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Chandigarh

35 वर्षों के सियासी सफर में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं कुमारी सैलजा

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चंडीगढ़ : हरियाणा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अभी से सियासी हलचल तेज हो चुकी है। इसी बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा ने एक बार फिर से विधानसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की है। विशेष बात यह है कि कुमारी सैलजा छत्तीसगढ़ में मतदान होने के बाद बड़ी जीत के आत्मविश्वास से लबरेज अब एक बार फिर से अपने गृह राज्य हरियाणा में आक्रामक तेवरों साथ नजर आ रही हैं। कुमारी सैलजा ने यह भी साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला हाईकमान तय करेगा। खास बात यह है कि कुमारी सैलजा भी स्वयं को कभी मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में न खुद प्रस्तुत करती हैं और कार्यकर्ताओं को भी ऐसा करने से रोकती हैं।

सैलजा जल्द ही राज्य की सभी दस संसदीय क्षेत्रों में यात्रा के जरिए जनसंपर्क अभियान चलाकर जनता की नब्ज भी टटोलेंगी। इससे पहले सैलजा अपने अब तक के करीब 35 वर्ष के सक्रिय सियासी सफर में केंद्र की राजनीति में ही सक्रिय रही हैं और वे 4 बार लोकसभा की सदस्य रहने के अलावा 1 बार राज्यसभा सदस्य और 3 बार केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। 1991 में वे नरसिम्हा राव सरकार में उप शिक्षा मंत्री रहीं। 2004 में मनमोहन सरकार में वे आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री रहीं। 2009 से 2012 तक वे सामाजिक अधिकारिता, जबकि 2012 से 2014 तक पर्यटन मंत्री रहीं। 2014 में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया।

पिता के निधन के बाद राजनीति में सैलजा हुईं सक्रिय

उल्लेखनीय है कि कुमारी सैलजा अपने पिता चौ.दलबीर सिंह के निधन के बाद साल 1988 में सियासत में सक्रिय हुईं। उनके पिता के निधन के बाद 1988 में हुए उपचुनाव में कुमारी सैलजा ने सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन कामयाबी नहीं मिलीं। सैलजा 1991 और 1996 में सिरसा से, जबकि 2004 और 2009 में अंबाला से सांसद चुनी गईं। सैलजा ने अब तक के अपने 35 वर्ष के सियासी सफर में करीब 7 संसदीय चुनाव लड़े, लेकिन एक बार भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। वे 1988, 1991, 1996 और 1998 में सिरसा से जबकि 2004, 2009 और 2014 में अंबाला से चुनाव लड़ चुकी हैं। कुमारी सैलजा को सितंबर 2019 में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया गया। वे इस पद पर 20 अप्रैल 2022 तक रहीं।

इसके बाद से ही सैलजा अक्सर लोकसभा चुनाव की बजाय विधानसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं। अब एक बार फिर से सैलजा ने कहा है कि वे कई बार संसदीय चुनाव लड़ चुकी हैं और अब प्रदेश की सियासत में सक्रिय होने के चलते वे विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाना चाहती हैं। हालांकि सैलजा ने यह इच्छा जाहिर की है कि वे विधानसभा चुनाव लडऩा चाहती हैं, लेकिन हाईकमान जो भी फैसला करेगा वो उन्हें स्वीकार्य होगा। सियासी विशेषज्ञों का मानना है कि सैलजा उकलाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती हैं। उकलाना से 2019 में जजपा के अनूप धानक विधायक चुने गए थे और कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थीं। पिछले काफी समय से छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में सक्रिय कुमारी सैलजा अब एक बार फिर से अपने गृह राज्य में अपनी राजनीतिक गतिविधियां तेज करते हुए सभी दस संसदीय क्षेत्रों में दस्तक भी देंगी।

