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Uttar Pradesh

‘बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे, बांग्लादेश पर CM Yogi ने दिया बयान

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उत्तर प्रदेश केCM Yogi बांग्लादेश के हालात पर जोरदार तरीके से बात कर रहे हैं। उन्होंने आगरा में वीर दुर्गादास राठौर नामक एक वीर की प्रतिमा दिखाते हुए कहा कि हमारा देश सबसे महत्वपूर्ण है, इससे बढ़कर कुछ भी नहीं है। उन्होंने समझाया कि हम तभी मजबूत हो सकते हैं जब हम सब मिलकर काम करें। अगर हम एकजुट नहीं होंगे, तो हमें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें बांग्लादेश में जो हो रहा है, उस पर ध्यान देना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी समस्याएं यहां न हों। अगर हम एकजुट रहेंगे, तो हम सुरक्षित रहेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम भारत के एक महान नायक की प्रतिमा दिखाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम कर रहे हैं। यह तब हो रहा है जब हम 100 साल पहले हुई काकोरी ट्रेन एक्शन नामक एक महत्वपूर्ण घटना को याद कर रहे हैं। बहुत समय पहले औरंगजेब नाम का एक राजा था जो बहुत अच्छा नहीं था, और उसका आगरा नामक स्थान से कुछ संबंध था। शिवाजी नाम के एक अन्य नायक ने औरंगजेब के सामने खड़े होकर उससे कहा कि वह एक फंसे हुए चूहे की तरह संघर्ष करता रहेगा।

राजस्थान के जोधपुर नामक स्थान पर महाराजा जसवंत सिंह नाम के एक राजा थे। उनके पास दुर्गादास राठौर नाम का एक बहादुर नेता था जो उनकी मदद करता था। औरंगजेब नाम का एक शासक जोधपुर पर कब्ज़ा करना चाहता था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका क्योंकि दुर्गादास बहुत शक्तिशाली था। हालाँकि, औरंगजेब चतुर था और उसने महाराजा जसवंत सिंह को धोखा देने का फैसला किया। उसने राजा से एक सौदा किया, जिसमें कहा गया कि उन्हें साथ मिलकर काम करना चाहिए। फिर, कुछ दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई के दौरान, औरंगजेब ने गुप्त रूप से महाराजा जसवंत सिंह को नुकसान पहुँचाया। उसके बाद, राजा का बेटा, अजीत सिंह अकेला रह गया, और औरंगजेब ने और भी चालों से उसे भी नुकसान पहुँचाने की कोशिश की। वीर दुर्गादास राठौर एक बहादुर व्यक्ति थे जिन्होंने एक पवित्र व्यक्ति होने का दिखावा करके एक युवा राजकुमार की मदद की। जब राजकुमार बड़ा हुआ, तो वह राजा बन गया। दुर्गादास ने अपने देश, अपने घर और अपनी मान्यताओं की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी, और वह अपने जीवन के अंत तक मजबूत रहा। अजीत सिंह चाहते थे कि दुर्गादास प्रधानमंत्री बनें, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। जिस देश में दुर्गादास राठौर जैसे वीर हों, उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को सबके लिए बेहतर जगह बनाना चाहते हैं। हम सभी को भारत को आगे बढ़ाने और बेहतर बनाने में मदद करनी चाहिए। आगरा एक खास जगह है, जहां राधा और कृष्ण हर जगह विराजमान हैं। यह क्षेत्र कला, आस्था और प्रेम से भरा हुआ है। हमें अपनी कला और संस्कृति का जश्न मनाते हुए अपने देश पर गर्व भी करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम गुलामी की याद दिलाने वाली चीजों का इस्तेमाल बंद कर देंगे। हम अपने वीरों और सैनिकों का सम्मान करेंगे। हम मिलकर काम करेंगे और जाति, क्षेत्र या भाषा जैसे मतभेदों को हमें अलग नहीं करने देंगे। हम भारत को एक मजबूत देश बनाना चाहते हैं। यही राष्ट्रीय वीर दुर्गादास भी चाहते थे। अतीत में कई लोगों ने मुगलों के सामने हार मान ली थी।

