Connect with us

Punjab

पंजाब सरकार ने खरीदा गोइंदवाल प्लांट, अब सस्ती होगी बिजली, CM मान ने बताया ऐतिहासिक कदम

Published

on

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि जब सरकारें अपने संस्थान प्राइवेट सेक्टर को बेच रहीं हैं, तब पंजाब सरकार ने प्राइवेट थर्मल प्लांट खरीद कर इतिहास रचा है. उन्होंने कहा कि इससे राज्य को बिजली की खरीद में 300 से 350 करोड़ रुपए बचेंगे. इस प्लांट का नाम तीसरे गुरू साहिब श्री गुरु अमरदास जी के नाम पर होगा.

नये साल के मौके पर पंजाब के लोगों को तोहफा देते हुये मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब ने 1080 करोड़ रुपए की लागत के साथ प्राईवेट कंपनी जी.वी.के. पावर के स्वामित्व वाला गोइन्दवाल पावर प्लांट खरीद कर इतिहास रचा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली दफा है जब सरकार ने कोई प्राईवेट पावर प्लांट खरीदा है. जबकि पिछले समय में राज्य सरकारें अपने चहेते को कम कीमतों पर सरकारी संस्थान बेचने की आदी थीं.

भगवंत मान ने कहा कि किसी राज्य सरकार की तरफ से पावर प्लांट का यह सबसे कम कीमत पर किया समझौता है क्योंकि 600 मेगावाट के क्षमता वाले कोरबा वेस्ट, झाबुआ पावर और लैंको अमरकंटक जैसे पावर प्लांट क्रमवार 1804 करोड़ रुपए, 1910 करोड़ और 1818 करोड़ रुपए में ख़रीदे गए. उन्होंने कहा कि यह 540 मेगावाट के क्षमता वाला पावर प्लांट दो करोड़ रुपए प्रति मेगावाट के हिसाब के साथ खरीदा गया है.

सबसे कम कीमत में हुआ सौदा- मान

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह किसी पावर प्लांट के लिए अब तक की सबसे कम कीमत है, जबकि अब तक हुई ख़रीदों के मुताबिक कीमत तीन करोड़ रुपए प्रति मेगावाट पड़ी है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस प्लांट का नाम तीसरे गुरू साहिब के नाम पर श्री गुरु अमरदास थर्मल पावर प्लांट होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस थर्मल प्लांट की क्षमता 61 प्रतिशत थी, जबकि इसमें से सिर्फ 34 फीसदी तक का ही प्रयोग होता था परन्तु अब इस प्लांट की क्षमता को 75 से 80 प्रतिशत तक किया जायेगा, जिससे राज्य में बिजली पैदावार में विस्तार होगा.

उन्होंने कहा कि इससे बिजली खरीद समझौतों में से 33 प्रतिशत (प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ हुए तीन समझौतों में एक) की कटौती हो जायेगी. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहली जनवरी 2018 को बठिंडा और रोपड़ के सरकारी पॉवर प्लांट पक्के तौर पर बंद कर दिए गए थे परन्तु आज जनहितैषी सरकार ने राज्य में बिजली सप्लाई बढ़ाने के लिए प्राईवेट पावर प्लांट खरीदा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पछवाड़ा कोयला खदान का कोयला सिर्फ़ सरकारी बिजली प्लांटों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इस कारण अब इस प्लांट की ख़रीद से यह कोयला यहां बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिससे राज्य के हरेक क्षेत्र को बिजली मुहैया होगी.

अब बिजली दर में होगी कटौती- मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ख़रीद समझौते से बिजली की दर में प्रति यूनिट एक रुपए की कटौती करने में मदद मिलेगी, जिससे बिजली ख़रीद पर 300 से 350 करोड़ रुपए की बचत होगी. इससे राज्य के लोगों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि पछवाड़ा कोयला खदान से कोयला मिलने के कारण बिजली की उच्च पैदावार (दोगुनी से अधिक) करने में मदद मिलेगी क्योंकि प्लांट लोड फैक्टर अब तक के औसतन 34 प्रतिशत के मुकाबले 75 से 80 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे पंजाब के नौजवानों के लिए रोजगार के नये मौके खुलेंगे, जिससे वह राज्य की तरक्की और ख़ुशहाली में बराबर हिस्सेदार बनेंगे.