पुराने साथियों के साथ लगातार समन्वय बरकरार

खास बात यह है कि कुमारी सैलजा का शुरूआती राजनीतिक कर्मक्षेत्र सिरसा रहा। इसके अलावा वे हिसार में भी सक्रिय रहीं और साल 1999 के बाद उन्होंने अंबाला को अपनी कर्मभूमि बना लिया। बावजूद इसके अंबाला, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद जैसे क्षेत्रों में अपने पुराने साथियों व समर्थकों के साथ उनका समन्वय लगातार बरकरार रहा। खास पहलू यह है कि छत्तीसगढ़ का प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद भी समय-समय पर कुमारी सैलजा लगातार सिरसा, अंबाला, फतेहाबाद व हिसार सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में सक्रिय नजर आईं हैं। अभी पिछले सप्ताह अपने सिरसा प्रवास के दौरान कुमारी सैलजा अपने समर्थकों के बीच पहुंचीं और उनसे सियासी मंथन भी किया। यही नहीं पिछले कुछ महीनों में सिरसा, फतेहाबाद के अनेक कांग्रेसी भी कुमारी सैलजा के नेतृत्व में कांग्रेस में वापसी कर चुके हैं। इसके अलावा कुमारी सैलजा सिरसा संसदीय क्षेत्र में दो बड़ी सभाएं भी कर चुकी हैं। कुमारी सैलजा के इस तरह के आक्रामक तेवरों के साथ सक्रिय होने के बाद अब उनके समर्थक भी काफी उत्साहित नजर आ रहा हैा।  सोशल मीडिया पर तो उनके कई समर्थकों की ओर से सैलजा को भावी मुख्यमंत्री के रूप में भी प्रोजैक्ट किया जा रहा है।

सैलजा को संगठन का है लंबा अनुभव

कुमारी सैलजा को संगठन में भी बड़ा लंबा अनुभव है। 1990 में कुमारी सैलजा को हरियाणा महिला कांग्रेस का प्रधान भी चुना गया। इसके अलावा वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य रहने के अलावा कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य भी हैं। वर्तमान में कुमारी सैलजा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव हैं। पिछले साल दिसंबर में कुमारी सैलजा को छत्तीसगढ़ का प्रभारी नियुक्त किया गया था। 1991 में वे पहली बार सिरसा से सांसद चुनी गईं और 29 वर्ष की उम्र में केंद्रीय मंत्री बनीं। 1996 में कुमारी सैलजा दूसरी बार सिरसा सीट से सांसद निर्वाचित हुईं। साल 1998 में वे इनैलो के डा. सुशील इंदौरा से चुनाव हार गईं। साल 2004 के संसदीय चुनाव में पार्टी ने उन्हें सिरसा की बजाय अम्बाला संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया और उस चुनाव में उन्होंने अम्बाला संसदीय क्षेत्र से भाजपा के रत्तनलाल कटारिया को हराया। 2009 के संसदीय चुनाव में वे फिर से अम्बाला से सांसद चुनी गईं। 2014 में उन्हें कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने राज्यसभा का सदस्य जबकि 2019 में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। खास बात यह है कि कुमारी सैलजा एकमात्र ऐसी महिला नेत्री हैं जो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनी हैं, जबकि उनसे पहले किसी महिला को कांग्रेस अध्यक्ष पद तक पहुंचने का अवसर हासिल नहीं हुआ।

वफादारी का मिलता रहा है पुरस्कार

गौरतलब है कि कुमारी सैलजा को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का विश्वासपात्र माना जाता है। कुमारी सैलजा कांग्रेस पार्टी के प्रति हमेशा से ही वफादार रही हैं। 1988 से लेकर अब तक के 35 वर्षों के सफर में कुमारी सैलजा ने कभी भी पार्टी की लक्ष्मण रेखा को नहीं लांघा है और हमेशा अनुशासन के दायरे में रहकर संगठन के लिए काम किया। यही वजह रही कि पार्टी हाईकमान द्वारा कुमारी सैलजा को वफादारी का पुरस्कार भी दिया जाता रहा है। इस कड़ी में उन्हें कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने सांसद से लेकर केंद्रीय मंत्री, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव, अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य एवं छत्तीसगढ़ के प्रभारी जैसे बड़े पदों पर नियुक्त किया है। उल्लेखनीय है कि विवादों से हमेशा दूर रहने वाली कुमारी सैलजा ने संगठन में रहते हुए पार्टी को मजबूत किया है। विशेष बात यह है कि उन्हें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का भी करीबी माना जाता है। कुमारी सैलजा के पिता चौ. दलबीर सिंह तीन दशक कांग्रेस की सियासत में सक्रिय रहे और अपने पिता के निधन के बाद 1988 से कुमारी सैलजा कांग्रेस में रहकर राजनीति कर रही हैं। कांग्रेस हाईकमान की ओर से अप्रैल 2022 में जब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से उन्हें हटाया गया तो भी सैलजा ने शीर्ष नेतृत्व के फैसले को ही सर्वोपरि बताया था। इसके साथ ही कुमारी सैलजा तेजी से एक दलित महिला नेत्री के रूप में राष्ट्रीय राजनीति में पहचान बनाने में सफल हुई हैं। 

