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शीतकालीन सत्र में बोले सीएम मान, केंद्र व विपक्ष पर किए तीखे हमले

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चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्रवाई दौरान सी.एम. मान ने सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के धन्यवादी हैं कि उन्हें विधानसभा सैशन बुलाने की इजाजत दी गई क्योंकि इससे पहले जितने भी सैशन बुलाए गए, उन्हें लेकर पंजाब गवर्नर द्वारा कई तरह के सवाल उठाए जाते रहे हैं। अतः कोर्ट से हमें इंसाफ मिला और विधानसभा सैशन बुलाने की इजाजत दी गई। उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का ही नहीं, बल्कि वह पंजाब गवर्नर का भी धन्यवाद करते हैं। वहीं आज पंजाब विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन दो मनी बिलों को सर्वसम्मति के साथ पास कर दिया गया। इस दौरान एक भी वोट इन बिलों के विरोध में नहीं पड़ी।

अपने संबोधन के दौरान सी.एम. मान ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते कहा कि बिना तथ्यों के बात न करें। उन्होंने कहा कि खुद ध्यान देते नहीं और हमें काम करने से रोकते हैं। सी.एम. मान ने कहा कि हमें सरकार बनानी भी आती है और चलानी भी।

वहीं वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए जी.एस.टी. बिल पर सी.एम. मान ने कहा कि जी.एस.टी. जब पूरे देश में लागू हुई तो कई तरह के सवाल उठाए गए थे। जी.एस.टी. से पहले वैट लागू था, जिसमें कई तरह के केस लंबित थे। पंजाब के व्यापारी कन्फ्यूज थे, लेकिन हमारी सरकार इस पर हम वन टाइम सैटलमैंट लेकर आई और 1 करोड़ तक के केस बिल्कुल ही माफ किए गए। सी.एम. ने कहा कि पंजाब में रैवेन्यू पहले से काफी बढ़ा है और पंजाब सरकार का खजाना पूरी तरह से भरा है तथा पैसे की कोई कमी नहीं है। लोगों का पैसा लोगों पर ही लगाया जा रहा है, जो किसी भी योजनाओं के तहत लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।

पिछली सरकारों पर बरसते हुए सी.एम. मान ने कहा कि सड़कों की मुरम्मत करवाने को लेकर आई एक रिपोर्ट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें पता चला है कि 540 कि.मी. सड़कें ऐसी हैं, जिनका कहीं नामोनिशान तक ही नहीं है, जिसकी गहनता से जांच होगी। सी.एम. मान ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि जो बिल हमने पास किए हैं, उन्हें पंजाब गवर्नर की तरफ से जल्द मंजूरी दे दी जाएगी। पंजाब पूरे देश में रोल माडल बन गया है। हमारी सरकार लोगों को नौकरियां बांटते समय किसी तरह का कोई पक्षपात नहीं करती। पंजाब में लगने वाले धरनों को लेकर सी.एम. मान ने कहा कि पंजाब भवन में कई तरह से सिटिंग रूम बनाए गए हैं, जो लोगों व सरकार के बीच बातचीत करने के हमेशा तैयार हैं।

वहीं करप्शन के मुद्दे पर सी.एम. मान ने कहा कि अभी तक पंजाब से पूरी तरह करप्शन खत्म नहीं हुआ है, आए दिन कई तरह के मामले सामने आए हैं। लेकिन आने वाले समय में पूरी तरह से नुकेल कस दी जाएगी।

सी.एम. मान ने कहा कि केंद्र सरकार पर बरसते हुए कहा कि केंद्र को जी.एस.टी. का हिस्सा खुद ब खुद राज्यों को देना चाहिए। लेकिन हमें बार-बार इसके लिए गुहार लगानी पड़ती है। हालांकि सभी राज्यों द्वारा जी.एस.टी. कलैक्शन कर केंद्र को दी जाती है और अपने हिस्से के लिए इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब को लेकर हर तरह के फंडों पर रोक लगाने में जुटी है।

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2019 में भाजपा को 303 सीटें मिली थी, इस बार जनता ने 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर 240 पर ला दिया – Chadha

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Raghav Chadha ने कहा कि इस बजट से कई लोग नाखुश हैं, जिनमें भाजपा के समर्थक भी शामिल हैं। उनका मानना ​​है कि पिछले 10 सालों से सरकार आम लोगों से टैक्स के जरिए बहुत ज्यादा पैसे ले रही है। चड्ढा का मानना ​​है कि भारत में लोग बहुत सारे टैक्स देते हैं, लेकिन बदले में उन्हें अच्छी सेवाएं नहीं मिलती हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 10 रुपये कमाता है, तो सरकार उससे करीब 7-8 रुपये टैक्स लेती है, लेकिन उसे अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य या परिवहन नहीं देती है।

चड्ढा सवाल करते हैं कि अगर सरकार बदले में अच्छी सेवाएं नहीं देती है, तो इतना टैक्स क्यों है। राघव चड्ढा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में क्यों हारी। उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य वजह अर्थव्यवस्था, अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था है। देश की अर्थव्यवस्था ठीक नहीं चल रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां बहुत सारे लोग रहते हैं।

यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में भाजपा की सीटें कम हुई हैं। 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार उन्हें जीएसटी नामक टैक्स की वजह से सिर्फ 240 सीटें ही मिलीं। ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था इस समय बहुत खराब है, क्योंकि कीमतें बहुत अधिक हैं, पर्याप्त नौकरियाँ नहीं हैं और किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। सरकार ने किसानों को अधिक पैसे कमाने और उनकी फसलों के उचित दाम दिलाने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।

