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Uttar Pradesh

IIIT की एसोसिएट प्रोफेसर ने किया सुसाइड, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मैं साइको हूं’..… सो नहीं पाती…..

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लखनऊ के IIIT की एसोसिएट प्रोफेसर ने अपनी जान ले ली। आस-पास रहने वाले लोगों ने पुलिस को फोन करके बताया कि क्या हुआ। जब पुलिस पहुंची, तो उन्हें उनके द्वारा लिखा एक नोट मिला। नोट में उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा था कि उनका दिमाग ठीक नहीं है और इसीलिए उन्होंने अपनी जान लेने का फैसला किया। इंदिरा नगर ए-ब्लॉक नामक जगह पर आयुषी शर्मा नाम की एक महिला रहती थी जो एक कॉलेज में शिक्षिका थी। वह अपने पिता विनोद शर्मा के साथ रहती थी।

दुखद रूप से आयुषी ने रस्सी से खुद को घायल कर लिया और मर गई। अर्चना नाम की एक पड़ोसी ने यह सब देखा और पुलिस को इस बारे में बताया। अर्चना ने पुलिस को बताया कि वह शाम करीब 7 बजे विनोद शर्मा के घर पहुंची। उसने वहां किसी को नहीं देखा। जब वह अंदर गई और एक कमरे में गई, तो उसने पाया कि आयुषी शर्मा, जो 33 साल की है, दुपट्टे से पंखे से लटकी हुई थी।

सुसाइड नोट में लिखा था: “यह मेरी अपनी गलती है।” आयुषी ने एक नोट लिखा जिसमें उसने कहा कि वह वास्तव में दुखी और आहत महसूस करती है, और उसे लगता है कि उसका दुख उसकी अपनी समस्या है। वह किसी से नाराज़ नहीं है, और उसे लगता है कि कोई भी उसकी मदद नहीं कर सकता। वह 2019 से अच्छा महसूस नहीं कर रही है और लंबे समय से उसने बहुत से लोगों से बात नहीं की है। उसे सोने में परेशानी होती है और अक्सर डर और दुख महसूस होता है। उसे लगता है कि उसे ठीक होने का नाटक करना पड़ता है, लेकिन अब उसे लगता है कि वह अब और जीना नहीं चाहती।

सुसाइड नोट में उसने लिखा कि उसने पिछले साल अक्टूबर में आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन डर गया और इसके बजाय खुद को मारने का फैसला किया। “मेरे पास तब हिम्मत नहीं थी, लेकिन इस बार मैं नहीं करूँगा।” बहुत चिंता थी क्योंकि कोई अकेला महसूस कर रहा था।

पुलिस ने कहा कि आयुषी के पिता अपने शरीर को हिला नहीं सकते, इसलिए वह खड़े नहीं हो सकते या बैठ नहीं सकते। आयुषी की एक बड़ी बहन है जो बेंगलुरु नामक जगह पर रहती है और एक जीजा है जो अमेरिका में रहता है। आयुषी की बहन ने बताया कि आयुषी अहिमामऊ नामक स्थान पर IIIT नामक स्कूल में शिक्षिका थी। वह लखनऊ में अपने पिता के साथ रहती थी और उसकी शादी नहीं हुई थी। आयुषी के परिवार का कहना है कि वह लंबे समय से बहुत दुखी और अकेली महसूस करती थी।

वह बहुत कम लोगों से बात करती थी और बहुत समय अकेले बिताती थी। उस दुख की वजह से, उसने शायद बहुत बड़ा और दुखद फैसला लिया होगा। पुलिस उस जगह पर आई जहाँ कुछ दुखद हुआ था और उसे एक नोट मिला जिसमें लिखा था कि कोई व्यक्ति बहुत दुखी था और अपनी जान लेना चाहता था। आयुषी अपनी उदासी से निपटने के लिए दवा ले रही थी। पुलिस ने देखा कि उसके साथ क्या हुआ था और फिर उसका शव उसके परिवार को वापस दे दिया। पुलिस को घर में बहुत गंदगी मिली। ऐसा लग रहा था कि दो साल से किसी ने सफाई नहीं की थी! बहुत सारे गंदे डायपर और पुराना खाना था जो बक्सों में पड़ा हुआ था। आयुषी का घर बंद है। बाहर एक स्कूटर खड़ा है। जब आयुषी की बहन और जीजा को घटना की जानकारी मिली तो वे घर आए, लेकिन डर के कारण वे कहीं और चले गए।

वे शुक्रवार की सुबह वापस आएंगे। पास में रहने वाली एक महिला ने बताया कि आयुषी जब भी घर से निकलती तो सीधे अपने कॉलेज चली जाती और पड़ोस में किसी से बात नहीं करती।

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Editor Two
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