कुछ लोग जमीन और सत्ता लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने दूसरों के नाम मिटा दिए। लेकिन वीर दुर्गादास नाम के एक वीर व्यक्ति थे, और लोग उन्हें सम्मान के साथ याद करते हैं। राजस्थान नामक जगह पर लोग उनकी प्रशंसा करते हैं और यहां तक ​​कि उनकी पूजा भी करते हैं। मैं आज यहां यह साझा करने आया हूं कि वे हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।

मुख्यमंत्री 13 अगस्त को आना चाहते थे, लेकिन हर घर तिरंगा नामक विशेष कार्यक्रम के कारण वे नहीं आ सके। उन्हें लगा कि जिस मूर्ति को उन्होंने देखा है, वह दस साल से उनका इंतजार कर रही थी। उन्हें खुशी और आभार महसूस हुआ, जैसे उन्हें किसी वीर नायक से आशीर्वाद मिला हो। साथ ही, यह एक खास दिन था क्योंकि यह भगवान कृष्ण का जन्मदिन था।

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Hazratganj: अतिक्रमण को लेकर दो गुटों में झगड़ा, पुलिस और नगर निगम की उदासीनता पर सवाल

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बुधवार दोपहर Hazratganj के नवल किशोर रोड पर अतिक्रमण को लेकर हुए विवाद ने बवाल का रूप ले लिया। लीला सिनेमा के सामने एक समोसे की दुकान से शुरू हुई कहासुनी ने जल्द ही हिंसक झगड़े का रूप ले लिया। हालांकि, पुलिस तब मौके पर पहुंची जब मामला शांत हो चुका था।

कैसे हुआ विवाद?

दोपहर करीब दो बजे, समोसा खाने आए एक युवक और दुकान मालिक के बीच पार्किंग को लेकर बहस हो गई।

युवक ने दुकान मालिक को टोकते हुए कहा कि उसकी दुकान भी सड़क पर अवैध रूप से लगाई गई है।

कहासुनी मारपीट में बदल गई, जिसमें दुकानदार और उसके कर्मचारियों ने युवक को पीटा।

युवक ने अपनी टीम बुला ली, और फिर दुकान मालिक के कर्मचारियों पर हमला किया गया।

इस दौरान युवक के साथी दो समूहों में बंट गए। एक टीम विष्णु नारायण इंटर कॉलेज की ओर गई, जबकि दूसरी टीम लीला सिनेमा की ओर दौड़ पड़ी। सड़कों पर यह झगड़ा देखने वालों के लिए अराजकता का माहौल पैदा कर गया।

अतिक्रमण बना झगड़े की जड़

स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के अनुसार, नवल किशोर रोड पर अतिक्रमण की समस्या लगातार बढ़ रही है।

सड़क पर खुले दफ्तर, दुकानें और वेंडरों के कारण रास्ता संकरा हो गया है।

वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं, जिससे जाम की स्थिति बन जाती है।

बिना वेंडिंग ज़ोन के दुकानों और ठेलों ने सड़क के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है।

प्रशासन की उदासीनता

अतिक्रमण हटाने में नगर निगम और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम अवैध कब्जों को हटाने में पूरी तरह लापरवाह है।

पुलिस भी इन मामलों में मौन बनी रहती है, जिससे विवाद और झगड़ों की घटनाएं बढ़ रही हैं।

यातायात और सुरक्षा पर असर

अतिक्रमण के कारण नवल किशोर रोड पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

सड़क पर एक वाहन निकलने भर की जगह ही बचती है।

यदि कोई वाहन गलत दिशा से आ जाए तो जाम लगना तय है, जो अक्सर विवाद का कारण बनता है।

पूड़ी-सब्जी और समोसे की दुकानों के बाहर खड़े ग्राहकों और वाहनों से समस्या और गंभीर हो जाती है।

निवासियों की मांग

स्थानीय लोगों ने नगर निगम और पुलिस से अतिक्रमण हटाने की सख्त मांग की है।

यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो सड़क पर झगड़े और जाम की समस्या गंभीर रूप ले सकती है।

प्रशासन को वेंडिंग जोन बनाकर दुकानों और ठेलों को व्यवस्थित करना चाहिए।

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Bihar के हत्या आरोपी, साधु के भेष में लूट करते गोरखपुर में गिरफ्तार

