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32 घंटे में ही सुलझाई Police ने हत्या की गुत्थी, ये शख्श था हत्यारा

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लुधियाना-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर रवि कुमार नाम के टैक्सी ड्राइवर की हत्या कर दी गई। खन्ना के समराला थाने की Police ने तत्परता दिखाते हुए महज 32 घंटे में ही एक आरोपी को पकड़ लिया। उसका नाम सतपाल है। वह चंडीगढ़ के राम दरबार फेज-1 में मकान नंबर 352 में रहता है। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। पुलिस को रवि कुमार के पास से एक छोटी देसी बंदूक, गोलियों के लिए दो क्लिप और छह गोलियां मिलीं।

अधिकारी अश्विनी गोटियाल ने बताया कि रवि कुमार और सतपाल दोनों राम दरबार इलाके में रहते हैं। रवि कुमार की पत्नी पिंकी का एक परिवार है जो सतपाल से दोस्ताना व्यवहार रखता है। रवि और सतपाल एक-दूसरे को जानते थे और काफी समय पहले हुई किसी बात को लेकर परेशान थे। 9 अगस्त की रात को वे किसी को छोड़ने लुधियाना गए थे। अगली सुबह यानी 10 अगस्त को वे वापस आते समय बहस करने लगे। रवि ने टैक्सी रोक दी क्योंकि उसे डर लग रहा था। बहस इतनी बढ़ गई कि सतपाल ने बंदूक चला दी। एक बुरे व्यक्ति ने रवि को बहुत बुरी तरह से घायल कर दिया। पुलिस ने मिलकर काम किया और एक दिन से थोड़े ज़्यादा समय में ही उस बदमाश को पकड़ लिया।

पुलिस को पता चला कि रवि और सतपाल के बीच किसी महिला को लेकर झगड़ा हुआ था, लेकिन वे अभी ज़्यादा जानकारी नहीं दे सकते। हालांकि, उन्हें पक्का पता है कि रवि की पत्नी पिंकी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

पुलिस अधिकारी गोटियाल ने बताया कि बुरी घटना होने के बाद, जिसने यह किया, वह कार लेकर भाग गया। वह मोहाली नामक जगह से पिंजौर नामक दूसरी जगह गया, फिर वापस आया और कार को डेरा बस्सी में छोड़ दिया। इसके बाद वह मुज़फ़्फ़रनगर चला गया। उन्हें डेरा बस्सी में पार्किंग में घायल व्यक्ति की कार मिली।

पुलिस अधिकारी एसएसपी गोटियाल ने बताया कि बुरा काम करने वाला सतपाल पहले भी मुसीबत में फंस चुका है। मुज़फ़्फ़रनगर में एक गंभीर अपराध में शामिल होने के कारण वह 13 साल जेल में रहने के बाद फरवरी 2024 में जेल से बाहर आया था। सतपाल मेरठ में चोरी करने और चंडीगढ़ में झगड़ा करने के लिए भी जाना जाता है। पुलिस अब उससे और सवाल पूछ रही है ताकि पता लगाया जा सके कि उसने क्या किया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब उन्होंने गलत काम करने वाले व्यक्ति को पकड़ा तो उन्हें उसके द्वारा इस्तेमाल की गई पिस्तौल ढूंढनी थी। व्यक्ति ने उन्हें बताया कि कहां देखना है। लेकिन जब वे वहां पहुंचे तो सतपाल नाम का व्यक्ति पुलिस से बचकर भागने की कोशिश कर रहा था। भागते समय वह लड़खड़ा गया, गिर गया और उसके हाथ में चोट लग गई।

पुलिस ने जल्दी से उसे फिर से ढूंढ निकाला और पिस्तौल वापस ले ली। इस बारे में बात करने के लिए एसपी सौरव जिंदल, डीएसपी सुख अमृत सिंह रंधावा, डीएसपी तरलोचन सिंह, इंस्पेक्टर अमनदीप सिंह, एसएचओ दविंदरपाल सिंह और एएसआई प्रमोद कुमार जैसे महत्वपूर्ण पुलिस अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।

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CM Mann ने भगवती दीक्षा महाउत्सव में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने का आह्वान किया

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CM Mann ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए महान गुरुओं, संतों, महापुरुषों, पीरों-पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग पर चल रही है। उन्होंने यह बात पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की उपस्थिति में जैन भगवती दीक्षा महोत्सव के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रमुख के रूप में पंजाब के सभी निवासियों के हितों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने पंजाब को एक महान और पवित्र भूमि बताया, जहां विभिन्न धर्मों, भाषाओं और समाज के सभी वर्गों के लोग शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं।