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चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला कांस्टेबल ने कंगना रनौत को थप्पड़ मारा, सस्पेंड

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बॉलीवुड अभिनेत्री और मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर गुरुवार को CISF की महिला कांस्टेबल कुलविंदर कौर ने थप्पड़ मार दिया। कुलविंदर को सस्पेंड कर दिया गया है। उसने ऐसा कंगना के किसानों को लेकर दिए बयान से नाराज होकर किया है। कंगना ने भी वीडियो जारी कर दावा किया है कि थप्पड़ मारने वाली किसान आंदोलन की समर्थक थी।

इसके अलावा सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में कपूरथला की कुलविंदर कौर कह रही है कि कंगना ने सौ-सौ रुपए लेकर आंदोलन पर बैठने की बात की थी, उस समय मेरी मां भी आंदोलन पर बैठी थी। कंगना चंडीगढ़ एयरपोर्ट से भाजपा की संसदीय दल की दिल्ली में होने वाली बैठक में हिस्सा लेने जा रही थीं। इस घटना के बाद कंगना दिल्ली रवाना हो गई।

मेरी मां भी किसान आंदोलन में बैठी थीः कुलविंदर

CISF की कांस्टेबल कुलविंदर कौर का एक वीडियो सामने आया। इसमें उसने कहा कि यह (कंगना रनौत) कहती है औरतें 100-100 रुपए में बैठी थी फॉर्मर प्रोटेस्ट में, ये बैठेगी वहां पर। मेरी मां बैठी थी जब इसने बयान दिया था। गौरतलब है कि 2020 में किसान आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग महिला प्रदर्शनकारी का फोटो पोस्ट कर कंगना ने लिखा था कि यह 100 रुपए में आंदोलन पर जाती हैं। उस समय कंगना के इस बयान का काफी विरोध हुआ था। इसके बाद कंगना ने बयान हटा दिया था।

पंजाब में बढ़ रहा उग्रवाद कैसे हैंडल करेंगेः कंगना

मैं सुरक्षित हूं। चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सिक्युरिटी चेक कर जब मैं निकली तो दूसरे कमरे में सीआईएसएफ की जो सुरक्षाकर्मी थीं, उन्हें पास करने का प्रयास किया। इसी दौरान उन्होंने सामने से आकर मेरे चेहरे पर मारा। इसके बाद वो अपशब्द कहने लगीं। जब उनसे पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो उन्होंने कहा कि वो किसान आंदोलन को सपोर्ट करती हैं। मैं सुरक्षित हूं, लेकिन मेरी चिंता ये है कि जो आतंकवाद और उग्रवाद पंजाब में बढ़ रहा है, उसे हम कैसे हैंडल करेंगे।’

भाई बोला- बुरा बोलोगे तो जवाब मिलेगा

CISF कांस्टेबल कुलविंदर कौर का मायका कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी के गांव महिवाल में हैं। उसका भाई शेर सिंह किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का कपूरथला से संगठन सचिव है। शेर सिंह ने कहा, उन्हें पता नहीं है कि उसकी बहन ने ऐसा क्यों किया, लेकिन उनकी मां शंभू बॉर्डर पर दिए जाने वाले धरने में शामिल थी।

अगर किसी की मां-बहन को कोई बुरा बोलेगा तो किसी की भी भावनाएं आहत होंगी। ऐसा करने वाले को उसका जवाब तो मिलेगा ही। उसकी बहन कुलविंदर कौर पिछले 2 साल से चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर तैनात है। कुलविंदर के पति भी सीआईएसएफ में हैं। उनके 2 बच्चे (बेटा-बेटी) हैं।

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Chandigarh News : आखिर अमरुद घोटाला है क्या ? पंजाब के 22 ठिकानों पर ED की कार्रवाई

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Enforcement directorate

Ghuva Scam : अमरुद बाग घोटाले को लेकर सूचना निदेशालय (ईडी) एक्शन मोड में है। पंजाब सरकार द्वारा अधिग्रहीत जमीन में अमरूद के बाग दिखाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने जांच तेज कर दी है. टीम ने बुधवार को चंडीगढ़, मोहाली और फिरोजपुर समेत 22 जगहों पर छापेमारी की.