चड्ढा ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले लोग पहले की तुलना में कम पैसे कमा रहे हैं। 2014 में, एक दिन काम करने वाला व्यक्ति तीन बोरी अरहर दाल खरीद सकता था, लेकिन अब वह केवल 1.5 बोरी ही खरीद सकता है। इसका मतलब है कि कीमतें बढ़ रही हैं और वे कम कमा रहे हैं। इस वजह से, भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ वोटों का नुकसान हुआ।

चुनावों में उनके खराब प्रदर्शन का एक और कारण यह है कि खाद्य पदार्थों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। आटा, दूध, चावल और दही जैसी चीज़ें अब अधिक महंगी हो गई हैं। देश में खाद्य पदार्थों की कीमत में नौ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इसका मतलब यह है कि भले ही किसान खाद्य पदार्थ उगा रहे हैं और बेच रहे हैं, लेकिन वे उतना पैसा नहीं कमा रहे हैं जितना उन्हें कमाना चाहिए। तो वह सारा अतिरिक्त पैसा कहाँ जा रहा है?

अर्थव्यवस्था की मदद करने के बारे में उनके पास सरकार के लिए कुछ विचार थे। एक विचार यह सुनिश्चित करना था कि जब कीमतें बढ़ें, तो लोगों द्वारा अर्जित की जा सकने वाली न्यूनतम राशि भी बढ़े। दूसरा विचार यह सुनिश्चित करना था कि किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य मिले। और अंत में, उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को किसानों को उनकी फसलों के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करने का वादा करना चाहिए, जैसा कि स्वामीनाथन आयोग ने सिफारिश की थी।

उनका चौथा विचार यह था कि संपत्ति बेचने से होने वाले मुनाफे पर कर समान रहना चाहिए, अन्यथा यह रियल एस्टेट उद्योग को नुकसान पहुंचाएगा। इससे लोगों के लिए नए घर खरीदना मुश्किल हो सकता है और बिल्डरों को नुकसान हो सकता है। चड्ढा ने एक उदाहरण देकर इसे समझाया कि कैसे नई कर प्रणाली से रियल एस्टेट में अधिक अवैध धन का उपयोग हो सकता है और अधिक घोटाले हो सकते हैं।

पांचवां सुझाव है कि स्टॉक, म्यूचुअल फंड और बैंक खातों जैसी चीजों में निवेश करके लंबी अवधि के लिए पैसे बचाएं। छठा सुझाव है कि स्टॉक, म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय विकल्पों जैसी चीजों में निवेश करके भी पैसे बचाएं।

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हथियार के साथ Social Media पर तस्वीर डालने वालो की अब बख्शा नहीं जाएगा

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पंजाब पुलिस Social Media हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करने वालों पर कड़ी नजर रखेगी। पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी अपने कर्मचारियों को इस पर ध्यान देने को कह रहे हैं। अगर कोई ऑनलाइन हथियार दिखाते हुए पकड़ा गया तो उससे हथियार रखने की अनुमति छीन ली जाएगी।

हर जिले की पुलिस को इस नियम का पालन करने को कहा गया है। इसके अलावा पुलिस सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले या वीडियो शेयर करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित करने की तैयारी कर रही है। पुलिस प्रमुख उन अधिकारियों को रोकने के लिए गंभीर हैं जो वर्दी में वीडियो बनाकर ऑनलाइन पोस्ट करते हैं।

सरकार ने सभी पुलिसकर्मियों को ऐसा करना बंद करने और अपने सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने को कहा है। अगर कोई कर्मचारी या बॉस कुछ गलत करता है तो आपको तुरंत एसएसपी को बताना चाहिए। वे जांच करेंगे और उन लोगों को दंडित करेंगे जो अपने बॉस द्वारा तय नियमों को तोड़ते रहते हैं। इन कर्मचारियों को वेतन वृद्धि भी नहीं मिल सकती है।

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CM Mann नीति आयोग की Meeting में ना शामिल होने का किया फैसला

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27 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की Meeting में चार राज्यों के शामिल होने से इनकार करने के बाद पंजाब ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है|

कांग्रेस शासित तीन राज्य कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश पहले ही नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं. इसके अलावा डीएमके शासित तमिलनाडु भी इस बैठक में शामिल नहीं होगा |

पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का कहना है कि पंजाब सरकार ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. पार्टी भारत की भागीदार है, इसलिए वह गठबंधन के घटक दलों के फैसले के साथ भी है. आप संगठन के महासचिव डॉ. संदीप पाठक ने कहा है कि नीति आयोग की बैठक का कोई मतलब नहीं है. बड़ी-बड़ी बातें होती हैं लेकिन होता कुछ नहीं |

नीति आयोग की बैठक में सिर्फ एक राज्य को पीछे धकेलने और एक राज्य को आगे बढ़ाने पर चर्चा होती है. उन्होंने कहा कि आज केंद्र की मोदी सरकार छोटी मानसिकता से राजनीति कर रही है. हमें सरकार को जगाना होगा. उन्हें आपको बताना होगा कि आप गलत कर रहे हैं।

नरेंद्र मोदी एक विशाल और महान देश के प्रधानमंत्री हैं और इतनी छोटी सोच से राजनीति करेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि मंगलवार को पेश किये गये आम बजट में देश के अधिकतर राज्यों की उपेक्षा की गयी है. ऐसे में देश कैसे आगे बढ़ेगा?

आपको बता दें कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकारें हैं, जिनके मुख्यमंत्रियों को नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए पत्र भेजा गया है. वैसे राज्य सरकार की ओर से नीति आयोग में प्रस्ताव जमा किया जायेगा |

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