1992 में शुरू हुआ गोइंदवाल प्लांट

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 540 मेगावाट (2×270) की क्षमता वाला गोइंदवाल प्लांट के प्रोजैक्ट का विचार साल 1992 में किया गया था. उन्होंने कहा कि शुरुआती तौर पर 500 मेगावाट की क्षमता वाले प्लांट का समझौता साल 2000 में हुआ था जिसके बाद 540 मेगावाट की क्षमता वाले प्लांट के लिए एम.ओ.यू. 2006 में हुआ और इसके उपरांत साल 2009 में 540 मेगावाट के लिए संशोधित बिजली खरीद समझौता हुआ था.

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह प्रोजेक्ट साल 2016 में अमल में आया था परन्तु अब पी.एस.पी.सी.एल. ने 11 और कंपनियों के मुकाबले में इसको खरीद लिया था. इन 11 कंपनियों में जिन्दल पावर, अडाणी पावर, वेदांता ग्रुप, रश्मि मेटालिकस, शेरीशा टैकनालॉजिज़, साई वर्धा पावर, मेगा इंजीनियरिंग एंड इनफ्रास्टरक्कचर, इंडिया कोक एंड पावर प्राईवेट लिमिटेड, आर.के.जी.फंड (आर.के.जी.ट्रस्स्ट), के.एल.यू. रिसोर्स और कैपरी ग्लोबल होलडिंग एंड प्राईवेट लिमटड ने फरवरी, 2023 को अपने आवेदन जमा करवाये थे, जिसके बाद आखिर में पी.एस.पी.सी.एल ने इसको खरीद लिया.

2016-23 में 11165 मिलियन यूनिट बिजली खरीद हुई

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि साल 2016-2023 के दरमियान राज्य सरकार ने इस प्लांट से 7902 करोड़ रुपए अदा करके 11165 मिलियन यूनिट बिजली ख़रीदी थी. उन्होंने कहा कि दुख इस बात का है कि बिना बिजली खरीदे जी.वी.के. थर्मल प्लांट को 1718 करोड़ अदा करने पड़े. पावर प्लांट को 7.08 रुपए प्रति औसतन यूनिट मुताबिक अदायगी की गई. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पछवाड़ा कोयला खदान से कोयले की स्पलाई शुरू होने से बिजली की कीमत प्रति यूनिट 4.50 रुपए प्रति यूनिट होगी जिससे सालाना 300-350 करोड़ रुपए की बचत होगी और यह पैसा लोगों की भलाई पर खर्चा जायेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 दिसंबर तक पी.एस.पी.सी.एल. के सभी बकाए अदा किये जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह प्लांट सरकार के हाथों में आने से राज्य में अब तीन सरकारी और दो प्राईवेट थर्मल प्लांट कार्यशील हैं. भगवंत सिंह मान ने याद करते हुये कहा कि साल 2009 में इस प्लांट की शुरुआत के मौके हुए समागम के दौरान उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया था और खुशकिस्मती से अब परमात्मा ने इस प्लांट को खरीदने के लिए भी उनको चुना है और इस प्रोजैक्ट से लोगों को और अतिरिक्त ज्यादा बिजली सप्लाई मिलेगी.

पंजाब सरकार का कैलेंडर और डायरी जारी

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार सुबह साल 2024 के लिए पंजाब सरकार की डायरी और कैलेंडर जारी किया. मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि कैलेंडर और डायरी का नक्शा सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा डिजाइन और तैयार किया गया है. इसे कंट्रोलर प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी पंजाब द्वारा छापा गया है. इस दौरान सूचना एवं लोक संपर्क मंत्री चेतन सिंह जौड़ेमाजरा ने बताया कि कई सालों बाद साल के पहले दिन डायरी और कैलेंडर जारी किया गया है.

इस मौके पर मुख्य सचिव अनुराग वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव विजॉय कुमार सिंह, सचिव सूचना एवं लोक संपर्क मालविन्दर सिंह जग्गी, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के डायरैक्टर भुपिन्दर सिंह और अन्य उपस्थित थे.

author avatar
Editor One
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Punjab

2019 में भाजपा को 303 सीटें मिली थी, इस बार जनता ने 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर 240 पर ला दिया – Chadha

Published

on

Raghav Chadha ने कहा कि इस बजट से कई लोग नाखुश हैं, जिनमें भाजपा के समर्थक भी शामिल हैं। उनका मानना ​​है कि पिछले 10 सालों से सरकार आम लोगों से टैक्स के जरिए बहुत ज्यादा पैसे ले रही है। चड्ढा का मानना ​​है कि भारत में लोग बहुत सारे टैक्स देते हैं, लेकिन बदले में उन्हें अच्छी सेवाएं नहीं मिलती हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 10 रुपये कमाता है, तो सरकार उससे करीब 7-8 रुपये टैक्स लेती है, लेकिन उसे अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य या परिवहन नहीं देती है।

चड्ढा सवाल करते हैं कि अगर सरकार बदले में अच्छी सेवाएं नहीं देती है, तो इतना टैक्स क्यों है। राघव चड्ढा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में क्यों हारी। उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य वजह अर्थव्यवस्था, अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था है। देश की अर्थव्यवस्था ठीक नहीं चल रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां बहुत सारे लोग रहते हैं।

यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में भाजपा की सीटें कम हुई हैं। 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार उन्हें जीएसटी नामक टैक्स की वजह से सिर्फ 240 सीटें ही मिलीं। ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था इस समय बहुत खराब है, क्योंकि कीमतें बहुत अधिक हैं, पर्याप्त नौकरियाँ नहीं हैं और किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। सरकार ने किसानों को अधिक पैसे कमाने और उनकी फसलों के उचित दाम दिलाने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।

चड्ढा ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले लोग पहले की तुलना में कम पैसे कमा रहे हैं। 2014 में, एक दिन काम करने वाला व्यक्ति तीन बोरी अरहर दाल खरीद सकता था, लेकिन अब वह केवल 1.5 बोरी ही खरीद सकता है। इसका मतलब है कि कीमतें बढ़ रही हैं और वे कम कमा रहे हैं। इस वजह से, भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ वोटों का नुकसान हुआ।

चुनावों में उनके खराब प्रदर्शन का एक और कारण यह है कि खाद्य पदार्थों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। आटा, दूध, चावल और दही जैसी चीज़ें अब अधिक महंगी हो गई हैं। देश में खाद्य पदार्थों की कीमत में नौ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इसका मतलब यह है कि भले ही किसान खाद्य पदार्थ उगा रहे हैं और बेच रहे हैं, लेकिन वे उतना पैसा नहीं कमा रहे हैं जितना उन्हें कमाना चाहिए। तो वह सारा अतिरिक्त पैसा कहाँ जा रहा है?

अर्थव्यवस्था की मदद करने के बारे में उनके पास सरकार के लिए कुछ विचार थे। एक विचार यह सुनिश्चित करना था कि जब कीमतें बढ़ें, तो लोगों द्वारा अर्जित की जा सकने वाली न्यूनतम राशि भी बढ़े। दूसरा विचार यह सुनिश्चित करना था कि किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य मिले। और अंत में, उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को किसानों को उनकी फसलों के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करने का वादा करना चाहिए, जैसा कि स्वामीनाथन आयोग ने सिफारिश की थी।