इस बीच टीम पंजाब के आईएएस वरुण रुजम के घर भी पहुंची. टीम को मौजूदा एक्साइज कमिश्नर वरुण रूजम के घर के पीछे एक पार्क में कुछ फटे हुए दस्तावेज मिले. इन दस्तावेज़ों में अमरूद के बागानों का उल्लेख है। ईडी को शक है कि खुद को बचाने के लिए दस्तावेजों को फाड़कर फेंक दिया गया.

इसके साथ ही वरुण की पत्नी पर फर्जी तरीके से करोड़ों रुपये का मुआवजा लेने का भी आरोप है. इसके अलावा फिरोजपुर के डीसी राजेश धीमान की पत्नी भी इस मामले में आरोपी हैं. इसके साथ ही ईडी कारोबारियों, प्रॉपर्टी डीलरों और अन्य लोगों के घरों तक पहुंची है. ईडी लंबे समय से इस मामले की जांच कर रही थी। इसके मुताबिक गमाडा से सारा रिकार्ड कब्जे में ले लिया गया है।

पता चला है कि इन टीमों में ईडी जालंधर के अधिकारी भी शामिल हैं. ये टीमें स्थानीय पुलिस को भी साथ लेकर आई हैं। इसके साथ ही इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. इस बीच जो लोग घरों में मिले उन्हें अंदर ले जाया गया। किसी को फोन आदि करने की इजाजत नहीं थी।

आपको बता दें कि मामला ग्रेटर मोहाली डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा एयरपोर्ट रोड पर एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है. गमाडा द्वारा अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत दिया गया था। उस जमीन में लगे अमरूद के पेड़ों की कीमत जमीन से अलग दी जाती थी।

उद्यान विभाग द्वारा फलदार वृक्षों की कीमत तय की गई। इसके बाद, भूमि अधिग्रहण कलेक्टर ने बागवानी निदेशक को फलों के पेड़ों की एक सर्वेक्षण सूची भेजी और पेड़ों की एक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की।

जमीन अधिग्रहण से पहले कुछ लोगों ने यहां अमरूद के पौधे लगाए थे, लेकिन गमाडा अधिकारियों के मुताबिक उनकी उम्र 4 से 5 साल बताई जा रही है। इससे उनका मुआवज़ा काफी बढ़ गया. इस तरह एक साथ कई लोगों को गलत तरीके से मुआवजा मिल गया. इस मामले में विजिलेंस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन मुआवजा राशि वापस जमा कराने पर कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।

इस मामले में आरोपियों ने मुआवजा पाने के लिए ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) द्वारा अधिग्रहीत की जाने वाली जमीन पर मानक से अधिक अमरूद के पेड़ लगा दिए थे। आरोप है कि जमीन के पट्टाधारकों ने प्रति एकड़ 2000 से 2500 पेड़ दिखाए। यह पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की प्रति एकड़ 132 पेड़ों की सिफारिश से कहीं अधिक था।

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Chandigarh: Top 10 Restaurants. ये लोकप्रिय क्यों हैं ?

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Chandiagrh

ये चंडीगढ़ के शीर्ष 10 रेस्तरां हैं। ये रेस्तरां चंडीगढ़ में विविध पाक दृश्य को दर्शाते हैं, जो बढ़िया भोजन से लेकर अनौपचारिक भोजनालयों तक भोजन के अनुभवों की एक श्रृंखला प्रदान करते हैं, और दुनिया भर के विभिन्न व्यंजनों को प्रदर्शित करते हैं।

Virgin Courtyard : वर्जिन कोर्टयार्ड एक बढ़िया भोजनालय है जो अपने रोमांटिक माहौल और इतालवी व्यंजनों के लिए जाना जाता है। यह बाहर बैठने के साथ एक आकर्षक वातावरण प्रदान करता है, जो रोमांटिक रात्रिभोज या विशेष अवसरों के लिए एकदम सही है। मेन्यू में विभिन्न प्रकार के प्रामाणिक इतालवी व्यंजन जैसे पास्ता, रिसोटो, लकड़ी से बने पिज्जा और स्वादिष्ट मिठाई शामिल हैं। रेस्तरां भोजन के पूरक के रूप में बढ़िया वाइन का चयन भी प्रदान करता है। Location: SCO 1A, Madhya Marg, Sector 7C, Chandigarh.