CM Mann ने कहा कि जनता ने उन्हें पंजाब की सेवा करने का बड़ा अवसर दिया है और वह इस कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हर समाज में धर्मों का सौहार्द और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। राज्य में भाईचारे को मजबूत करने के लिए उनकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

CM Mann ने कहा कि धर्म हमें सादा जीवन, उच्च विचार और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। हर धर्म का संदेश शांति, भाईचारा और विश्व बंधुत्व पर आधारित है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे महान धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं के दिखाए मार्ग पर चलें और समाज में धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे को और मजबूत करें।

CM Mann ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन हमारी युवा पीढ़ी को हमारे सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों से जोड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि “आप” सरकार राज्य में शांति, एकता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित है।

जैन समुदाय के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए CM Mann ने कहा कि जैन संतों का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहा है। उन्होंने जैन समुदाय को क्षेत्र में एक अत्याधुनिक अस्पताल स्थापित करने के लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अस्पताल पूरे उत्तर क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगा।

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Punjab-चंडीगढ़ में घने कोहरे ने दी दस्तक, जारी किया का येलो अलर्ट, बढ़ा वायु प्रदूषण

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Punjab और चंडीगढ़ में ठंड का असर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार और शनिवार को Punjab के सात जिलों में घने कोहरे की संभावना जताई गई है। इसको लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, उनमें अमृतसर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला शामिल हैं। हालांकि, कुछ इलाकों में सुबह हल्की धूप भी देखने को मिली।

सख्त उपायों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं पूरी तरह से रुक नहीं पाई हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। Punjab और चंडीगढ़ के कई शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। हालांकि, पिछले 24 घंटों में प्रदूषण स्तर में थोड़ा सुधार हुआ है। इसी दौरान पंजाब के अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जो सामान्य के करीब है। सबसे अधिक तापमान बठिंडा में 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी 0.2 डिग्री की गिरावट हुई है।

शुक्रवार सुबह 6 बजे चंडीगढ़ के मोहाली से सटे सेक्टर-53 में AQI 248, जो सबसे खराब रहा। सेक्टर-25 में AQI 161 और सेक्टर-22 में 196 दर्ज किया गया। पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 273, लुधियाना में 261, जालंधर में 235, अमृतसर में 231 और पटियाला में 213 रहा। वहीं, सबसे कम AQI रूपनगर में 131 और बठिंडा में 159 दर्ज किया गया।

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Punjab में पराली जलाने के मामलों में हुई बढ़ोतरी, फाजिल्का में सबसे अधिक 42 घटनाएं दर्ज

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Punjab में इस सीजन पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। 21 नवंबर तक पराली जलाने के कुल 10,296 मामले सामने आए हैं। 21 नवंबर को 192 नए मामले दर्ज हुए, जिनमें सबसे अधिक 42 मामले फाजिल्का जिले से थे। इसके अलावा, फिरोजपुर में 38, मुक्तसर में 22, मोगा में 10, और फरीदकोट व तरनतारन में 13-13 मामले दर्ज किए गए।

पिछले वर्षों की तुलना में, इस साल पराली जलाने की घटनाएं काफी कम हुई हैं। 2023 में इसी अवधि तक 35,606 और 2022 में 49,526 मामले दर्ज किए गए थे। 21 नवंबर को अकेले इस साल 192 मामले दर्ज हुए, जबकि 2023 में 513 और 2022 में 243 मामले सामने आए थे।

मुख्य पर्यावरण अभियंता डॉ. करुणेश गर्ग ने बताया कि इस साल पराली जलाने के मामलों में लगभग 70% की कमी आई है। अब तक केवल 10,000 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल 36,000 से अधिक घटनाएं सैटेलाइट के जरिए दर्ज की गई थीं।

20 नवंबर तक, कुल 10,104 मामले दर्ज किए गए थे। उस दिन 179 मामले सामने आए, जिनमें संगरूर और फिरोजपुर में सबसे ज्यादा 26-26 मामले थे। मुक्तसर में 20, तरनतारन में 15, फरीदकोट में 14 और फाजिल्का में 10 मामले दर्ज किए गए।

18 नवंबर तक पराली जलाने के मामलों में मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर 1,647 मामलों के साथ सबसे आगे रहा। फिरोजपुर 1,189 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर और तरनतारन 802 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। अन्य जिलों में अमृतसर (703), बठिंडा (670), मुक्तसर (668), मोगा (596), मानसा (560), पटियाला (536), फरीदकोट (470), कपूरथला (321), लुधियाना (246), और फाजिल्का (233) मामले सामने आए।

इस गिरावट को सकारात्मक संकेत मानते हुए अधिकारी इसे सख्त निगरानी और जागरूकता अभियान का परिणाम मान रहे हैं।

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