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ज्ञानी Harpreet Singh ने सिखों के खिलाफ दिए बयान में राहुल गांधी पर की टिप्पणी, कहा कि भारत में सिखों के धार्मिक अधिकारों, राजनीतिक और….

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अमेरिका में सिखों के खिलाफ दिए गए बयान पर विपक्षी नेता राहुल गांधी का लगातार विरोध हो रहा है. इस संबंध में तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी Harpreet Singh ने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता द्वारा अमेरिकी धरती पर दिये गये बयान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और न ही खारिज किया जा सकता है.

ज्ञानी Harpreet Singh ने कहा कि भारत में सिखों के धार्मिक अधिकारों, राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों को हमेशा कुचला गया है, जब हम 1947 के बाद का इतिहास पढ़ते हैं तो पाते हैं कि भारत के नेताओं ने सिखों से जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं किए गए हम भारत के भीतर एक ऐसा क्षेत्र चाहते थे जहां हमारे धार्मिक अधिकार सुरक्षित हों और हमने पंजाबी राज्य की मांग की, हमने पानी के अधिकार के बारे में बात की, हमने भाषा के बारे में बात की, लेकिन उस समय की कांग्रेस सरकार ने भारत में सिखों के खिलाफ ऐसी कहानी बनाई। जिसका परिणाम सचखंड श्री हरमंदिर साहिब श्री अमृतसर साहिब श्री अकाल तख्त साहिब पर हमला था। 1984 में भारत के कई शहरों में सिखों को शिकार बनाया गया, लेकिन आज तक उस मामले में सिखों को न्याय नहीं मिला।

सिंह साहब ने कहा कि अगर आज के समय की बात करें तो सरकार के संरक्षण में सिखों के खिलाफ गलत कहानियां गढ़ी जा रही हैं, कहीं जोधपुर में तो न्यायपालिका की परीक्षा में सिख लड़के-लड़कियों को नग्न होकर बैठने का फरमान जारी कर दिया गया है आश्चर्य की बात है कि इस लोकसभा चुनाव के दौरान गंगानगर में चुनाव अधिकारियों ने निर्देश दिया कि कोई भी सिख स्कार्फ पहनकर वोट नहीं डाल सकता।

सिंह साहिब ने कहा कि ऐसी घटनाएं जहां कांग्रेस नेता के बयान की पुष्टि करती हैं, वहीं सिखों में दिल्ली की गद्दी से अलगाव की भावना पैदा करती हैं और शासकों की नजर में सिख हमेशा से ही कुढ़ते रहे हैं।

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