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पंजाब मे दीवाली से पहले खड़ी हुई बड़ी मुसीबत, पढ़ें पूरी खबर

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चंडीगढ़: नकदी संकट से जूझ रहे पंजाब के लिए दिवाली से पहले एक बार फिर बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है।  पंजाब को पिछले साल के मुकाबले केंद्र द्वारा दी जाने वाले ग्रांट और योगदान के साथ पंजाब का राज्सव घाटा 61 फीसदी बढ़ गया है। साल की पहली छमाही से पता चलता है कि पिछले साल के 12,055,23 करोड़ के मुकाबले इस साल केंद्र से घाटा और योगदान के सिर्फ 4,726.60 करोड़ रुपए ही प्राप्त हुए है।

अप्रैल और सिंतबर के बीच राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 2022 में 39,882.21 करोड़ रुपए से कम होकर इस साल 38, 230.17 करोड़ रुपए रह गई है। इस कारण राज्य को अपनी देनदारियों को पूरा करने के लिए बाजार में उधार का सहारा लेना पड़ रहा है।  चालू वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीनों के दौरान राज्य सरकार ने 20,446.07 करोड़ रुपए उधार लिए हैं, जबकि वर्ष 2022-23 की इसी अवधि के दौरान 11,465.98 करोड़ रुपए कर्ज के रूप में लिए गए थे। यह भी पता चला है कि राज्य का गैर-कर राजस्व इस वर्ष निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है। इस साल अप्रैल से सितंबर के दौरान 7,823.99 करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 2,282.17 करोड़ रुपए की वसूली हुई है. पिछले साल के पहले छह महीनों में सरकार ने गैर-कर राजस्व से 35.57 फीसदी की वसूली की थी।

इस प्रकार सरकार के पास बुनियादी ढांचे के निर्माण, रखरखाव और उस पर खर्च करने के लिए बहुत कम पैसा है। पिछले साल के 6 महीनों में सरकार का पूंजीगत व्यय 1,898.36 करोड़ रुपए था, जो अब केवल 1481.93 करोड़ रुपये है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि संसाधनों की कमी के बावजूद राज्य सरकार 2022 से सिंकिंग फंड बनाकर 7,738 करोड़ रुपए बचाने में कामयाब रही है। साथ ही, पिछले साल 7,568.20 करोड़ रुपये की तुलना में इस साल सरकार द्वारा 10,751.95 करोड़ रुपए की सब्सिडी जारी की गई है।

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