Swagath Restaurant & Bar: स्वागत रेस्तरां और बार अपने प्रामाणिक दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। रेस्तरां ताजा सामग्री और सुगंधित मसालों के साथ तैयार किए गए पारंपरिक दक्षिण भारतीय व्यंजनों का एक विविध मेनू प्रदान करता है। डोसा और इडली से लेकर स्वादिष्ट करी और बिरयानी तक, स्वागत व्यंजनों की एक रमणीय श्रृंखला परोसता है जो दक्षिण भारतीय स्वादों के सार को पकड़ता है। रेस्तरां का आकर्षक माहौल और चौकस सेवा भोजन के अनुभव को बढ़ाती है। Location: SCO 7, Sector 26, Chandigarh.


Pal Dhaba: पाल ढाबा एक लोकप्रिय भोजनालय है जो अपने उत्तर भारतीय और पंजाबी व्यंजनों के लिए जाना जाता है। इसमें एक देहाती माहौल है जो पारंपरिक पंजाबी ढाबों के आकर्षण को दर्शाता है। पाल ढाबा अपने मुँह में पानी लाने वाले तंदूरी व्यंजनों, रसीले कबाब, समृद्ध करी और ताज़ी पकाई हुई रोटी के लिए प्रसिद्ध है। रेस्तरां के हार्दिक और स्वादिष्ट भोजन, इसके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के साथ, इसे स्थानीय लोगों और आगंतुकों के बीच समान रूप से पसंदीदा बना दिया है। Location: SCO 151 & 152, Sector 28 D, Sector 28, Chandigarh.

Nandoo’s: नंदो एक प्रसिद्ध श्रृंखला रेस्तरां है जो लौ-ग्रिल्ड पेरी-पेरी चिकन में विशेषज्ञता रखता है। दक्षिण अफ्रीका से उत्पन्न, नंदो अपने विशिष्ट पेरी-पेरी मैरिनेड के साथ एक अनूठा भोजन अनुभव प्रदान करता है, जो चिकन को मसालेदार और तीखे स्वादों से भर देता है। अपने प्रसिद्ध चिकन व्यंजनों के अलावा, नंदो के मेनू में विभिन्न प्रकार के साइड, सलाद और मिठाई शामिल हैं, जो सभी उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और मोटे मसालों के साथ तैयार किए जाते हैं। Location: Elante Mall, 178-178A, Purv Marg, Industrial Area Phase I, Chandigarh.


Whistling Duck: व्हिसलिंग डक एक ट्रेंडी रेस्तरां है जो वैश्विक व्यंजनों की विशेषता वाले अपने विविध मेनू के लिए जाना जाता है। रेस्तरां आधुनिक सजावट और आरामदायक बैठने के साथ एक जीवंत वातावरण प्रदान करता है। मेन्यू में दुनिया भर के स्वादों का मिश्रण शामिल है, जिसमें एशियाई स्टिर-फ्राइज़ और भूमध्यसागरीय सलाद से लेकर अमेरिकी बर्गर और मैक्सिकन टैको तक के विकल्प शामिल हैं। व्हिसलिंग डक में एक अच्छी तरह से भंडारित बार भी है जो कॉकटेल, वाइन और स्पिरिट के चयन परोसता है। Location: SCO 10, Back Lane, Sector 26, Chandigarh.


