरपीएफ इंस्पेक्टर सुशील कुमार झा ने बताया कि रविवार शाम 5 बजे स्लीपर क्लास वेटिंग रूम के वॉशरूम में बच्ची के होने की सूचना मिली। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, लेकिन वॉशरूम कैमरे की सीमा में नहीं आता। यह स्पष्ट नहीं है कि बच्ची को कौन छोड़कर गया। वॉशरूम में प्रसव होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।

लोग अपनाने को तैयार

बाल कल्याण समिति, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, और स्थानीय पुलिस को मामले की जानकारी दी गई है। बच्ची की देखभाल वर्तमान में आरपीएफ की महिला सिपाही गीता कश्यप कर रही हैं। अस्पताल में बच्ची की खबर फैलने के बाद, कई महिलाएं उसे गोद लेने की इच्छा जता रही हैं और प्रार्थना पत्र भी दे चुकी हैं।

यह घटना मानवता और ममता पर एक गहरा सवाल छोड़ती है, लेकिन साथ ही, समाज के उन संवेदनशील लोगों की उपस्थिति भी दिखाती है, जो ऐसे बच्चों को अपनाने के लिए तैयार हैं।

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Badaun की जामा मस्जिद शम्सी को लेकर आज कोर्ट में अहम सुनवाई, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

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Badaun की जामा मस्जिद शम्सी बनाम नीलकंठ महादेव मामले में आज जिला कोर्ट में सुनवाई होगी। हिंदू नेता मुकेश पटेल ने 2022 में दावा किया था कि इस मस्जिद को नीलकंठ महादेव मंदिर तोड़कर बनाया गया है। आज कोर्ट यह तय करेगा कि यह मामला सुनवाई के योग्य है या नहीं।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने वाली सुनवाई में पहले मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पेश करेगा। इससे पहले सरकारी वकील और पुरातत्व विभाग ने अपनी बहस पूरी कर ली है। पुरातत्व विभाग ने इस स्थल को अपनी संपत्ति बताया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

मस्जिद या मंदिर: दोनों पक्षों की दलीलें
हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद से पहले वहां नीलकंठ महादेव मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस मस्जिद का निर्माण सूफी संत शमशुद्दीन अल्तमश ने करवाया था और यहां कभी भी मंदिर होने के कोई सबूत नहीं मिले।

मामले में प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 का भी हवाला दिया जा रहा है। इस एक्ट के तहत धार्मिक स्थलों की स्थिति को 1947 की स्थिति के अनुसार बनाए रखने का प्रावधान है।

संभल की मस्जिद पर भी विवाद
इससे पहले यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद बढ़ा था। 24 नवंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। सपा ने इसे सरकार की साजिश बताया है।आज की सुनवाई के फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। इससे मामले की आगे की दिशा तय होगी।

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