Punjab
Giani Harpreet Singh विवादों के घेरे में, सोशल मीडिया पर चरित्र हनन के आरोप
तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार Giani Harpreet Singh इन दिनों विवादों में हैं। शिरोमणि अकाली दल के नेताओं को धार्मिक सजा दिए जाने के बाद से ही वह चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ जमकर प्रचार हो रहा है, जिसे लेकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने खुद स्वीकार किया है कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि उनके चरित्र को खराब करने की कोशिश की जा रही है।
वीडियो वायरल होने से विवाद बढ़ा
मामला और गंभीर तब हो गया जब ज्ञानी हरप्रीत सिंह और अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा के बीच बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हैरानी की बात यह है कि यह वीडियो रिकॉर्डिंग श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में हुई थी। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि यह क्लिप लीक कैसे हुई। इस पर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी नाराजगी जताई है। उधर, विरसा सिंह वल्टोहा ने इस वीडियो के लीक होने से अनभिज्ञता जाहिर की है।
बैठक की क्लिप वायरल होने पर सवाल
मिली जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो क्लिप 15 अक्टूबर को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई पंज सिंह साहिबों की बैठक की है। इस बैठक में विरसा सिंह वल्टोहा को बुलाया गया था। वायरल वीडियो में ज्ञानी हरप्रीत सिंह, अकाली नेताओं के आरोपों और बीजेपी से जुड़े होने के सवालों का जवाब देते हुए बहस करते नजर आ रहे हैं।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दावा किया कि बैठक के दौरान वल्टोहा ने पंज सिंह साहिबों के सामने दुर्व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि अगर पूरे डेढ़ घंटे का वीडियो सार्वजनिक कर दिया गया, तो समाज सच्चाई जान जाएगा। उन्होंने आश्चर्य जताया कि यह रिकॉर्डिंग एक पेन ड्राइव में डालकर जत्थेदार के पास पहुंचाई गई और फिर यह सोशल मीडिया पर लीक कैसे हुई।
चरित्र हनन के प्रयासों का आरोप
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद उनके खिलाफ षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 18 साल पुराने पारिवारिक मामले को जानबूझकर उछाला जा रहा है और झूठे आरोप लगाकर उनके चरित्र को खराब किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकरण में पूर्व अकाली नेताओं का हाथ है।
इस्तीफा देने से इनकार
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने साफ कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने दमदमा साहिब में शिरोमणि कमेटी द्वारा उपलब्ध कराए गए आवास को खाली कर दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि दो दिसंबर के फैसले को बदलने के लिए पंज सिंह साहिबों की कोई बैठक बुलाई जाती है, तो वह उसमें हिस्सा नहीं लेंगे।