Connect with us

Uttar Pradesh

अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन का ने चलाया bulldozer, SDM के पास पहुंचे दुकानदार

Published

on

कुछ लोगों ने थाने के पास पार्क में बिना अनुमति के दुकानें लगा लीं, जिसकी अनुमति नहीं है। बुधवार को उन दुकानों को गिराने के लिए bulldozer का इस्तेमाल किया गया। दुकानों की छतें भूसे से बनी थीं और उन पर कपड़े और सब्जियां बिक रही थीं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि ये दुकानें नालियों को अवरुद्ध कर रही थीं, जिससे शहर को पानी से बचाना मुश्किल हो गया था। वे पार्क को फिर से सुंदर और सुंदर बनाना चाहते हैं।

अमेठी शहर में थाने के सामने एक पार्क है, जहां कुछ दुकानदारों ने लंबे समय से अपनी दुकानें लगा रखी हैं। इसकी वजह से कारों और लोगों को निकलने में दिक्कत होती है, खासकर गांधी चौक से अंबेडकर तिराहा तक। रक्षाबंधन के खास दिन पर कई लोग लंबे समय तक जाम में फंसे रहे। आसपास रहने वाले लोग शहर के नेताओं से मांग कर रहे हैं कि दुकानदारों को पार्क से हटाया जाए ताकि सभी फिर से स्वतंत्र रूप से घूम सकें।

बुधवार को नगर पंचायत की एक टीम ने बुलडोजर नामक बड़ी मशीन का इस्तेमाल कर सभी अस्थायी दुकानों को गिरा दिया। उन्होंने ट्रेन की पटरियों पर लगी सब्जी की दुकानों को भी हटा दिया। ईओ अभिनव यादव नामक व्यक्ति ने बताया कि उन्हें कुछ समय से शिकायत मिल रही थी कि लोग बिना अनुमति के पार्क का उपयोग कर रहे हैं। लोग रेल की पटरियों के बहुत करीब निर्माण कर रहे थे, जिससे शहर में यातायात बहुत खराब हो गया था। इससे नालियों की सफाई भी मुश्किल हो गई थी। इस वजह से सभी दुकानें हटानी पड़ीं।

पार्क को सुंदर बनाने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई। देवी सहाय जायसवाल 18 साल से पार्क में छोटी सी दुकान चला रहे हैं और इससे उनके परिवार का भरण-पोषण होता है। एक सुबह नगर पंचायत के कुछ लोग आए और कहा कि उन्हें अपनी जगह छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने किसी जिम्मेदार व्यक्ति से मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी।

कुछ देर बाद टीम ने बुलडोजर चलवा दिया। अगर जिम्मेदार लोग उन्हें दुकान लगाने के लिए जगह नहीं देंगे, तो वे आगे से पैसे नहीं कमा पाएंगे। कपड़े बेचने वाले जय नारायण यादव ने बताया कि उनकी दुकान से ही उनका परिवार चलता था। लेकिन अब दुकान चली गई है और वे मुश्किल में हैं, क्योंकि वे अपना गुजारा नहीं कर पा रहे हैं।

author avatar
Editor Two
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement