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Mann सरकार की नई पहल: 3–19 साल तक के हर बच्चे को मिलेगी Education Guarantee2026–27 Education Plan के लिए Door-to-Door Survey Launched

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पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्य के हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ने के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। 18 नवंबर 2025 से पूरे पंजाब में घरघर सर्वे शुरू हो चुका है। यह सिर्फ एक औपचारिक काम नहीं, बल्कि यह आपके बच्चों के बेहतर भविष्य की गारंटी है। सरकार का साफ कहना है—पंजाब का कोई भी बच्चा पढ़ाई से बाहर नहीं रहेगा।

क्यों हो रहा है घरघर सर्वे?

इस सर्वे का सबसे बड़ा उद्देश्य है कि 3 से 19 साल तक के हर उस बच्चे की पहचान की जाए जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा रहा। सरकार खास ध्यान उन बच्चों पर दे रही है जो अब तक पढ़ाई के अधिकार से दूर रह जाते थे, जैसे—

  • प्रवासी मज़दूर परिवारों के बच्चे
  • दिहाड़ी मजदूरों के बच्चे
  • झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले
  • सड़क पर काम करने वाले
  • ढाबों, गैराजों, दुकानों या छोटे कामों में लगे बच्चे
  • कूड़ा बीनने वाले
  • खानाबदोश (Nomadic) परिवारों के बच्चे

अब ऐसे बच्चे “अदृश्य” नहीं रहेंगे। सरकार उन्हें स्कूलों से जोड़ने के लिए पूरी जिम्मेदारी ले रही है।

कैसे हो रहा है सर्वे?

सरकारी स्कूलों के हेड और इंचार्ज को उनके स्कूल से 3–5 किलोमीटर के इलाके में आने वाले हर घर का सर्वे करना है।

  • टीमें आपके दरवाज़े पर आकर बच्चों की जानकारी लेंगी।
  • जो बच्चे स्कूल में नहीं हैं, उनका नाम तुरंत रिकॉर्ड किया जाएगा।
  • स्कूल प्रमुखों को कम से कम 80% एंट्री क्रॉस-वेरिफाई करनी होंगी, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो।
  • सारा डेटा एक मोबाइल ऐप पर अपलोड होगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी।

सरकार का साफ संदेश है—कोई बच्चा छूटना नहीं चाहिए।

इन बच्चों के लिए सरकार क्या करेगी?

सर्वे में जिन बच्चों की पहचान होगी, उन्हें:

  • मुफ्त में सरकारी स्कूलों में दाखिला मिलेगा।
  • जरूरत होने पर उन्हें Special Training Centres (STC) में अतिरिक्त मदद दी जाएगी।
  • कुछ बच्चों के लिए आवासीय स्कूल (Residential Schools) की सुविधा भी दी जाएगी।

यानी जो बच्चा अभी पढ़ाई से दूर है, वह अब सीधे मुख्यधारा में लाया जाएगा।

2026–27 शिक्षा योजना इसी डेटा पर बनेगी

यह सर्वे इसलिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इसी डेटा के आधार पर सरकार अपनी नई वार्षिक शिक्षा योजना 2026–27 बनाएगी।

इस योजना में शामिल होगा:

  • जहाँ ज़रूरत होगी, वहाँ नए School of Eminence खोलना
  • स्मार्ट क्लासरूम बनाना
  • नए शिक्षकों की भर्ती
  • बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएँ देना
  • पिछड़े इलाकों में विशेष शिक्षा कार्यक्रम चलाना

यह प्लान पूरी तरह डेटा-ड्रिवन डेवलपमेंट पर आधारित होगा। मतलब, अब फैसले अंदाज़े पर नहीं बल्कि वास्तविक ज़रूरत पर होंगे।

क्यों कहा जा रहा है यह ऐतिहासिक कदम?

यह पहली बार है कि शिक्षा विभाग की टीमें सिर्फ स्कूल या ऑफिस में बैठकर काम नहीं कर रहीं, बल्कि वे आपके घर तक आ रही हैं। गरीब, मजदूर और पिछड़े वर्ग को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि कोई बच्चा पढ़ाई से बाहर न रह जाए।

सरकार का फोकस साफ है—
VIP culture खत्म
हर बच्चे को बराबर का सम्मान
हर परिवार को शिक्षा की सुविधा

अधिकारियों का क्या कहना है?

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक:

  • यह सर्वे आने वाले समय में शिक्षा से जुड़े बड़े फैसलों की नींव बनेगा।
  • इससे पता चलेगा कि कहाँ कितने बच्चे पढ़ाई से बाहर हैं।
  • किन बच्चों को तुरंत हस्तक्षेप या मदद की जरूरत है।
  • राज्य की असल जरूरतों को समझकर सही योजनाएं बनाई जा सकेंगी।

यह कदम पंजाब में शिक्षा सुधार की दिशा में सबसे बड़ा आधार माना जा रहा है।

सरकार का संदेश

पंजाब का हर बच्चा पढ़ेगा, तभी पंजाब फिर से रंगला पंजाब बनेगा!”

यह नारा मान सरकार की उस सोच को दिखाता है जहाँ शिक्षा को हर परिवार का मूल अधिकार माना गया है।

यह सर्वे सिर्फ कागज़ों का काम नहीं, बल्कि लाखों बच्चों के भविष्य को रोशन करने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है।

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