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Bihar में हत्या के आरोपी, साधु के भेष में गोरखपुर में लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। तारामंडल के यशोधरा कुंज इलाके में एक महिला से लूट करने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान बिहार के जहानाबाद जिले के काको थाना क्षेत्र के हाजीपुर नदियावा निवासी पारस नट उर्फ लाठौर, गेंहरी नट, मारकण्डेय नट और परमिला उर्फ संतरा के रूप में हुई है। परमिला जोगी उर्फ योगी नट की पत्नी है, जबकि जोगी और पारस नट अगस्त में बिहार में हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। पुलिस अब जोगी की तलाश में जुटी है।

लूट की घटना का तरीका
19 नवंबर को यशोधरा कुंज की निवासी साधना सिंह ने रामगढ़ताल थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि सुबह करीब 10 बजे, दो अज्ञात व्यक्ति उनके कमरे के सामने भीख मांगने के लिए आए। ये दोनों साधु के भेष में थे और कामाख्या देवी के नाम पर कुछ चावल देने के बहाने उनके गहनों को चुराने का प्रयास कर रहे थे। आरोपितों ने चावल के साथ उनका मंगलसूत्र, कान की बालियां और अंगूठी रखवा दी और दावा किया कि इससे उनके धन में वृद्धि होगी।

कुछ देर बाद जब महिला ने चावल के साथ रखी पोटली खोली, तो उसमें मिट्टी जैसा पदार्थ निकला। शोर मचाने पर वही गिरिजा देवी नाम की महिला भी वहां आईं और बताया कि उनके साथ भी यही घटना घटी थी।

पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद रामगढ़ताल पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी साधु के भेष में घूमते थे और महिलाओं को झांसा देकर उनके गहनों को चुराते थे। गिरफ्तार आरोपितों से पुलिस ने दो मंगलसूत्र, एक जोड़ी कान की बालियां, 27 ताबीज, 14 पीली धातु, चार अंगूठियां और 40 सफेद धातु की अंगूठियां बरामद की हैं।

पुलिस ने आरोपितों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है, जबकि फरार आरोपित जोगी उर्फ योगी नट की गिरफ्तारी के लिए एक टीम उसकी तलाश कर रही है।

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सपा अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में आउटसोर्सिंग भर्तियों पर सरकार पर साधा निशाना

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समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गोरखपुर नगर निगम में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए हो रही भर्तियों पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इस मामले में व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा को अपनी पूरी सरकार को आउटसोर्स कर देना चाहिए, ताकि सभी कमीशन एक ही जगह से और एक साथ मिल सके।

गोरखपुर नगर निगम ने 18 नवंबर को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इन महत्वपूर्ण पदों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से आवेदन मांगे गए थे। इन पदों के लिए 7 दिसंबर तक आवेदन की अंतिम तिथि रखी गई है। तहसीलदार को 35 हजार रुपये, नायब तहसीलदार को 30 हजार रुपये, राजस्व निरीक्षक को 29 हजार रुपये और लेखपाल को 27 हजार रुपये मानदेय देने की बात कही गई है। नगर निगम का कहना है कि कार्यभार अधिक होने के कारण सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को इन पदों पर नियुक्त किया जाएगा।

अखिलेश यादव ने इस निर्णय का विरोध करते हुए इसे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय के खिलाफ एक आर्थिक साजिश करार दिया। उन्होंने भाजपा से इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि सरकार का यह कदम नौकरी और आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को छीनने जैसा है। उन्होंने इसे निंदनीय बताया और कहा कि इस तरह की नौकरियों का विरोध उन्होंने पहले भी किया था।

इसके अलावा, अखिलेश यादव ने गुरुवार को उपचुनावों के परिणामों के बाद प्रदेशवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी। उन्होंने प्रशासनिक दबाव के बावजूद मतदान के दौरान प्रदेश की जनता का हौसला बनाए रखने के लिए सभी का धन्यवाद किया। अखिलेश ने कहा कि नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भाजपा के खिलाफ पीडीए की एकजुटता, सम्मान और अधिकारों के लिए थे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद पीडीए ने नैतिक रूप से सभी नौ सीटों पर जीत हासिल की है।

अखिलेश यादव ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने वोट की रक्षा करें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर जनसेवा में जुट जाएं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों और पत्रकारों को भी शुभकामनाएं दी।

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