Brooklyn Central: ब्रुकलिन सेंट्रल एक लोकप्रिय रेस्तरां है जो अपने अमेरिकी शैली के भोजन और जीवंत वातावरण के लिए जाना जाता है। ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क के अनौपचारिक भोजन दृश्य से प्रेरित, रेस्तरां बर्गर, सैंडविच, रिब्स और स्टीक्स जैसे क्लासिक अमेरिकी व्यंजनों की विशेषता वाला एक मेनू प्रदान करता है। अपने जीवंत वातावरण, औद्योगिक-चिक सजावट और मैत्रीपूर्ण सेवा के साथ, ब्रुकलिन सेंट्रल भोजन करने वालों के लिए एक आधुनिक मोड़ के साथ आरामदायक भोजन का आनंद लेने के लिए एक स्वागत योग्य स्थान प्रदान करता है। Location: SCO 20, Madhya Marg, Sector 26, Chandigarh.


Café JC’s: कैफे जेसी एक आरामदायक कैफे है जो अपने आरामदायक माहौल और महाद्वीपीय और इतालवी व्यंजनों के विविध मेनू के लिए जाना जाता है। कैफे इनडोर और आउटडोर बैठने के विकल्पों के साथ एक आकर्षक सेटिंग प्रदान करता है। मेन्यू में नाश्ते के सामान, सैंडविच, सलाद, पास्ता और लकड़ी से बने पिज्जा शामिल हैं, जो सभी ताजा और स्थानीय रूप से प्राप्त सामग्री का उपयोग करके तैयार किए जाते हैं। कैफे जेसी कॉफी, चाय, स्मूदी और मॉकटेल सहित पेय पदार्थों का चयन भी प्रदान करता है। Location: SCO 437 & 438, Sector 35C, Chandigarh.


The Willow Cafe: द विलो कैफे एक अनोखा भोजनालय है जो अपने शांत वातावरण और शाकाहारी-अनुकूल भोजन के लिए जाना जाता है। कैफे एक आरामदायक और स्वागत योग्य वातावरण प्रदान करता है, जिसमें अंदर और बाहर हरियाली से घिरा हुआ है। मेन्यू में सलाद, सैंडविच, रैप्स, सूप और भारतीय विशेषताओं सहित विभिन्न प्रकार के शाकाहारी और शाकाहारी विकल्प शामिल हैं। विलो कैफे जैविक और टिकाऊ सामग्री का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भोजन करने वालों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। Location: Shop 1, Inner Market, Sector 10 D, Chandigarh.

Gustoso: गुस्टोसो एक प्रामाणिक इतालवी रेस्तरां है जो अपने लकड़ी से बने पिज्जा और क्लासिक इतालवी व्यंजनों के लिए जाना जाता है। रेस्तरां गर्म रोशनी और सुरुचिपूर्ण सजावट के साथ एक स्टाइलिश और समकालीन सेटिंग प्रदान करता है। मेन्यू में एंटीपास्टी, पास्ता, रिसोटस और मुख्य व्यंजनों की एक श्रृंखला है, जो सभी प्रामाणिक इतालवी स्वादों और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री के साथ तैयार किए जाते हैं। गुस्टोसो के पास भोजन के अनुभव के पूरक के रूप में इतालवी वाइन प्रदर्शित करने वाली वाइन की एक विस्तृत सूची भी है। Location: SCO 16 & 17, Madhya Marg, Sector 7C, Chandigarh.


Hops n Grains: हॉप्स एन ग्रेन्स एक सूक्ष्म शराब बनाने की दुकान और रेस्तरां है जो अपने शिल्प बियर और स्वादिष्ट भोजन प्रसाद के लिए जाना जाता है। शराब बनाने की दुकान पारंपरिक शराब बनाने की तकनीकों और प्रीमियम सामग्री का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के हस्तनिर्मित बीयर का उत्पादन करती है, जिसमें लेजर्स, एल्स और स्टाउट्स शामिल हैं। अपने बीयर के अलावा, हॉप्स एन ग्रेन्स ऐपेटाइज़र, बर्गर, पिज्जा, कबाब और भारतीय विशिष्टताओं का एक विविध मेनू प्रदान करता है, जो सभी अपने पेय के साथ पूरी तरह से जोड़ी बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। जीवंत वातावरण, जीवंत संगीत और मैत्रीपूर्ण सेवा हॉप्स एन ग्रेन्स को बीयर के शौकीनों और भोजन प्रेमियों के लिए समान रूप से एक लोकप्रिय गंतव्य बनाती है। Location: SCO 358, Sector 9, Panchkula, Chandigarh.

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