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Punjab

बीबी जागीर कौर के खिलफ होगी FIR दर्ज़, हाई कोर्ट ने जारी किए आदेश

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शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है| नगर पंचायत बेगोवाल की 172 कनाल 15 मरला जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में हाईकोर्ट ने बीबी जागीर कौर को दोषी करार दिया और FIR दर्ज की। दर्ज करने का आदेश दिया.| साथ ही आपराधिक और विभागीय स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 6 महीने में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है|

उच्च न्यायालय ने ईओएनएसी बेगोवाल को अतिक्रमित भूमि के किराए के रूप में 5 करोड़ 91 लाख रुपये वसूलने और उक्त 172 कनाल भूमि वापस करने के लिए उचित कदम उठाने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने सतर्कता ब्यूरो को उन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का भी निर्देश दिया है जिन्होंने उक्त अवैध कब्जे की अनुमति दी थी।

जॉर्ज सुभा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है| याचिका में कहा गया था कि नगर पंचायत की 172 कनाल 15 मरले जमीन पर स्कूल और कॉलेज बनाकर कब्जा कर लिया गया है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की थी| हाई कोर्ट ने इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो को प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया था| विजिलेंस ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में एसपीएस एजुकेशनल सोसायटी द्वारा जमीन पर अवैध कब्जा पाया था और कहा था कि इससे सरकार को 5.91 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है|

इस रिपोर्ट को आधार मानकर हाईकोर्ट ने इस याचिका का निपटारा करते हुए नगर पंचायत बेगोवाल के कार्यकारी अधिकारी को राजस्व हानि की वसूली की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए हैं। साथ ही जमीन का कब्जा वापस लेने के लिए कानून के मुताबिक कदम उठाया जाए|

क्या है मामला?
हाईकोर्ट में दायर याचिका में बीबी जागीर कौर पर 1996 से 2014 तक बेगोवाल की 172 कनाल जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया गया था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस जमीन पर एक हाई स्कूल का निर्माण किया गया था और निर्माण के कारण एन.ए.सी. नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन निर्माण हटाने की बजाय उन्होंने इस स्कूल में इंटरनेशनल स्कूल चलाना शुरू कर दिया, जबकि इस स्कूल को कहीं भी मान्यता नहीं थी।

इस स्कूल को सरकार से 95 प्रतिशत सहायता मिलती है और यह किसी सहायता प्राप्त स्कूल में अंतरराष्ट्रीय स्कूल नहीं चला सकता। इसके खिलाफ महानिदेशक स्कूल शिक्षा को मांग पत्र दिया गया और मामला विधानसभा में भी उठाया गया।

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