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Uttar Pradesh

UP में बर्ड फ्लू की आशंका पर सीएम योगी ने दिए अलर्ट रहने के निर्देश, कहा– लगातार निगरानी रखें।

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बर्ड फ्लू संक्रमण की आशंका को गंभीरता से लेते हुए UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज संबंधित अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. और सभी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए.

उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू (H5 एवियन इंफ्लुएंजा) की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि राज्य के सभी चिड़ियाघरों, पक्षी विहारों, नेशनल पार्कों, वेटलैंड्स और गो-आश्रय स्थलों पर रहने वाले जानवरों और पक्षियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइनों के अनुसार सभी जरूरी कदम तुरंत उठाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित करते हुए कहा कि प्राणी उद्यान परिसरों को लगातार समय समय पर सैनेटाइज किया जाए और आवश्यकता पड़ने पर ब्लो टॉर्चिंग की प्रक्रिया भी अपनाई जाए. साथ ही सभी वन्य जीवों औऱ पक्षियों की जांच की जाए, और उनके आहार की पूरी जांच के बाद ही उन्हें खाना दिया जाए.

कर्मियों को सुरक्षित रखा जाए

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी कर्मचारियों को एवियन इंफ्लुएंजा से जुड़ी हुई पूरी जानकारी दी जाए और उन्हें पीपीई किट के साथ सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं. साथ ही बाड़ों में नियुक्त कर्मचारियों की ड्यूटी इस जोखिम के स्तर को ध्यान में रखते हुए तय की जाए.

पोल्ट्री फ़ार्म की निगरानी बढ़ाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पोल्ट्री फार्मों की मानकों के अनुरूप विशेष निगरानी की जाए और पोल्ट्री उत्पादों के आने जाने पर लगातार नियंत्रण रखा जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि H5 एवियन इंफ्लुएंजा के मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभावों की भी स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गहन समीक्षा की जाए ताकि संक्रमण की कोई भी कड़ी इंसानों तक न पहुंच पाए.

संस्थानों से रखें संपर्क

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य मंत्रालय, मत्स्यपालन एवं डेयरी विभाग, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) आदि से लगातार संपर्क बनाकर सुझाव लिए जाएं और आवश्यकता के अनुसार काम किया जाए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि जिला प्रशासन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के बीच समन्वय के साथ सभी निर्देशों का सौ फीसद पालन किया जाए.

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