उनका चौथा विचार यह था कि संपत्ति बेचने से होने वाले मुनाफे पर कर समान रहना चाहिए, अन्यथा यह रियल एस्टेट उद्योग को नुकसान पहुंचाएगा। इससे लोगों के लिए नए घर खरीदना मुश्किल हो सकता है और बिल्डरों को नुकसान हो सकता है। चड्ढा ने एक उदाहरण देकर इसे समझाया कि कैसे नई कर प्रणाली से रियल एस्टेट में अधिक अवैध धन का उपयोग हो सकता है और अधिक घोटाले हो सकते हैं।

पांचवां सुझाव है कि स्टॉक, म्यूचुअल फंड और बैंक खातों जैसी चीजों में निवेश करके लंबी अवधि के लिए पैसे बचाएं। छठा सुझाव है कि स्टॉक, म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय विकल्पों जैसी चीजों में निवेश करके भी पैसे बचाएं।

author avatar
Editor Two
Continue Reading

Punjab

हथियार के साथ Social Media पर तस्वीर डालने वालो की अब बख्शा नहीं जाएगा

Published

on

पंजाब पुलिस Social Media हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करने वालों पर कड़ी नजर रखेगी। पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी अपने कर्मचारियों को इस पर ध्यान देने को कह रहे हैं। अगर कोई ऑनलाइन हथियार दिखाते हुए पकड़ा गया तो उससे हथियार रखने की अनुमति छीन ली जाएगी।

हर जिले की पुलिस को इस नियम का पालन करने को कहा गया है। इसके अलावा पुलिस सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले या वीडियो शेयर करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित करने की तैयारी कर रही है। पुलिस प्रमुख उन अधिकारियों को रोकने के लिए गंभीर हैं जो वर्दी में वीडियो बनाकर ऑनलाइन पोस्ट करते हैं।

सरकार ने सभी पुलिसकर्मियों को ऐसा करना बंद करने और अपने सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने को कहा है। अगर कोई कर्मचारी या बॉस कुछ गलत करता है तो आपको तुरंत एसएसपी को बताना चाहिए। वे जांच करेंगे और उन लोगों को दंडित करेंगे जो अपने बॉस द्वारा तय नियमों को तोड़ते रहते हैं। इन कर्मचारियों को वेतन वृद्धि भी नहीं मिल सकती है।

author avatar
Editor Two
Continue Reading

Punjab

CM Mann नीति आयोग की Meeting में ना शामिल होने का किया फैसला

Published

on

27 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की Meeting में चार राज्यों के शामिल होने से इनकार करने के बाद पंजाब ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है|

कांग्रेस शासित तीन राज्य कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश पहले ही नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं. इसके अलावा डीएमके शासित तमिलनाडु भी इस बैठक में शामिल नहीं होगा |

पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का कहना है कि पंजाब सरकार ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. पार्टी भारत की भागीदार है, इसलिए वह गठबंधन के घटक दलों के फैसले के साथ भी है. आप संगठन के महासचिव डॉ. संदीप पाठक ने कहा है कि नीति आयोग की बैठक का कोई मतलब नहीं है. बड़ी-बड़ी बातें होती हैं लेकिन होता कुछ नहीं |

नीति आयोग की बैठक में सिर्फ एक राज्य को पीछे धकेलने और एक राज्य को आगे बढ़ाने पर चर्चा होती है. उन्होंने कहा कि आज केंद्र की मोदी सरकार छोटी मानसिकता से राजनीति कर रही है. हमें सरकार को जगाना होगा. उन्हें आपको बताना होगा कि आप गलत कर रहे हैं।

नरेंद्र मोदी एक विशाल और महान देश के प्रधानमंत्री हैं और इतनी छोटी सोच से राजनीति करेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि मंगलवार को पेश किये गये आम बजट में देश के अधिकतर राज्यों की उपेक्षा की गयी है. ऐसे में देश कैसे आगे बढ़ेगा?

आपको बता दें कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकारें हैं, जिनके मुख्यमंत्रियों को नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए पत्र भेजा गया है. वैसे राज्य सरकार की ओर से नीति आयोग में प्रस्ताव जमा किया जायेगा |

author avatar
Editor Two
Continue Reading

Trending